For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

आइये जाने मां दुर्गा की उत्‍पत्ति की कहानी

By Super
|

हिंदू धर्म में मां दुर्गा की आराधना के लिए विशेष रूप से नवरात्रि का त्‍यौहार मनाया जाता है। इस त्‍यौहार को साल में दो बार मनाया जाता है। मां दुर्गा को कई नामों जैसे- काली, पार्वती, गौरी, सती, महामाया और महिषासुर मर्दिनी के नाम से जाना जाता है। मां दुर्गा के रूप पार्वती को भगवान शिव की अर्धांगनी माना जाता है। मां दुर्गा की उत्‍पत्ति की गाथा कुछ इस प्रकार है: नवरात्री में आरती की थाली ऐसे सजाएं

एक बार की बात है, एक भैंसा दानव था, जिसे महिषासुर के नाम से जाना जाता था, जो बड़ा शक्तिशाली था। वह सभी देवताओं का वध करना चाहता था, ताकि वह संसार में सर्वोच्‍च हो सकें। इससे घबराकर सभी देवता, सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रहम् के पास गए और अपनी बात कही। तब सभी ने सर्वसम्‍मत्ति से अपनी शक्तियों से मिलाकर देवी दुर्गा का सृजन किया।

Story Of Goddess Durga's Creation

देवी दुर्गा का सृजन सभी की शक्तियों को मिलाने से ही संभव था ताकि महिषासुर का वध किया जा सकें। मां देवी दुर्गा का स्‍वरूप, बेहद आकर्षक है, उनके मुख में सौम्‍यता और स्‍नेह झलकता है। उनके दस हाथ हैं, जिसमें हर एक में एक विशेष शस्‍त्र है। उन्‍हे हर भगवान और देवता ने कुछ न कुछ अवश्‍य दिया था, भगवान शिव ने त्रिशुल, भगवान विष्‍णु ने चक्र, भगवान वायु ने तीर आदि।

देखिये दुर्गा पूजा की बेहतरीन तस्‍वीरे

मां के कपड़े और सवारी: मां दुर्गा की सवारी शेर है, जो हिमावंत पर्वत से लाया गया था। इस प्रकार देवी दुर्गा को महिषासुर का वध करने के लिए बनाया गया। बाद में देवी दुर्गा ने महिषासुर को मार डाला। इस स्‍वरूप को आप अक्‍सर तस्‍वीरों और मूर्तियों में देख सकते हैं।

महिषासुर को देवी दुर्गा ने अपने शेर और शस्‍त्रों से मार डाला। इस प्रकार मां दुर्गा, आज भी बुरी बाधाओं का वध करने के लिए पूजी जाती हैं। साल में चैत्र माह की नवरात्रि मुख्‍य होती है।

Story first published: Thursday, September 25, 2014, 18:44 [IST]
Desktop Bottom Promotion