Just In
- 10 hrs ago Blackheads Removal Tips: नहीं निकल रहे हैं ठुड्डी पर धंसे हुए ब्लैकहेड्स? 5 मिनट में ये नुस्खें करेंगे काम
- 11 hrs ago आम पन्ना से 10 गुना ज्यादा ठंडक देता है इमली का अमलाना, लू से बचने का है देसी फार्मूला
- 13 hrs ago रूबीना दिलैक ने शेयर किया स्तनपान से जुड़ा दर्दनाक एक्सपीरियंस, नई मांए ने करें ये गलती
- 14 hrs ago Gajalakshmi Yog April 2024: 12 वर्षों के बाद मेष राशि में बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, इन 3 राशियों पर बरसेगा पैसा
Don't Miss
- News VASTU TIPS : घर में समृद्धि लाना है तो इन उपायों पर गौर फरमाइए
- Education UP Board 12th Result 2024: यूपी बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2024 कल 2 बजे आयेगा, यहां देखें UPMSP Result डाउनलोड लिंक
- Movies OOPS: बेटे अरहान से गंदी बातें करने के बाद अब इस हाल में दिखी मलाइका, बार-बार ठीक करती रही लटकती फिसलती ड्रेस
- Technology Vivo के इस 5G फोन की कल होने जा रही एंट्री, लॉन्च से पहले कीमत से लेकर फीचर्स तक की डिटेल लीक
- Travel हनुमान जयंती : वो जगहें जहां मिलते हैं हनुमान जी के पैरों के निशान
- Finance Employee Count: देश की टॉप IT कंपनियों में कम हो गए 63,759 कर्मचारी, जानें किस कंपनी में कितने लोग हुए कम
- Automobiles 3 करोड़ की कार में वोट डालने पहुंचे साउथ सिनेमा के दिग्गज स्टार Dhanush, फैंस ने किया स्वागत
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
रविवार को ना खाएं ये 5 वस्तुएं, वरना सूर्य देव का प्रकोप होगा आप पर
भगवान सूर्य को हिन्दुओं का मुख्य देवता माना जाता है तथा यह वैदिक ज्योतिष के मुख्य तत्वों में से एक है। यह नवग्रहों का मुखिया भी है। उनके दैवीय अवतार में उन्हें सात घोड़ों के रथ पर सवार दिखाया गया है। ये इन्द्रधनुष के साथ रंगों या शरीर के सात चक्रों के प्रतीक हैं।
जानें भगवान शिव को क्यूं नहीं चाढ़ाए जाते ये 5 किस्म के चढ़ावे
भगवान
सूर्य
की
प्रकृति
रविवार
के
इष्टदेव
भगवान
सूर्य
को
उनकी
गर्म
और
सूखी
प्रकृति
के
कारण
वैदिक
ज्योतिष
में
कुछ
हानिकारक
रूप
में
वर्णित
किया
गया
है।
आशीर्वाद
वे
आत्मा,
इच्छा
शक्ति,
प्रसिद्धि,
आँखें,
सामान्य
जीवनशक्ति,
साहस,
शासन,
पिता
और
परोपकार
के
गुणों
का
वर्णन
करते
हैं।
सपने में शिवलिंग या सांप दिखे तो क्या है इसका मतलब
जन्म
पत्रिका
में
भगवान
सूर्य
की
स्थिति
ऐसे
लोग
जिनकी
जन्म
पत्रिका
पर
भगवान
सूर्य
का
राज
होता
है
तथा
वे
लोग
जो
इसके
हानिकारक
कारणों
से
पीड़ित
हैं
उन्हें
यदि
भगवान
सूर्य
के
प्रकोप
से
बचना
है
तो
उन्हें
रविवार
के
दिन
ये
वस्तुएं
नहीं
खानी
चाहिए।
मसूर
मसूर में बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जो मांस में पाए जाने वाले प्रोटीन की तुलना में भी बहुत अधिक होता है। अत: इसे "देव भोग" अर्थात भगवान के प्रसाद के रूप में नहीं खाया जा सकता।
लाल साग
रविवार के दिन लाल साग खाना अशुभ माना गया है क्योंकि इस तरह के मिश्रित अल्पकालिक बारहमासी पौधे को वैष्णव धर्म में मृत्यु का प्रतीक माना गया है।
लहसुन
हालाँकि लहसुन ब्लडप्रेशर को नियंत्रित रखने के लिए अच्छा माना गया है परन्तु इसे रविवार के दिन नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसे मृत व्यक्ति के पसीने के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
मछली
यद्यपि मछली प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत मानी जाती है परन्तु रविवार के दिन इसे न खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह मांस है।
प्याज़
प्याज एक प्रमुख सब्जी है तथा लगभग प्रत्येक घर में पाई जाती है। रविवार के दिन प्याज का सेवन करना अशुभ माना जाता है तथा इसे भगवान सूर्य को भी नहीं चढ़ाया जा सकता।
कारण
जानिये कि रविवार के दिन इन 5 वस्तुओं का सेवन करना क्यों अशुभ माना जाता है। आजकल के समय में गौ हत्या को बहुत ही अधार्मिक माना जाता है परन्तु प्राचीन काल में इस पर कोई प्रतिबंध नहीं था।
गौमेद यज्ञ (1)
ऐसा माना जाता है कि हिंदू कथाओं में गौमेद यज्ञ का उल्लेख मिलता है जिसमें गाय की बलि को एक अनुष्ठान माना जाता था। इसे बलवर्धक माना जाता था। एक बार एक साधु गौमेद यज्ञ करने का विचार करता है जिसमें सुबह गाय की बलि चढ़ाकर उसे शाम तक पुनर्जीवित करने का प्रावधान होता है।
गौमेद यज्ञ (2)
साधु के पत्नी बहुत अधिक कमज़ोर थी। वह भूख सहन नहीं कर पाई। बहुत दिनों से वे फल और कंदमूल खाकर जीवन यापन कर रहे थे अत: उसने मारी हुई गाय के शरीर से एक टुकड़ा निकालकर उसे पकाने का निश्चय किया। परन्तु साधु की पत्नी को मांस की गंध सहन नहीं हुई अत: उसने मांस के टुकड़े को जंगल में फेंक दिया जो बाद में दो टुकड़ों में विभक्त हो गया।
गौमेद यज्ञ (3)
बाद में जब शाम को साधु ने गाय को पुनर्जीवित किया तो जंगल में पड़े हुए टुकड़े भी पुनर्जीवित हो गए। पहला टुकड़ा जो ज़मीन पर गिरा था वह लहसुन बन गया और दूसरा टुकड़ा जो पास के तालाब में गिरा था वह मछली बन गया। ज़मीन पर पडी हुई रक्त की बूँदें मसूर की दाल में परिवर्तित हो गया और त्वचा प्याज़ के रूप में बदल गयी और हड्डियां लाल साग बन गयी।