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कुछ धर्मों में क्‍यूं वर्जित है प्‍याज, लहसुन और मदिरा का सेवन

By Super
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सत्व, रजस और तमस, माया के ये तीन गुण हर मनुष्य के दिमाग में अलग अलग लेवल में मौजूद होते हैं| सत्व वे गुण हैं जो धीरज, संयम, पवित्रता और मानसिक शांति को दर्शाते हैं| कामुकता और धन की लालसा ये रजस गुण हैं| सारी बुराइयां तमस के अंतर्गत आती हैं जैसे गुस्सा, क्रोध, घमंड और विनाशकारी सोच आदि| भगवान के प्रति ध्यान लगाने के लिए रजस और तमस गुणों का कम होना चाहिए ताकि सात्विक गुणों में वृद्धि हो सके|

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बहुत से खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ मानसिक स्थितियों को प्रभावित कर सकते हैं जिससे सत्व, रजस और तमस जैसे गुणों की मात्रा भी प्रभावित होती है| उदाहरण के तौर पर शराब का सेवन व्यक्ति की बर्दाश्त क्षमता को कम करता है और वासना जैसे राजसिक गुणों को बढ़ाता है। इसी तरह से प्याज, लहसुन, हींग आदि खाद्य पदार्थ गुस्से जैसे तामसिक गुणों को बढ़ाते हैं| भगवान के सच्चे भक्त को ऐसी किन्ही भी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए जो कि राजसिक और तामसिक गुणों को बढ़ाते हैं क्यों की ये भगवान की पूजा में अड़चन पैदा करते हैं|

जब राजसिक और तामसिक गुणों में वृद्धि होगी तो मनुष्य का दिमाग शांत नहीं होगा| इसलिए इन स्थितियों में व्यक्ति भगवान में मन नहीं लगा सकता है| जब सत्व गुण की मात्रा बढ़ती है तो व्यक्ति मन से और ईमानदारी से भगवान की पूजा अर्चना करता है| इसलिए भगवान के भक्त को चाहिए कि उसका दिमाग राजसिक और तामसिक प्रकृतियों को दबा दे और सात्विकता की स्थिति को प्राप्त करे|

इसलिए स्वाद (जिव्हा) को मिलाकर सारी इन्द्रियां मनुष्य के वश में और पवित्र हों ताकि दिमाग को भी पवित्र रखा जा सके| मन, कर्म और वचन की पवित्रता द्वारा ईश्वर को खुश किया जा सकता है|

English summary

Why is it Forbidden to Eat meat, alcohol, onions and Garlic?

Have you ever thought that why is it forbidden to eat onions, garlic, meat and alcohol in some hindu religion? Here are some reasons about these taboo food and drink. हिंदू धर्म के कई लोग लहसुन, प्‍याज और मीट-मछली आदि से परहेज करते हैं। जानिये इसका कारण।
Story first published: Thursday, September 18, 2014, 17:55 [IST]
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