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जानें भगवान शिव को क्यूं नहीं चाढ़ाए जाते ये 5 किस्म के चढ़ावे
हिंदू संस्कृति के अनुसार, शिवलिंग कभी ऐसी जगह नहीं रखी जाती जहां उसकी सही रीति-रिवाज से पूजा ना हो। इससे शिव जी नाराज़ हो सकते हैं। यह कहा जाता है कि भगवान शिव या भोलेनाथ बहुत ही मासूम हैं और बहुत आसानी से लोगों की मन्नत पूरी कर देते हैं लेकिन इनका गुस्सा भी उतना ही तेज़ है।
सपने में शिवलिंग या सांप दिखे तो क्या है इसका मतलब
शिव जी को बैरागी कहा गया है इस लिए उन्हें आम ज़िन्दगी में इस्तेमाल होने वाली चीज़ें नहीं चढ़ाई जाती हैं। भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए आप उन्हें भांग-धतूरा, दूध, चंदन, और भस्म चढ़ाते हैं।
भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से सिर्फ वही नहीं सारे भगवन खुश हो जाते हैं। शिव पुराण के अनुसार शिव जी के भक्तों को शिवलिंग पर कभी भी नीचे दी गयी वस्तुएं नहीं चढ़ानी चाहिए।
केतकी के फूल
एक बार ब्रह्माजी व विष्णुजी में विवाद छिड़ गया कि दोनों में श्रेष्ठ कौन है। ब्रह्माजी सृष्टि के रचयिता होने के कारण श्रेष्ठ होने का दावा कर रहे थे और भगवान विष्णु पूरी सृष्टि के पालनकर्ता के रूप में स्वयं को श्रेष्ठ कह रहे थे। तभी वहां एक विराट लिंग प्रकट हुआ। दोनों देवताओं ने सहमति से यह निश्चय किया गया कि जो इस लिंग के छोर का पहले पता लगाएगा उसे ही श्रेष्ठ माना जाएगा। अत: दोनों विपरीत दिशा में शिवलिंग की छोर ढूढंने निकले। छोर न मिलने के कारण विष्णुजी लौट आए। ब्रह्मा जी भी सफल नहीं हुए परंतु उन्होंने आकर विष्णुजी से कहा कि वे छोर तक पहुँच गए थे। उन्होंने केतकी के फूल को इस बात का साक्षी बताया। ब्रह्मा जी के असत्य कहने पर स्वयं शिव वहाँ प्रकट हुए और उन्होंने ब्रह्माजी की एक सिर काट दिया, और केतकी के फूल को श्राप दिया कि शिव जी की पूजा में कभी भी केतकी के फूलों का इस्तेमाल नहीं होगा।
तुलसी
शिव पुराण के अनुसार जालंधर नाम का असुर भगवान शिव के हाथों मारा गया था। जालंधर को एक वरदान मिला हुआ था कि वह अपनी पत्नी की पवित्रता की वजह से उसे कोई भी अपराजित नहीं कर सकता है। लेकिन जालंधर को मरने के लिए भगवान विष्णु को जालंधर की पत्नी तुलसी की पवित्रता को भंग करना पड़ा। अपने पति की मौत से नाराज़ तुलसी ने भगवान शिव का बहिष्कार कर दिया था ।
नारियल पानी
शिव जी की पूजा नारियल से होती है लेकिन नारियल पानी से नहीं। क्योंकि शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली सारी चीज़ें निर्मल होनी चाहिए यानि जिसका सेवन ना किया जाए। नारियल पानी देवताओं को चढ़ाये जाने के बाद ग्रहण किया जाता है इसीलिए शिवलिंग पर नारियल पानी नहीं चढ़ाया जाता है।
हल्दी
शिवलिंग पर हल्दी कभी नहीं चढ़ाई जाती है क्योंकि यह महिलाओं की सुंदरता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होती है। और शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक है।
कुमकुम
सिंदूर या कुमकुम हिंदू महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए लगाती हैं। जैसा की हम जानते हैं कि भगवान शिव विध्वंसक के रूप में जाने जाते हैं इसलिए शिवलिंग पर कुमकुम नहीं चढ़ाया जाता है।