For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

नागा साधु क्‍यूं नहीं पहनते हैं कपडे़?

By Super
|

आपने कई बार कुंभ मेले के कवरेज में देखा होगा कि नागा बाबा लोग कपड़े नहीं पहनते हैं और पूरे शरीर पर राख लपेटकर घूमते हैं। उन्‍हे किसी की कोई शर्म या हया नहीं होती है वो उसी रूप में मस्‍त रहते हैं। उनके हिसाब से उनके इस स्‍वरूप में रहने के कई कारण होते हैं। लेकिन क्‍या आपको इन कारणों के बारे में मालूम है। आइए जानते हैं कि नागा बाबा नंगे क्‍यूं रहते हैं:

क्या भगवान खाने को भोग लगाते हैं?

नागा का अर्थ: नागा शब्‍द का अर्थ ही होता है नंगा। ये साधु पूरी तरह नग्‍न अवस्‍था में रहते हैं और यही इनकी पहचान है। वे स्‍वयं को ईश्‍वर का देवदूत मानते हैं और उनकी उपासना में खुद को लीन कर लेते हैं कि उन्‍हे कपड़ों से कोई मतलब नहीं होता है।

क्‍या है शिवलिंग पर दूध चढ़ाने का वैज्ञानिक रहस्‍य?

 इनका परिवार:

इनका परिवार:

ये समुदाय को ही अपना परिवार मानते हैं। इनके लिए सांसारिक परिवार मायने नहीं रखता है।

कहां रहते हैं:

कहां रहते हैं:

ये लोग कुटिया बनाकर साधु जीवन व्‍यतीत करते हैं। इनका कोई विशेष स्‍थान या घर नहीं होता है।

 क्‍या खाते हैं:

क्‍या खाते हैं:

ये तीर्थयात्रियों द्वारा दिए जाने वाले भोजन को ही ग्रहण करते हैं। इनके लिए दैनिक भोजन का कोई महत्‍व नहीं होता है।

 कपड़े न पहनना:

कपड़े न पहनना:

इनका मानना है कि कपड़े, तन ढ़कने का काम करते हैं जिन्‍हे तन की सुरक्षा करनी हो, वही इसे पहनें। हम नागा बाबा हैं हमारे लिए कपड़ों का कोई महत्‍व नहीं होता है।

 क्‍या करते हैं:

क्‍या करते हैं:

नागा बाबा हर समय ध्‍यान में लीन रहते हैं। इनके विचार दृढ़ होते हैं। इनको मौसम आदि का कोई फर्क नहीं पड़ता है।

नागा इतिहास

नागा इतिहास

सबसे पहले वेद व्यास ने संगठित रूप से वनवासी संन्यासी परंपरा शुरू की। उनके बाद शुकदेव ने, फिर अनेक ऋषि और संतों ने इस परंपरा को अपने-अपने तरीके से नया आकार दिया। बाद में शंकराचार्य ने चार मठ स्थापित कर दसनामी संप्रदाय का गठन किया। बाद में अखाड़ों की परंपरा शुरू हुई। पहला अखाड़ा अखंड आह्वान अखाड़ा' सन् 547 ई. में बना।

नागाओं की शिक्षा और ‍दीक्षा

नागाओं की शिक्षा और ‍दीक्षा

नागा साधुओं को सबसे पहले ब्रह्मचारी बनने की शिक्षा दी जाती है। इस परीक्षा को पास करने के बाद महापुरुष दीक्षा होती है। बाद की परीक्षा खुद के यज्ञोपवीत और पिंडदान की होती है जिसे बिजवान कहा जाता है।

English summary

Why Naga Sadhus Don't Wear Clothes

Do you know why naga sadhus don't wear clothes? Well, let us discuss the same here.
Desktop Bottom Promotion