Just In
- 1 hr ago Mukesh Ambani Quotes On Success: हर युवा को प्रेरित करते हैं मुकेश अंबानी के ये विचार
- 1 hr ago Happy Birthday Mukesh Ambani: बुलंदियों पर पहुंचकर भी जड़ों को न भूलने वाले मुकेश अंबानी को दें जन्मदिन की बधाई
- 2 hrs ago Kamada Ekadashi 2024 Wishes: श्रीहरि विष्णु की कृपा के साथ प्रियजनों को भेजें कामदा एकादशी की शुभकामनाएं
- 10 hrs ago जहरीले अंगूर खाने से बिगड़ सकती हैं तबीयत, एक्सपर्ट ने बताया खाने से पहले कैसे करें साफ
Don't Miss
- News West Bengal Lok Sabha Chunav Live: पश्चिम बंगाल की तीन सीटों पर हो रहा है मतदान
- Education Jharkhand Board 10th Result 2024: कल आयेगा झारखंड बोर्ड 10वीं का परिणाम, कैसे चेक करें JAC Matric Result
- Movies VIDEO: भगवान कृष्ण के सामने सीमा ने की अश्लीलता, वीडियो देख भड़के लोग बोले- कौन से कोठे पर...
- Finance Quarter 4 Result: Bajaj और Infosys ने जारी किया चौथे क्वार्टर का रिजल्ट, दोनों को मिला है बंपर मुनाफा
- Technology डॉक्सिंग क्या होती है, क्या इसके लिए जेल जाना पड़ सकता है?
- Travel बोरिंग जिंदगी से चाहिए ब्रेक तो घूम आएं ये 6 बटरफ्लाई पार्क, जहां फूलों में रंग भरती हैं तितलियां
- Automobiles टोल प्लाजा पर अब नहीं होंगे ये बोर्ड! केंद्र सरकार ने लिया अहम फैसला, जानें डिटेल्स
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
नवरात्री साल में दो बार क्यूं मनाई जाती है?
नवरात्र साल में दो बार मनाया जाता है। इनमें हम माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। वैसे तो नवरात पांच बार होते हैं जिन्हें हम गुप्त नवरात के नाम से भी जानते हैं लेकिन इन्हें बहुत कम लोग मानते हैं। ज्यादातर लोग दो ही नवरात मानते है। एक नवरात्रि गर्मी की शुरुआत पर चैत्र में और दूसरा शीत की शुरुआत पर आश्विन माह में।
गर्मी और जाड़े के मौसम में सौर-ऊर्जा हमें सबसे अधिक प्रभावित करती है। क्योंकि फसल पकने, वर्षा जल के लिए बादल संघनित होने, ठंड से राहत देने आदि जैसे जीवनोपयोगी कार्य इस दौरान संपन्न होते हैं। इसलिए पवित्र शक्तियों की आराधना करने के लिए यह समय सबसे अच्छा माना जाता है। क्या भगवान राम ने की नवरात्रि की शुरूआत?
प्रकृति
में
बदलाव
के
कारण
हमारे
तन-मन
और
मस्तिष्क
में
भी
बदलाव
आते
हैं।
इसलिए
शारीरिक
और
मानसिक
संतुलन
बनाए
रखने
के
लिए
हम
उपवास
रखकर
शक्ति
की
पूजा
करते
हैं।
एक
बार
इसे
सत्य
और
धर्म
की
जीत
के
रूप
में
मनाया
जाता
है,
वहीं
दूसरी
बार
इसे
भगवान
श्रीराम
के
जन्मोत्सव
के
रूप
में
मनाया
जाता
है।
मौसम में बदलाव
नवरात हमेशा मौसम में बदलाव के वक़्त ही मनाये जाते हैं, इसका एक बहुत बड़ा कारण है। क्योंकि गर्मियों में मनाये जाने वाले नवरात में हम ठंड से गर्मी में मौसम बदल रहा होता है इस वक़्त हमारे कुदरती माहोल में भी बहुत सारे बदलाव होते हैं। उनसब बदलाव का हमारे ऊपर कोई बुरा प्रभाव ना पड़े इस लिए हम माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं।
दिन और रात बराबर होते हैं
वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो मार्च और अप्रैल के साथ ही सितंबर और अक्टूबर के बीच, दिन और रात की लंबाई लगभग बराबर होती है। यही कारण है कि नवरात इस वक़्त मनाये जाते हैं। नवरात्र व्रत को कैसे बनाएं स्वास्थ्य के लिये फायदेमंद
खुशनुमा
मौसम
दोनों
ही
नवरात्र
ऐसे
वक़त
पे
बनाये
जाते
हैं,
जब
मौसम
बहुत
सुहावना
होता
है।
राम
नौमी
हिंदू
पौराणिक
कथाओं
अनुसार
यह
मन
जाता
है
कि
भगवान
श्री
राम
ने
लंका
पर
विजय
प्राप्त
करने
के
लिए
माँ
दुर्गा
के
नौ
रूपों
की
पूजा
कि
जिसे
उन्हें
रावण
को
मारने
का
वरदान
प्राप्त
हुआ
था।
इसलिए
ठण्ड
के
समय
मनाये
जाने
वाले
नवरात
को
हम
रामनौमी
के
नाम
से
भी
जानते
हैं।