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धरती के पाप को मिटाने आ गए हैं कृष्‍ण जी

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जन्‍माष्‍टमी हिंदुओ का बड़ा पर्व है। जन्‍माष्‍टमी का पर्व न केवल भारत में ही बल्‍कि विदेशों में बसे भारतीयों के बीच में भी पूरी आस्‍था और धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्‍ण ने अपने मामा कंस का वध करने के लिये खुद मध्‍यरात्रि में मथुरा में जन्‍म लिया था। कथाओ के अनुसार कंस एक बहुत ही दुराचारी राजा था, जिसने पूरे मधुरा में अपना कहर ढा रखा था। कंस कि एक बहन थी देवकी जिसके होने वाले आठंवे पुत्र श्री कृष्‍ण थे।

श्री कृष्‍ण स्‍वयं विष्‍णु जी का अवतार ले कर मथुरा पर जन्‍म लेते हैं। अत: इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इसीलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा नगरी भक्ति के रंगों से सराबोर हो उठती है। श्री कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी के दिन लोग 12 बजे तक व्रत रखते हैं और कृष्‍ण जी का शृंगार कर के उन्‍हें झूला झुलाते हैं।

Janmashtami: Meaning And Significance

मधुरा में तो जन्‍माष्‍टमी देखने लायक होती है। यहां पर कृष्‍ण के रंग में सभी रंग जाते हैं और रात भर भजन-कीर्तन करते हैं। विष्णु धर्म के अनुसार आधी रात के समय रोहिणी में जब कृष्णाष्टमी हो तो उसमें कृष्ण का अर्चन और पूजन करने से तीन जन्मों के पापों का नाश होता है।

जन्‍माष्‍टमी का मतलब बहुत ही गहरा है। जन्‍माष्‍टमी हमें बताती है कि हम किस कदर से खुद के अंधकार से घिरे हुए हैं। हम गुस्‍से, लोभ , लालच और दर्द के बंधन से बंधे हुए हैं। पर जैसे ही श्री कृष्‍ण का जन्‍म होता है, यही

अंधकार उजाले में परिवर्तित हो जाता है। हर साल लोग कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी यह सोंच कर मनाते हैं कि जब जब धरती पर पाप बढे़गा, तब तब भगवान श्री कृष्‍ण किसी न किसी रूप में उस पाप का विनाश करने के लिये पैदा हो जाएंगे।

English summary

Janmashtami: Meaning And Significance

Janmashtami is an important festival for the Hindus. This festival is celebrated with great fervour and enthusiasm throughout the country.
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