Just In
- 12 hrs ago Blackheads Removal Tips: नहीं निकल रहे हैं ठुड्डी पर धंसे हुए ब्लैकहेड्स? 5 मिनट में ये नुस्खें करेंगे काम
- 13 hrs ago आम पन्ना से 10 गुना ज्यादा ठंडक देता है इमली का अमलाना, लू से बचने का है देसी फार्मूला
- 15 hrs ago रूबीना दिलैक ने शेयर किया स्तनपान से जुड़ा दर्दनाक एक्सपीरियंस, नई मांए ने करें ये गलती
- 16 hrs ago Gajalakshmi Yog April 2024: 12 वर्षों के बाद मेष राशि में बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, इन 3 राशियों पर बरसेगा पैसा
Don't Miss
- News इराक में पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स के सैन्य ठिकाने पर भीषण हमला, अमेरिका ने हाथ होने से किया इनकार
- Movies Bollywood Hindi News Live: BMCM की हुई हाफ सेचंरी, गोविंदा की भांजी की शादी की रस्में शुरू
- Technology जर्मनी में रोबोट को मिलेगी छुट्टी, कानपुर के सबस्टेशन पर इंस्पेक्शन करेंगे रोबोट
- Education UP Board 12th Result 2024: यूपी बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2024 कल 2 बजे आयेगा, यहां देखें UPMSP Result डाउनलोड लिंक
- Travel हनुमान जयंती : वो जगहें जहां मिलते हैं हनुमान जी के पैरों के निशान
- Finance Employee Count: देश की टॉप IT कंपनियों में कम हो गए 63,759 कर्मचारी, जानें किस कंपनी में कितने लोग हुए कम
- Automobiles 3 करोड़ की कार में वोट डालने पहुंचे साउथ सिनेमा के दिग्गज स्टार Dhanush, फैंस ने किया स्वागत
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
धरती के पाप को मिटाने आ गए हैं कृष्ण जी
जन्माष्टमी हिंदुओ का बड़ा पर्व है। जन्माष्टमी का पर्व न केवल भारत में ही बल्कि विदेशों में बसे भारतीयों के बीच में भी पूरी आस्था और धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध करने के लिये खुद मध्यरात्रि में मथुरा में जन्म लिया था। कथाओ के अनुसार कंस एक बहुत ही दुराचारी राजा था, जिसने पूरे मधुरा में अपना कहर ढा रखा था। कंस कि एक बहन थी देवकी जिसके होने वाले आठंवे पुत्र श्री कृष्ण थे।
श्री कृष्ण स्वयं विष्णु जी का अवतार ले कर मथुरा पर जन्म लेते हैं। अत: इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इसीलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा नगरी भक्ति के रंगों से सराबोर हो उठती है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लोग 12 बजे तक व्रत रखते हैं और कृष्ण जी का शृंगार कर के उन्हें झूला झुलाते हैं।
मधुरा में तो जन्माष्टमी देखने लायक होती है। यहां पर कृष्ण के रंग में सभी रंग जाते हैं और रात भर भजन-कीर्तन करते हैं। विष्णु धर्म के अनुसार आधी रात के समय रोहिणी में जब कृष्णाष्टमी हो तो उसमें कृष्ण का अर्चन और पूजन करने से तीन जन्मों के पापों का नाश होता है।
जन्माष्टमी का मतलब बहुत ही गहरा है। जन्माष्टमी हमें बताती है कि हम किस कदर से खुद के अंधकार से घिरे हुए हैं। हम गुस्से, लोभ , लालच और दर्द के बंधन से बंधे हुए हैं। पर जैसे ही श्री कृष्ण का जन्म होता है, यही
अंधकार उजाले में परिवर्तित हो जाता है। हर साल लोग कृष्ण जन्माष्टमी यह सोंच कर मनाते हैं कि जब जब धरती पर पाप बढे़गा, तब तब भगवान श्री कृष्ण किसी न किसी रूप में उस पाप का विनाश करने के लिये पैदा हो जाएंगे।