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तस्‍वीरों में देखिये, रिहेब सेंटर में समलैंगिकों के साथ इलाज के बहाने क्‍या-क्‍या होता है

इक्‍वाडोर के रिहेब सेंटर में समलैगिंक महिलाओं के साथ इलाज के नाम से कैसे हिंसक व्‍यवहार किया जाता है।

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इन दिनों सोशल मीडिया पर इक्‍वाडोर की फोटोग्राफर पाओला पेरेदे की एक फोटो सीरीज ने पूरी दुनिया का ध्‍यान अपनी तरफ खींच लिया है। उन्‍होंने अपने फोटो सीरीज Until You Change के जरिए उन्‍होंने इस दर्द की दास्‍तां को बयां करते हुए बताया है कि इक्‍वाडोर में समलैंगिक लोगों का इलाज करने के नाम पर उनका शोषण किया जाता है।

ये फोटोज सच मे दिल दहला देने वाले है। इस फोटो सीरीज की मदद से पाओला ने इन रिहेब सेंटर की सच्‍ची और घिनोने तस्‍वीर दुनिया के सामने लाकर रख दी है।

इन फोटोज में बताया गया है इस रिहेब सेंटर में इलाज के नाम पर किस तरह की यातनाएं दी जाती है बदसलूकी करने के साथ ही इन महिलाओं का रेप तक यहां होता है।

आइए इन तस्‍वीरों से जानते है इक्‍वाडोर के इन रिहेब सेंटर के बारे में -

पहली फोटो सीरीज ने भी बटोरा था ध्‍यान

पहली फोटो सीरीज ने भी बटोरा था ध्‍यान

पिछले साल पाओला ने एक फोटो सीरिज unveiled शूट किया था, जिसमें उन्‍होंने अपनी फैमिली को समलैंगिग होने की बात बताई थी। डाइनिंग टेबल पर 3 घंटे की इस डिस्‍कशन को एक फोटो शूट के जरिए वो दुनिया के सामने लाई थी। जिसे लोगों ने काफी समर्थन दिया।

Homphobic सेंटर बन चुके हैं

Homphobic सेंटर बन चुके हैं

आधिकारिक तौर पर ये क्लीनिक ड्रग्स और शराब के आदी लोगों को नशा छुड़ाने के लिए हैं, लेकिन रिहेब की आड़ में ये जगह Homphobic हो चुकी है और ट्रांसजेंडर्स और समलैंगिक लोगों पर अत्याचार के लिए जानी जाती है।

 जब वे डर गई

जब वे डर गई

पाओला के मुताबिक, जब वे अपने आपको आतंरिक और सेक्सुशल तौर पर एक्सप्लोर कर रही थीं, तब उन्हें इस क्लीनिक के बारे में पता चला था, इस घटना ने उन्हें झकझोर कर रख दिया था। जब उनके पैरेंट्स को मालूम चला कि वो समलैंगिंक है तो उन्‍होंने इस बाता को स्‍वीकार किया।

 इसलिए लाई सच्‍चाई सामने

इसलिए लाई सच्‍चाई सामने

लेकिन हर किसी की किस्‍मत पाओला की तरह नहीं होती है, इक्‍वाडोर में कैथोलिक धर्म में किसी भी तरह के रुपांतरण को स्‍वीकार नहीं करता है। इसलिए ग्रामीण परिवेशों से आने वाले परिवार ऐसे क्‍लीनिकों का सहारा लेते हैं।

जब पाओला को ये ख़्याल आया कि समलैंगिक होने की वजह से उन्हें भी इस क्लीनिक में कैद किया जा सकता है, उसी समय उन्होंने निश्चय कर लिया कि वे इन क्लीनिक्स की सच्चाई को दुनिया के सामने लाएंगी।

अंडरकवर बन कर किया खुलासा

अंडरकवर बन कर किया खुलासा

यही कारण था कि इस क्लीनिक में होने वाले गोरखधंधे के बारे में उन्होंने पता लगाने का फ़ैसला किया। वे अंडरकवर बन कर इस क्लीनिक में दाखिल हुईं। उन्होंने एक माइक्रोफ़ोन को छिपाया और अपने माता-पिता के साथ वे एक ऐसे ही एक क्लीनिक में आ गईं।

मकसद लोगों को अवेयर करना

मकसद लोगों को अवेयर करना

पाओला की इस फ़ोटो सीरीज़ का मकसद है, इक्वाडोर से लेकर यूरोप, अमेरिका और दक्षिण अमेरिका जैसे देशों में Homophobia को लेकर अवगत करना है।

तस्वीर में मौजूद इस महिला को बाथरुम में सफ़ाई करते वक्त बेहद एहतियात बरतनी पड़ती है। उसे टूथब्रश से फ़्लोर को साफ़ करना पड़ता है। कोई भी गलती हो जाने पर उसके हाथों को टॉयलेट के अंदर ज़बरदस्ती डाला जाता है।

खतरनाक शॉवर थैरेपी

खतरनाक शॉवर थैरेपी

इस महिला को नहाने के लिए अधिकतम सात मिनट समय मिलता है। ये समय घटकर चार मिनट भी हो सकता है। नहाने के बाद इसे घंटो कैथोलिक म्यूज़िक सुनना पड़ता है, एल्कोहॉलिक एनोनमस लिटरेचर के बारे में पढ़ना पड़ता है और अपनी समलैंगिक समस्या के लिए थेरेपी लेनी पड़ती है।

बेहोशी की हालत में रेप

बेहोशी की हालत में रेप

कई युवा इक्वाडोरियन महिलाओं का दावा है कि समलैंगिकता के इलाज के बहाने इन क्लीनिक के कर्मचारी लड़कियों के साथ रेप करते हैं। इसके लिए कई महिलाओं को ड्रग देने के बाद बेहोशी की हालत में उनके साथ रेप किया जाता है।

भावनात्‍मक तौर पर कमजोर

भावनात्‍मक तौर पर कमजोर

पुरुष थेरेपिस्ट्स के सामने इन महिलाओं को न चाहते हुए भी मेकअप, शॉट स्कर्ट और हील्स में घूमना पड़ता है. ये इन महिलाओं के लिए भावनात्मक तौर पर बेहद तकलीफ़देह होता है.

 देते है यातनाएं

देते है यातनाएं

इस लड़की को क्लीनिक के कर्मचारियों ने नोट्स पास करते हुए देखा था। इसी के चलते उसे फ़ौरन थेरेपी रूम ले जाया गया। जब वो वापस आई, तो तेज़ आवाज़ में धार्मिक संगीत चलाया जा रहा था। थेरेपिस्ट ने महिला को छाती पर मारा, ठंडे फर्श पर उसे घुटनों के बल बैठने को कहा गया और हाथों में भारी भरकम बाइबिल थमा दी गई।

मारपीट तक करते हैं

मारपीट तक करते हैं

खाने से मना करने का मतलब होता है स्टाफ़ की अथॉरिटी के खिलाफ़ आवाज़ उठाना। इस महिला ने जब ऐसी ही कुछ करना चाहा तो उसे एक कर्मचारी ने हिंसक होते हुए उसे लात मारी और बाकी महिलाओं को इसे सबक के तौर पर लेने को कहा।

200 ऐसे यातनागृह और भी है

200 ऐसे यातनागृह और भी है

इक्वाडोर में ऐसी करीब 200 जगहें हैं जहां समलैंगिक, ट्रांससेक्शुएल महिलाओं का 'इलाज' किया जाता है. दुर्भाग्य से ये सेंटर धड़ल्ले से चालू हैं, ड्रग एडिक्टस् को ठीक करने की आड़ में यहां ट्रांसजेंडर्स और समलैंगिक लोगों पर अत्याचार किया जाता है।

औसत दर्जे का खाना

औसत दर्जे का खाना

यहां खाना भी औसत से कम दर्जे का है। यहां महिलाओं को कई बार कुछ ऐसा पिलाया जाता है जिनके बारे में उन्हें कुछ पता नहीं होता. सेंटर में मौजूद कई महिलाओं को शक है कि उनकी कॉफ़ी या चाय में टॉयलेट पानी, क्लोरिन जैसी चीज़ें मिली होती हैं।

बांध दिया जाता है केदियों की तरह

बांध दिया जाता है केदियों की तरह

इस लड़की को केबल टीवी की तार से मारा गया था, क्योंकि इस महिला ने अपना बैग कुर्सी से नहीं उठाया था। इस महिला को सबसे पहले तब बांधा गया था जब इस लड़की के मां-बाप ने सेंटर लाने के लिए इसे किडनैप करवाया था। एक बार क्लीनिक पहुंचने के बाद इस विद्रोही लड़की को कई बार बेड से बांधा जा चुका है।

करते है बेइज्‍जती

करते है बेइज्‍जती

इस जगह कैद महिलाएं कई घंटे सफ़ाई में बिताती हैं, बाथरूम, ऑफ़िस, कॉरीडोर, किचन की सफ़ाई इन महिलाओं को ही करनी पड़ती है।

अगर यहां मौजूद स्टाफ़ सफ़ाई से संतुष्ट नहीं होता है, तो वे इन महिलाओं को बेइज्ज़त करते हैं या उनके साथ मार पीट करते हैं। पाओला को उम्मीद है कि उनकी इस फ़ोटो सीरीज़ के बाद सरकार इन महिलाओं की मदद के लिए आगे आएगी।

English summary

Scary Pictures Of The Torture Done Inside Clinics That 'Cure' Homosexuality

This is what happens in a clinic that cures homosexuality. The pictures speak volumes...
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