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जानें ऐसे स्थानों के बारे में जहां आज भी महिलाओं के प्रवेश हैं निषेध
कुछ पवित्र स्थानों पर कि महिलाओं के प्रवेश पर रोक है। ऐसा माना जाता है कि महिलाओं के प्रवेश से ये न सिर्फ यह स्थान अपवित्र हो जाएंगें बल्कि पुरुष देवता नाराज़ हो जाएंगें।
भारत विविधताओं वाला देश है और कई ऐसी घटनाएं हैं जो मनुष्य को संशय में डाल देती हैं। भारत एक ऐसा देश हैं जहां विभिन्न देवियों की पूजा की जाती है वहीं उसी देश के कुछ भागों में कन्या भ्रूण हत्या और घरेलू हिंसा जैसी घटनाएं भी होती हैं।
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कई ऐसे नियम हैं जो विशेष तौर पर केवल महिलाओं के लिए बनाए गए हैं। इनमें से ही एक ऐसा नियम है कुछ पवित्र स्थानों पर कि महिलाओं के प्रवेश पर रोक है। ऐसा माना जाता है कि महिलाओं के प्रवेश से ये न सिर्फ यह स्थान अपवित्र हो जाएंगें बल्कि पुरुष देवता नाराज़ हो जाएंगें।
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यहां इस लेख में हमने ऐसे कुछ स्थानों की सूची दी है जहां महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। सूची देखें, इसमें कुछ प्रसिद्ध स्थान हैं जहां महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
शनि शिंगणापुर -
चट्टान की मूर्ति वाले देवता का यह मंदिर एक गलत कारण से चर्चा में आया था जब एक युवा लडकी ने इस चट्टान को स्पर्श कर लिया तो यहां के ट्रस्ट के अधिकारियों ने यहां शुद्धता करवाई। एक विश्वास के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि देवता की इस मूर्ति को प्रतिबंधित क्षेत्र में रखा गया है ताकि महिलाएं इसे स्पर्श न कर सकें।
एएमयू -
रिपोर्ट्स के अनुसार अनुशासन भंग होने के डर से मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी (पुस्तकालय) में महिलाओं को प्रवेश नहीं दिया जाता। उनका ऐसा विश्वास है कि यदि लाइब्रेरी में महिलायें आयेंगी तो लाइब्रेरी आने वाले लड़कों की संख्या चार गुना हो जाएगी जिससे अनुशासन की समस्या बढ़ेगी।
निजामुद्दीन दरगाह - आंतरिक कक्ष
700 सालों से चली आ रही पराम्परा के अनुसार, महिलाएं निजामुद्दीन दरगाह तो जा सकती है। लेकिन एक सीमित क्षेत्र तक उससे आगे वो नहीं जा सकती है। महिलाएं दरगाह के आंतरिक कक्ष की तरफ जा भी नहीं सकती है। क्योंकि वहां संत और मौलवी लोग रहते है।
सबरीमाला -
अय्यप्पा मंदिर के इस नियम के अनुसार 10 से 50 वर्ष के बीच की उम्र वाली महिलाओं का मंदिर में प्रवेश निषेध है। ऐसा कहा जाता है कि जब महिला रजस्वला होने की स्थिति में होती है और इस स्थिति में यदि मंदिर में प्रवेश करती है तो यह स्थान अशुद्ध हो जाता है।
भगवान कार्तिकेय मंदिर - पेहोवा (हरियाणा) और पुष्कर (राजस्थान)
इस मंदिर में भगवान के ब्रह्मचारी स्वरुप की पूजा की जाती है अत: महिलाओं को मंदिर के परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। ऐसा विश्वास है कि जब महिलायें इस मंदिर में प्रवेश करने का प्रयत्न करती हैं तो उन्हें आशीर्वाद के बजाय श्राप मिलता है।
श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर, तिरुवंतपुरुम
दुनिया का सबसे धनी मंदिर माने जाने वाला श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर। यहां भी महिलाओं को लेकर एक अजीब सा नियम है। महिलाएं मंदिर की दहलीज से पूजा कर सकती हैं। लेकिन उनका अंदर जाना मना है। ये मंदिर अपार धन सम्पदा से भरे तहखाने को लेकर चर्चा में आया था। लेकिन अभी भी मंदिर के ट्रस्ट ने महिलाओं के प्रवेश पर रोक नहीं हटाई है। सिर्फ भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग से जुड़ी महिलाएं ही मंदिर के तहखाने में प्रवेश कर सकती हैं।