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बुर्ज खलीफा : दुनिया की सबसे ऊंची इमारत
(आईएएनएस)| विश्व के धनी शहरों में से एक दुबई के नाम जो विश्व का सबसे बड़ा खिताब है, वह है दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा। बुर्ज खलीफा दुबई में स्थित 829.8 मीटर ऊंचाई वाली दुनिया की सबसे ऊंची गगनचुंबी इमारत है। इसके साथ-साथ सबसे ऊंची फ्रीस्टैंडिंग इमारत, सबसे तेज और लंबी लिफ्ट, सबसे ऊंची मस्जिद, सबसे ऊंचे स्वीमिंग पूल, दूसरे सबसे ऊंचे अवलोकन डेक और सबसे ऊंचे रेस्तरां का खिताब भी बुर्ज खलीफा के नाम है। 163 तलों वाली यह इमारत दुनिया के सबसे ज्यादा तलों वाली इमारत भी है। कला की इज्जत करने वाले ये शहर
बुर्ज खलीफा के निर्माण में छह साल का समय लगा और आठ अरब डॉलर की राशि खर्च हुई। इसका निर्माण 21 सितंबर, 2004 में शुरू हुआ था और इसका आधिकारिक उद्घाटन चार जनवरी, 2010 को हुआ था। इमारत निर्माण में 1,10,000 टन से ज्याद कंक्रीट, 55,000 टन से ज्यादा स्टील रेबर लगा है।
12,000 मजदूरों ने प्रतिदिन काम किया
बुर्ज खलीफा को देखते ही आभास होता है कि यह इमारत शीशे और स्टील से बनी हो। इमारत का बाह्य आवरण 26,000 ग्लास पैनलों से बनी है। शीशे के आवरण के लिए चीन से खासतौर पर 300 आवरण विशेषज्ञों को बुलाया गया था। इमारत के निर्माण में लगभग 12,000 मजदूरों ने प्रतिदिन काम किया।
ऊंचाई पर तापमान हो जाता है कम
ऊंचाई के कारण इमारत के शीर्ष तलों पर तापमान भूतलों की अपेक्षा 15 डिग्री सेल्सियस कम रहता है।
बुर्ज दुबई से हुआ बुर्ज खलीफा
यह बात भी दिलचस्प है कि निर्माण के समय इस इमारत का नाम बुर्ज दुबई था लेकिन इमारत के निर्माण में वित्तीय सहायता देने वाले संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायेद अल नाहयान के सम्मान में उद्घाटन के समय इसका नाम बुर्ज खलीफा कर दिया गया।
लिफ्ट चलती है बड़ी तेजी से
इस इमारत की लिफ्ट 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है और इमारत के 124वें तल पर स्थित अवलोकन डेक 'एट द टॉप' तक मात्र दो मिनट में पहुंच जाती है। इस अवलोकन डेक पर टेलीस्कोप से पर्यटक दुबई का नजारा देख सकते हैं।
सबसे ऊंचा स्वीमिंग पूल, मस्जिद और नाइटक्लब
इमारत के 76वें तल पर दुनिया का सबसे ऊंचा स्वीमिंग पूल और 158वें तल पर दुनिया की सबसे ऊंची मस्जिद और 144वें तल पर दुनिया का सबसे ऊंचा नाइटक्लब है।
दिनभर में लगभग 9,46,000 लीटर पानी होता है इस्तमाल
वेबसाइट 'बुर्जखलीफा डॉट एई' के मुताबिक, टॉवर के लिए जल आपूर्ति विभाग दिन भर में औतसन 9,46,000 लीटर पानी की आपूर्ति करता है।
काफी बवाल भी मचा इसके बनने पर
यह इमारत विवादों के घेरे में भी रही है। मानवाधिकार संगठनों ने आरोप लगाया था कि इमारत के निर्माण में अधिकतर मजदूर दक्षिण एशिया के थे और उन्हें मात्र पांच डॉलर दिहाड़ी मजदूरी दी गई थी। इसके अलावा इसे ठंडा रखने के लिए एसी में खर्च होने वाली बिजली पर भी सवाल उठाए गए थे।