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अंतरिक्ष के जीवन की कुछ मजेदार बातें

By Shakeel Jamshedpuri
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एक आम आदमी के लिए अंतरिक्ष के जीवन का अनुभव करना कतई आसान नहीं है। अंतरिक्ष वैज्ञानिक या अंतरिक्ष यात्री ही अंतरिक्ष मिशन के दौरान कुछ दिनों तक अंतरिक्ष के जीवन का अनुभव करते हैं।

हालांकि हम अंतरिक्ष के जीवन की कल्पना नहीं कर सकते, पर कुछ लोग एडवेंचर के लिए तैयार रहते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसा करना नहीं चाहते हैं, पर निश्चित रूप से वे अंतरिक्ष के जीवन के बारे में जानना चाहते होंगे।

 Few interesting facts of space life

अंतरिक्ष के जीवन की कुछ मजेदार बातें

सूर्योदय: अंतरिक्ष में होते हुए आप हर 90 मिनट में सूर्योदय देख सकते हैं। इससे अंतरिक्ष यात्री को सोने में काफी परेशानी होती है। ऐसा सामान्य रात व दिन के शिफ्ट के न होने के कारण होता है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) के प्रबंधकों ने इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए एक नई तरतीब निकाली है। वह अंतरिक्ष यात्री को पृथ्वी के हिसाब से 24 घंटे का शिड्यूल दे देते हैं ताकि वह अपने क्रियाकलाप को यथासंभव धरती के हिसाब से रख सकें।

शारीरिक बदलाव: अंतरिक्ष में कम गुरुत्वाकर्षण के कारण इंसान के रीढ़ की हड्डी पृथ्वी पर होने वाले खिंचाव से मुक्त हो जाती है। ऐसे में जब कोई अंतरिक्ष यात्री अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा करता है तो उनकी लंबाई 2.25 इंच तक बढ़ जाती है।

अंतरिक्ष की कमजोरी:
अंतरिक्ष की कमजोरी से बाहर आने में एक अंतरिक्ष यात्री को कम से कम 2-3 दिन का समय लगता है। अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण के न होने से कमजोरी आती है और यह अंतरिक्ष में जाने वाले हर व्यक्ति के साथ होता है।

सोने की समस्या:
अंतरिक्ष यान में सोना काफी चुनौती भरा होता है। अंतरिक्ष यात्री को सोने के लिए काफी मेहनत करनी होती है। उन्हें आंखों पर पट्टी बांध कर एक बंक में सोना होता है ताकि वह तैरने और इधर-उधर टकाराने से बच सके।

पर्सनल ग्रूमिंग: अंतरिक्ष में पर्सनल ग्रूमिंग कभी भी आसान नहीं होता है। अंतरिक्ष यात्री अपने साथ स्पेशल ग्रूमिंग किट ले जाते हैं और उन्हें अंतरिक्ष यान में बांध कर रखते हैं। वह बाल साफ करने के लिए ऐसे शैंपू ले जाते हैं, जिसके लिए पानी की जरूरत नहीं होती है।

भोजन: चूंकि अंतरिक्ष में गुरुतवाकर्षण नहीं होता है, इसलिए अंतरिक्ष यात्री भोजन पर नमक और मिर्च नहीं झिड़क सकते हैं। साथ ही उन्हें भोजन द्रव्य के रूप में लेना होता है, क्यों सूखे भोजन हवा में तैरने लगेगें और यहां वहां टकराने के साथ ही अंतरिक्ष यात्री की आंख में भी घुस जाएगा।

अंतरिक्षीय विकिरण : अंतरिक्ष यात्री को काले अंतरिक्ष की पृष्ठभूमि में नीली पृथ्वी का सांसों को रोक देने वाला नजारा देखने को मिलता है। साथ ही उन्हें चांद के दूसरे तरफ का भी नजारा देखने को मिलता है, जिस में रोशनी की एक अजीब तरह की चमक होती है।

दिमाग पर असर:
वैसे तो वैज्ञानिक अंतरिक्ष यात्री पर शोध कर के यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि उनमें तनाव को सहने की कितनी क्षमता है, फिर भी अगर अंतरिक्ष का सफर लंबे समय तक के लिए हो तो दिमाग के नष्ट होने की संभावना भी रहती है। इसकी वजह है अंतरिक्षीय किरणें, जो दिमाग को सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं।

टॉयलेट:
अंतरिक्ष में टॉयलेट का इस्तेमाल करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है। स्पेस एंजेसियों ने इसके समाधान के लिए काफी कोशिशें की हैं। पहले अंतरिक्ष में टॉयलेट साधारण एयर मैकनिज्म पर आधारित होता था। हालांकि अब इसके लिए एयर फिल्टरिंग सिस्टम का प्रयोग किया जाता है।

पृथ्वी के अनुकूल बनना: अंतरिक्ष यात्री जब अंतरिक्ष का सफर कर पृथ्वी पर लौटते हैं तो उन्हें पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के हिसाब से ढलने में समय लगता है। अंतरिक्ष की तरह वह पृथ्वी पर भी चीजों को हाथ से छोड़ देते हैं। लेकिन पृथ्वी पर चीजें जमीन पर गिर जाती हैं और टूट जाती हैं।

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English summary

Few interesting facts of space life

Although we cann't imagine a life in space, some people are ready to take adventures. While others doesn't want to take this adventrous step, definitely they wanted to know more about space life.
Story first published: Friday, February 7, 2014, 14:34 [IST]
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