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आपके मरने के बाद होंगी ये पांच अद्भुत चीजें
आपके मरने के बाद होंगी ये पांच अद्भुत चीजेंवह तो भला हो कि मृत शरीर के प्राकृतिक अपघटन की जगह आज अंतिम संस्कार के आधुनिक रूपों ने ले ली है।
हालांकि अंतिम संस्कार का आधुनिक तरीका उतना ठीक मालूम नहीं पड़ता, फिर भी हमें मिट्टी में दफनाने की प्रथा काफी कम है। वैसे यह प्रथा काफी पुरानी है। 2003 में पुरातत्त्वविदों को इस बात के प्रमाण मिले कि आज से 350,000 साल पहले आदि मानवों ने लाश को उत्तरी स्पेन में दफनाया था।
तो
क्या
होता
है
लाश
के
अपघटन
के
दौरान?
आइए
जानते
हैं
पांच
अद्भुत
बातें
जो
मरने
के
बाद
शरीर
के
साथ
होती
है।
"ॐ"
के
जाप
से
होता
है
शारीरिक
लाभ
आपकी
कोशिकाएं
खुल
जाएंगी
मनुष्य
के
शरीर
का
अपघटन
मरने
के
तुरंत
बाद
शुरू
हो
जाता
है।
जब
दिल
धड़कना
बंद
कर
देता
है
तो
शरीर
ठंडा
पड़ा
जाता
है
और
शरीर
का
तापमान
1.5
डिग्री
फॉरनहाइट
गिर
जाता
है।
इसके
ठीक
बाद
शरीर
में
कार्बन
डाइऑक्सीइड
के
जमा
होने
से
खून
एसिडिक
हो
जाता
है।
इससे
कोशिकाएं
खुलने
लगती
हैं
और
उत्तक
के
सारे
एंजाइम
बाहर
निकल
आते
हैं।
ये
एंजाइम
उत्तक
को
पचाने
लग
जाते
हैं।
आपका
रंग
सफेद
और
जामुनी
हो
जाएगा
मौत
के
बाद
गुरुत्वाकर्षण
भी
शरीर
पर
अपना
असर
दिखाता
है।
हमारा
पूरा
शरीर
तो
मृत
हो
जाता
है,
पर
भारी
रेड
ब्लड
सेल्स
शरीर
के
उस
हिस्से
में
पहुंच
जाता
है,
जो
जमीन
के
सबसे
नजदीक
होता
है।
ऐसा
इसलिए
होता
है
क्योंकि
ब्लड
सर्कुलेशन
रुक
जाता
है।
साथ
ही
शरीर
के
निचले
हिस्से
पर
जामुनी
धब्बे
पड़
जाते
हैं,
जिन्हें
लिवोर
मोर्टिस
कहते
हैं।
दरअसल
लिवोर
मोर्टिस
का
अध्ययन
कर
इस
बात
का
सही-सही
पता
लगाया
जा
सकता
है
कि
आप
कब
किस
समय
मरे
थे।
कैल्सियम
के
कारण
मसल्स
सिकुडऩे
लगती
है
हम
सभी
ने
रिगोर
मोर्टिस
के
बारे
में
सुना
होगा,
जिसमें
शरीर
काफी
कड़ा
हो
जाता
है।
रिगोर
मोर्टिस
आमतौर
पर
मरने
के
तीन-चार
घंटे
बाद
शुरू
होता
और
12
घंटे
के
बाद
यह
अपने
चरम
पर
होता
है।
48
घंटे
बाद
तो
लाश
नष्ट
होनी
शुरू
हो
जाती
है।
आखिर
ऐसा
क्यों
होता
है?
हमारे
मसल
सेल्स
के
मेंबरेन
में
पंप
होता
है,
जिससे
कैल्सियम
को
नियंत्रित
करता
है।
मरने
के
बाद
जब
पंप
बंद
हो
जाता
है
तो
कैल्सियम
कोशिकाओं
में
फैल
जाती
है,
जिससे
मसल
सिकुडऩे
लगती
है
और
कड़ी
हो
जाती
है।
शरीर
के
अंग
खुद
को
पचाने
लगता
है
रिगोर
मोर्टिस
के
बाद
शरीर
में
सड़न
होने
लगती
है।
इस
प्रक्रिया
में
संलेपन
के
जरिए
देरी
लाई
जा
सकती
है,
पर
साथ
ही
शरीर
क्षत-विक्षित
हो
जाएगी।
पाचन
ग्रंथि
में
मौजूद
एंजाइम
शरीर
के
अंगों
को
ही
पचाना
शुरू
कर
देता
है।
एंजाइम
के
इस
काम
में
जीवाणु
भी
मदद
करते
हैं
और
पेट
से
ऊपर
का
हिस्सा
हरा
हो
जाता
है।
आप
वैक्स
में
परिवर्तित
हो
सकते
हैं
सड़न
के
बाद
शरीर
का
क्षय
तेजी
से
होता
है
और
जल्द
ही
शरीर
स्केलिटन
बना
जाता
है।
हालांकि
कुछ
मृत
शरीर
के
साथ
दिलचस्प
घटना
होती
है।
शरीर
अगर
ठंडी
मिट्टी
और
ठंडे
पानी
की
चपेट
में
आ
जाता
है
तो
यह
ऐडपोसीर
में
बदलने
लगता
है।
यह
एक
तरह
का
वैक्स
है
जो
बैक्टीरिआ
द्वारा
टिशू
के
ब्रेक
डाउन
पर
बनता
है।
ऐडीपोसीर
शरीर
के
आंतरिक
अंग
के
लिए
प्राकृतिक
रक्षक
का
काम
करता
है।
अंत में हम सभी इस धरती पर लौट आते हैं। आप जरूर सोच रहे होंगे कैसे? पर चाहे मरने के बाद आपका अपघटन हो या आप को जला दिया जाए, हम सभी धूल और राख में तब्दील हो जाएंगे और कुछ दुर्लभ मामलों में वैक्स बन जाएंगे।