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स्‍टेप बाई स्‍टेप ऐसे करें अपने बच्चे की मालिश

By Super
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बच्चे के पैदा होते ही उनकी मालिश की जाती है ताकि उनकी हड्डियां व मांसपेशियां मजबूत रहें। मालिश बच्चे के शरीर को एक सही आकार लेने में मदद करती है। मालिश अपने प्यार व स्नेह को व्यक्त करने का एक अच्छा तरीका है। मां द्वारा की गई मालिश माँ और बच्चे के बीच एक गहरा रिश्ता कायम करने में मदद करती है। इसके अलावा, मालिश आपके बच्चे के वजन को बढाने में, रक्त परिसंचरण को व बच्चे के पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करती है।

मालिश के बाद आपका बच्चा चैन की नींद सो पाता है। मालिश केवल बच्चे की ही नहीं बल्कि आपकी भी थकन को दूर कर देगी। मालिश आपके बच्चे को मानसिक व शारीरिक रुप से विकसित होने में मदद करती है। एक अध्ययन के अनुसार मालिश नवजात शिशुओं को पीलिया से लड़ने में मदद करती है। मालिश से बच्चों में चिड़चिड़ापन कम होता है।

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मालिश करने के लिए एक सही समय निर्धारित करें। दूध पिलाने के बाद बच्चे की मालिश ना करें क्योंकि उसे उल्टी हो सकती है। नींद के दौरान की गई मालिश का आनंद बच्चे ले नहीं पाते हैं। अगर मालिश के दौरान आपका बच्चा रोने लगे तो समझ लें कि वह मालिश से थक गया है। वहीं उसकी मुस्कान उसके आनंद का प्रतीक होगी। आगे इस लेख में बच्चों के अलग-अलग अंगों की मालिश के तरीके दिए गए हैं।

बच्चे को आपके करीब लाती है:

बच्चे को आपके करीब लाती है:

मालिश को हमेशा हलके हाथों से करें ताकि आपका बच्चा उसका पूरा मज़ा ले सके। मालिश के लिए फर्श पर एक तौलिया बिछाएं तथा किसी वनस्पति तेल से बच्चे के शरीर की मालिश करें। अगर मालिश के दौरान आपका बच्चा रोने लगे तो उसे गले से लगाकर चुप कराएं। कभी भी बच्चे की मालिश दूध पीने के बाद व सोते वक़्त ना करें। यह 6 महीने से कम उम्र वाले बच्चों की हड्डियों व मांसपेशियों को मजबूत बनाने का एक अच्छा तरीका है।

टांगें:

टांगें:

बच्चे की थकान को दूर करने के लिए मालिश की शुरुआत पैरों से करें। इसके लिए अपने हाथों पर तेल को मलें तथा जांघों को मलते हुए नीचे पैरों तक आएं। एक पैर की मालिश के बाद दूसरे पैर की मालिश भी इसी तरह करें।

पैर:

पैर:

पैरों की मालिश को आरंभ करने से पहले बच्चे के पैरों को दोनों दिशाओं में घुमाएं। फिर मालिश को टखने से शुरु करते हुए ऊपर उंगलियों तक लेकर जाएं। इस प्रक्रिया को दोनों पैरों पर दौहराएं।

एड़ी:

एड़ी:

अपने अंगूठे से बच्चे की छोटी-छोटी एड़ियों की मालिश करें। मालिश के दौरान आपका अंगूठा चक्राकार में घुमना चाहिए।

पैरों की उंगलियां:

पैरों की उंगलियां:

बच्चे की पैरों की उंगलियों को अपने हाथों की उंगलियों के बीच में लेकर हल्के से ऊपर की ओर खींचे। इस तरह हर एक उंगली की मालिश करें।

भुजाएं:

भुजाएं:

भुजाओं की मालिश भी टांगों की तरह की करें। हाथों पर तेल लगाकर भुजाओं को मलते हुए नीचे कलाई तक आएं। फिर उसकी कलाई को धीरे से दोनों दिशाओं में घुमाएं।

हाथ:

हाथ:

बच्चे के हाथ को अपने हाथों में लें व हलके हाथों से उसकी हथेली की मालिश करें। इस प्रक्रिया को दूसरे हाथ पर भी दौहराएं।

हाथ की उंगलियां:

हाथ की उंगलियां:

हाथ की उंगलियों को अपने हाथों की उंगलियों के बीच में लेकर हल्के से ऊपर की ओर खींचे। इस मालिश की शुरुआत हाथ की कानी उंगली से आरंभ करके अगूंठे पर खत्म करें। दूसरे हाथ की उंगलियों की मालिश भी इसी तरह करें।

छाती:

छाती:

अपने हाथों को जोडते हुए बच्चे की छाती से थोडा सा ऊपर रखें। फिर हाथों को खोलते हुए छाती पर रखें तथा मालिश ऊपर की ओर को करें। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराएं।

अगली प्रक्रिया के लिए भी हाथों को इसी तरह जोडकर खोलें तथा अब मालिश को ऊपर की ओर करने के बजाय नीचे जांघों की ओर करें। इस पूरी मालिश को हलके हाथों से करें।

पीठ:

पीठ:

बच्चे को पेट के बल लेटाएं व अपनी उंगलियों से उसकी पूरी पीठ की मालिश करें। इसके बाद कंधों से लेकर पैरों तक की मालिश करें। मालिश के बाद अपने बच्चे को दूध पिलाएं। इस आरामदायक मालिश के बाद बच्चे जल्द ही अपनी सपनों की दुनिया में खो जाएंगे।

English summary

How to massage your baby

Massage is a lovely way for you to express your love and care for your baby. It can soothe your baby and help the baby to sleep. Massage also has many added benefits for your baby, including improving weight gain, aiding digestion, improving circulation, and easing teething pain. Massage is a great way for you and your partner to bond with your baby, and you may find it relaxing, too!
Story first published: Friday, January 9, 2015, 10:25 [IST]
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