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कैसे होता है प्राकृतिक गर्भपात?

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ऐसी महिलाएं जो अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाना चाहती है, उनके लिये प्राकृतिक गर्भपात एक आसान तरीका है। लेकिन यह केवल तभी किया जा सकता है, जब आपका पहला महीना चल रहा हो। कई जड़ी बूटियों के सेवन से प्राकृतिक गर्भपात बिना किसी रिस्‍क के हो जाता है और इससे मां को कोई तकलीफ या दिक्‍कत भी नहीं आती। ऐसी महिलाएं जिन्‍हें अस्‍थमा, हाई ब्‍लड प्रेशरा, मधुमेह, मिर्गी और किडनी की समस्‍या है, उन्‍हें इस गर्भपात से बचना चाहिये। आइये और जानते हैं इस विधि के बारे में-

Natural Abortion

1. खुद को गर्भपात के लिये तैयार करना होता है। कुछ ऐसी जड़ी बूटियां हैं, जैसे अजवायन, अनन्नास और विटामिन सी, जिनके सेवन से शरीर गर्भपात के लिये तैयार हो जाता है। यहां तक की कुछ ऐसे तेल भी होते हैं जिन्‍हें ग्रीवा पर मालिश करने और तेल की गोली बना कर खाने से यह काम हो जाता है।

2. एक चम्‍मच फ्राई किये हुए तिल के दाने और शहद को मिला कर हर रोज खाली पेट खाएं। कटे हुए पपीते और कटहल को खाने से अनचाहा गर्भ नहीं ठहरता। इसको खाने से भारी मासिक होता है। साथ ही तिल के तेल से ग्रीवा पर मालिश करने से पीरियड में दर्द नहीं होता।

3. इसी तरह से कई चाइनीज हर्ब ऐसी होती हैं जो प्राकृतिक रुप से गर्भपात करवाने में सक्षम होती हैं। एंजिलिका सिनेसिस नामक चाइनीज पौधे की जड़ को पानी और शहद के साथ खाने से काफी हैवी ब्‍लीडिंग होती है।

4. पेनिरोयल नामक जड़ी बूटी के तेल या फिर उसकी चाय को प्रतिदिन 3-6 गोली का सेवन करने से इस काम में फायदा पहुंचता है। इसको लेने से महिला को थकान, चक्‍कर और पसीना आता है। जिन महिलाओं को मूत्र संबधि कोई समस्‍या है, उन्‍हें इसके सेवन से बचना चाहिये।

5. कुछ सिंपल एक्‍सर्साइज, कार्न डाइट, हॉट बाथ और ऑर्गैज़म पा कर आप मिसकैरेज को अंजाम दे सकती हैं।

English summary

Natural Abortion | कैसे होता है प्राकृतिक गर्भपात?

Natural abortion can be carried only till the first trimester as they fail to work after that. It is more like a miscarriage and doesn't harm the mother in anyway.
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