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क्या आप जानते हैं गर्भनिरोधक के इन 8 तरीको के बारे में
भारत में बढ़ती आबादी बहुत बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। 2013 में हुई जनगणना के मुताबिक, भारत कुल आबादी लगभग 1.25 बिलियन के पार हो गई है।
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अब समय आ गया है देश का हर नागरिक और सरकार, सेफ सेक्स और गर्भनिरोधक की उपयोगिता के बारे में समझें। कई लोगों को जानकारी के अभाव में नहीं मालूम होता है कि गर्भनिरोध क्या होता है और इसके तरीके क्या होते हैं।
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गर्भनिरोधक
क्या
होता
है?
गर्भनिरोधक
का
अर्थ
होता
है
वो
तरीका,
जिसके
माध्यम
से
आप
सेक्स
करने
के
बावजूद
भी
गर्भधारण
नहीं
होता
है,
यह
तरीका
उस
समय
सबसे
कारगर
होता
है
जब
कोई
संतान
नहीं
चाहता
है
और
लवमेकिंग
करने
की
इच्छा
रखता
है।
इसे
अपनाने
के
कई
तरीके
होते
हैं।
बस
आपको
अपने
पार्टनर
के
साथ
खुला
होना
चाहिए
और
उनसे
सारी
बात
क्लीयर
कर
लेनी
चाहिए।
इस आर्टिकल में हम आपको गर्भनिरोधक के बारे में और इसके अपनाने के तरीकों के बारे में बताएंगे:
1. कंडोम:
कंडोम, सबसे सरल गर्भनिरोधक होता है। लेकिन इसका इस्तेमाल पुरूष को करना होता है। सेक्स करने के दौरान लिंग पर रबर के बने इस आवरण को चढ़ाना होता है ताकि स्खलन होने के बाद, स्पर्म, महिला के शरीर में न पहुंच पाएं।
2. कॉपर टी:
कॉपर टी को महिला के गर्भाशय में लगा दिया जाता है ताकि वह गर्भवती न होने पाएं। जब दो बच्चों के बीच अंतर रखना होता है तो इसे विशेष रूप से लगा दिया जाता है। जब आपको दूसरा बच्चा चाहिए तो इसे छोटी सी मेडिकल प्रक्रिया के जरिए निकाल दिया जाता है।
3. इंट्रा-वैजिनल वोलस:
एक प्रकार की बड़ी टेबलेट होती है जिसे वेजिना में मैनुअली घुसा दिया जाता है। यह महिलाओं के लिए काफी प्रभावी गर्भनिरोधक होता है। इसे सेक्स करने से 20 से 30 मिनट पहले ही वेजिना में डालना होता है जो पिघल जाता है और एक क्रीम के रूप में बदल जाता है। इंटरकोर्स के दौरान, स्पर्म के अंदर जाने पर यह क्रीम, स्पर्म की क्षमता को खत्म कर देता है।
3. खाने वाली गोलियां:
बाजार में कई प्रकार की गर्भनिरोधक गोलियां आती हैं जिनका सेवन करने से महिलाएं गर्भधारण नहीं करती हैं। इन गोलियों के सेवन से हारमोन्स में परिवर्तन आ जाता है जिसके कारण वे गर्भधारण नहीं कर पाती हैं।
4. डीएमपीए इंजेक्शन:
डिपॉट मेड्रॉक्सीप्रोजेस्टीरॉन एक्सीटेट या डीएमपीए इंजेक्शन, इंजेक्ट करने वाला गर्भनिरोधक होता है इसे लगाने से प्रोजेस्ट्रॉन नाम का हारमोन बढ़ जाता है, जिससे महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है। इस इंजेक्शन को बांह में ऊपर की ओर लगाया जाता है। दो बच्चों के बीच अंतर रखने के लिए पहले बच्चे के बाद ही इस इंजेक्शन को सामान्यत: लगाया जाता है। इसका प्रभाव तीन महीने तक रहता है। जो महिलाएं स्तनपान करवाती हैं उनके लिए यह सुरक्षित रहता है।
5. इमरजेंसी गर्भनिरोधक:
किसी जोड़े के बीच बिना किसी गर्भनिरोधक के इस्तेमाल किए जाने के बाद इमरजेंसी गर्भनिरोधक का इस्तेमाल किया जाता है। इन्हे सेक्स करने के कुछ ही घंटों के भीतर खाना होता है ताकि स्पर्म भ्रूण का निर्माण न कर पाएं।
6. वेसेक्टटॉमी:
यह गर्भनिरोध का तरीका, पुरूषों के लिए होता है जिसे नसबंदी भी कहा जाता है। इसमें पुरूष के स्पर्म को रोकने के लिए छोटा सा ऑपरेशन कर दिया जाता है। इससे पुरूष की क्षमता पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है।
7. ट्यूबल लिगेशन:
यह स्थायी गर्भनिरोध होता है जिसमें फेलोपियन ट्यूब को काटकर बांध दिया जाता है, जिससे अंडा, गर्भाशय तक नहीं पहुंच पाता है और गर्भधारण करने के चांस शून्य हो जाते हैं। जिन महिलाओं को बच्चे हो चुके होते हैं या अब उन्हे संतान नहीं चाहिए होती है, वे इसे करवा लेती हैं, यह भी एक प्रकार की नसबंदी होती है।