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झिकझिक करने वाले पेरेंट्स को कैसे समझाएं

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इस बात को जानना बहुत जरुरी है कि माता-पिता से ज्‍यादा प्‍यार करने वाला आपको इस दुनिया में कोई दूसरा नहीं मिलेगा। मगर आपके लिये हर वक्‍त अच्‍छा सोचने वाले यही पेरेंट्स जाने-अनजाने अपनी बातों से आपका दिल दुखा देते हैं। उन्‍हें अगता है कि अब भी आप एक छोटे बच्‍चे हैं, जिसे अंदर बाहर की कोई समझ नहीं है। वहीं पर आपको लगता है कि आपके पेरेंट्स अब आपकी हर चीज़ में दखल देने लग गए हैं, जिस कारण से आपको मन ही मन खीज चढ़ने लगती है और आप उनसे बुरा बर्ताव करने पर उतर आते हैं। यह बात बिल्‍कुल सच है कि बेकार की टोंका-टांकी किसी को पसंद नहीं आएगी, चाहे वह पेरेंट्स करें या फिर आपका कोई प्रिय मित्र।

<strong>बच्‍चों को मारने से पड़ता है गलत असर </strong>बच्‍चों को मारने से पड़ता है गलत असर

पेरेंट्स का आपके जीवन में तब तक दखल सही रहता है जब तक कि आप सिंगल हैं, लेकिन एक बार शादी हो जाने के बाद उनका दखल देना आपकी जिंदगी खराब कर सकता है। इस उम्र के पड़ाव में अपने पेरेंट्स को आप अपने पेरेंट्स को समझा पाना आपके बस की बात नहीं है, इसलिये अच्‍छा होगा कि आप उनकी बातों को एक कान से सुने और दूसरे कान से निकाल दें। यहां पर कुछ तरीके बताए जा रहे हैं, जिसे आजमा कर आप अपने माता-पिता कि बातों का सामना कर सकते हैं।

सुने और भूल जाएं

सुने और भूल जाएं

भगवान ने आपको दो कान इसलिये दिये हैं जिससे आप काम की बात सुने और बेवजह की बात बाहर निकाल दें। ऐसा तब करें जब आपके माता पिता कोई बेफिजूल की बात कर रहे हों।

हमेशा विनम्र रहे

हमेशा विनम्र रहे

कभी भी अपने पेरेंट्स को यह नहीं बोलना चाहिये कि आप उनसे परेशान आ गए हैं। अपना नेचर उनके प्रति विनम्र रखिये।

खुद की राय रखें

खुद की राय रखें

अगर आपको लगे कि आपके परेंट्स केवल अपनी ही चला रहे हैं तो, आप भी उस वक्‍त अपनी राय रखिये जिससे आप खुद भी लाइफ में आगे बढ़ सके।

इमोशनल ब्‍लैकमेल के चक्‍कर में न फसें

इमोशनल ब्‍लैकमेल के चक्‍कर में न फसें

ज्‍यादातर पेरेंट्स बच्‍चों से अपना काम निकलवाने के लिये इमोशनल ब्‍लैकमेलिंग का काम करते हैं। खैर इस बात को आपको खुद ही समझना होगा कि क्‍या सही है और क्‍या गलत।

आपकी तरक्‍की परेंट्स का नजरिया बदल सकती है

आपकी तरक्‍की परेंट्स का नजरिया बदल सकती है

हमेशा अपनी लाइफ के गोल तक पहुंचने का प्रयास करें, क्‍योंकि इससे पेरेंट्स आपकी इज्‍जत करना शुरु कर देगें।

अपनी आजादी के लिये अलग रहें

अपनी आजादी के लिये अलग रहें

अगर आपको जिन्‍दगी में उन्‍नती करती है तो, अपने पेरेंट्स का साथ छोड़ कर खुद पर निर्भर रहना शुरु करें।

अपने पेरेंट्स की देखभाल करें

अपने पेरेंट्स की देखभाल करें

इससे कोई फरक नहीं पड़ता की आपके पेरेंट्स कितना झिकझिक करते हैं, पर यह आपकी जिम्‍मेदारी बनती है कि आप उनकी इज्‍जत और देखभाल करें।

साथ बैठकर बाते करें

साथ बैठकर बाते करें

अगर आपको लगता है कि बात करने से मामला सुलझ सकता है तो, अपने पेरेंट्स के साथ बैठ कर कुछ घंटे बाते करें। इस दौरान उन्‍हें बताएं कि जब वे आपके काम में दखल करते हैं, तब आपको कैसा लगता है।

Story first published: Thursday, May 2, 2013, 13:17 [IST]
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