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ऐसे बनें अच्छे सौतेले पिता
सौतेला पिता बनना आपकी जिंदगी का एक अहम पड़ाव होता है। किसी नए जन्म लेने वाले बच्चे का पिता बनने और सौतेला पिता बनने में बहुत फर्क होता है। आपको कई नई चुनौतियों से दो चार होना पड़ता है। अगर आप बच्चे के जन्म के साथ ही उनके पिता रहते है तो वहां आपसी जुड़ाव काफी सहज और प्राकृतिक होता है। पर जब आप सौतेले पिता बनते हैं तो आप किसी और की जगह ले रहे होते हैं। चूंकि बच्चे अपने वास्तविक पिता के अभ्यस्त होते हैं, इसलिए तालमेल बिठाना काफी मुश्किल हो जाता है।
इस स्थिति में आपको बच्चे का बहुत अधिक ख्याल रखना चाहिए और बच्चे के वास्तविक पिता के साथ जुड़ाव का सम्मान करना चाहिए। बच्चे आपको पिता के तौर पर स्वीकार करें, इसके लिए आपको सब्र रखने की जरूरत पड़ेगी। कई बार यह चीजें अनाचक हो जाती हैं, पर ज्यादातर मौकों पर इस बदलाव में समय लगाता है। बच्चे को सौतेले पिता को स्वीकार करने में थोड़ा समय लगता है। किसी अजनबी के साथ अंतर्रात्मा से जुडऩा बच्चे के लिए बहुत मुश्किल होता है।
पिता
और
सौतेले
पिता
में
सबसे
बड़ा
फर्क
इस
बात
से
पड़ता
है
जब
बच्चे
के
वास्तविक
पिता
भी
होते
हैं।
हो
सकता
है
बच्चे
अपने
वास्तविक
पिता
से
बहुत
ज्यादा
प्यार
करते
हों।
बच्चे
का
अपने
वास्तविक
पिता
से
जुड़ाव
आपसे
कहीं
बेहतर
होता
है।
आप
कुछ
भी
करें,
पर
उनकी
जगह
लेने
की
कोशिश
न
करें।
आप
उनके
लिए
अलग
स्थान
बनाएं
और
उनसे
जुडऩे
के
लिए
अगल
रास्ता
अपनाएं।
बच्चे
को
थोड़ा
स्पेस
दें
और
उनपर
पूरी
तरह
से
अधिकार
जमाने
की
कोशिश
न
करें।
1. धैर्य रखें
अकसर बच्चे आपने माता-पिता की परिस्थिति और परिवार के टूटने से काफी आहत हो जाते हैं। कई बच्चे नए संबंध बनाने से डरते हैं। वक्त सबसे अच्छा मरहम होता है, लेकिन जब भी आप बच्चों के आसपास रहें तो खुद को साकारात्मक रखें।
2. साथ में समय बिताना
बच्चे के स्कूलवर्क, प्रोजेक्ट में मदद करने और उनके स्पोर्टिंग इवेंट या क्लब में जाने से उन्हें लगेगा कि आप उनके साथ हैं। आप जितना ज्यादा उनका भागीदार बनेंगे, उतनी ही जल्दी वह आपको अपने पिता के विकल्प के तौर पर स्वीकार करेगा। साथ ही उन्हें इस बात की खुशी भी होगी कि आप उनकी जिंदगी का हिस्सा हैं।
3. समय दें
अपने सौतेले बच्चे को घुलने मिलने के लिए कुछ समय दें। अगर आप उनके साथ कुछ समय बिताएंगे तो इससे आपके और उनके बीच के संबंध मजबूत होंगे। इससे यह भी पता चलेगा कि ये बच्चे आपके लिए कितने महत्वपूर्ण हैं और आप उनका कितना ख्याल रखते हैं।
4. बातचीत
अपने सौतेले बच्चे को यह एहसास कराएं कि आप उनसे बात करने के लिए हमेशा उपलब्ध हैं। जब भी वह आपसे बात करे तो उनकी बातों को ध्यान से सुनें। खुले दिमाग के बनें और बच्चों को हर रूप में स्वीकार करें। सौतेले बच्चे से संबंध मजबूत बनाने का बातचीत सबसे सशक्त जरिया है।
5. उनकी प्राइवेसी का भी ध्यान रखें
भले ही आप अपने सौतेल बच्चे से जुडऩे के लिए बेकरार हों, पर आप बच्चे की प्राइवेसी और स्पेस का भी सम्मान करें। उनसे जुड़ी चीजों में दखलअंदाजी के लिए विनम्र अनुमति जरूर लें। भले ही उनकी जिंदगी में आपकी कितनी भी बड़ी भूमिका क्यों न हो, पर यह न भूलें कि उनके पास वास्तविक पिता भी है। हो सकता है वे उनका अनुसरण भी करते हों।
6. सपोर्टिव
एक अच्छे सौतेल पिता होने का यह एक बेहद अहम पहलू है। आपको बच्चे की पसंद का सपोर्ट करना चहिए। आखिरकार जिंदगी उनकी अपनी है और उन्हें भी अपने रास्ते चुनने का अधिकार है। इसलिए हमेशा उनके प्रति सपोर्टिव रहें और उनका उत्साह बढ़ाएं।