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पहले सुबह उठने वाले बच्चे की पढ़ाई पर पड़ता है असर

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(आईएएनएस)| पहले सुबह उठकर स्कूल जाने वाले बच्चे न सिर्फ पर्याप्त नींद से महरूम होते हैं, बल्कि इसका उनके अकादमिक प्रदर्शन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि किशोरावस्था तक बच्चों को लगभग नौ घंटे की नींद की जरूरत होती है।

 Kids Who Wake Up Early Could not concentrate on Studies

अमेरिका के शिकागो स्थित रश विश्वविद्यालय चिकित्सा केंद्र में सहायक प्रोफेसर तथा अध्ययन के मुख्य लेखक स्टेफनी क्राउली ने कहा, "यह उन कुछ अध्ययनों में से एक है, जिसमें एक ही किशोर पर नींद तथा सरकाडियन रिद्म (सोने-जागने का समय) के लिए ढाई वर्षो तक निगाह रखी गई है।

बच्चों के लिए अच्छी नींद के उपाए

अपर्याप्त नींद के नकारत्मक प्रभावों में गिरता अकादमिक प्रदर्शन, मनोदशा बिगड़ना, अवसाद, मोटापा और यहां तक कि चक्कर आना भी हो सकता है।

शोध के दौरान यह भी पाया गया कि अध्ययन में भाग लेने वाले 15-16 वर्ष के बच्चों के सोने का समय लगातार कम होता गया। यह अध्ययन पत्रिका 'पीएलओएस ओएनई' में प्रकाशित हुआ है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

English summary

Kids Who Wake Up Early Could not concentrate on Studies

Kids who wake's up early in the morning and go to school have an adverse effects on academic performance because they don't get enough sleep. Study says.
Story first published: Monday, November 10, 2014, 15:47 [IST]
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