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हर बच्चे को सीखानी चाहिये ये 7 जरूरी बातें
कहा जाता है कि बचपन में आपको जो भी आदतें या बातें सिखाई जाती है, उनका असर उम्र भर दिमाग पर रहता है और उसी हिसाब से बच्चे की सोच-समझ का भी विकास होता है। हर इंसान को जिंदगी में कई बार बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, अगर आप बचपन में वो सब सीख चुके होगें तो कभी भी घबराएंगे नहीं और आसानी से सारे काम और जिम्मेदारी निपटा लेगें।
अगर आप किसी भी बच्चे का भरण-पोषण करते है तो उसे कुछ आधारभूत बातें अवश्य सिखानी चाहिये। ये बातें किसी भी किताबों या स्कूल की क्लासेस में नहीं सिखाई जाती है, इन्हे सिर्फ परिवार के लोग ही सिखा सकते है। इस आर्टिकल में 7 मुख्य बातें बताई जा रही हैं, जो हर बच्चे को सीखनी चाहिये, ताकि वह उम्र के हर दौर में खुशहाल रहें : शर्मीले बच्चे की ऐसे करें अच्छी परवरिश
1)जीने की कला
आजकल दुनिया सीधे लोगों की नहीं है, अगर आपको यहां रहना तो आपको स्मार्ट और चतुर होना जरूरी होता है। बच्चे को भोला या बुद्ध न बनाकर स्मार्ट बनाएं। उसे टॉकएक्टिव बनाएं। उसे अंदर सर्वाइव स्कील्स को डेवलेप करें। उसे अपनी रक्षा करने की तरकीब बतलाएं, हर वो बात सिखाएं जो उसकी सुरक्षा के लिए जरूरी हों।
2) साधारण खाना बनाना सीखना :
कई बार बच्चों को अपने माता-पिता से दूर रहना पड़ता है और ऐसे में उन्हे सबसे ज्यादा घर के खाने की याद आती है और कई बार दिक्कत भी झेलनी पड़ती है। अपने बच्चे को घर पर रहने के वाबजूद भी कम से कम दाल-चावलऔर एक-दो साधारण सब्जी बनाना सिखा दें, इससे उसे आसानी होगी।
3) पत्र लिखना :
अपने बच्चे को पत्र लिखना और प्रार्थना पत्र आदि लिखना सिखाएं। उसे ई-मेल पर भी ये सब सिखा सकते है, बस शब्दों को सही तरीके से वाक्य में लगाना आना चाहिये। इसके लिए आपको बच्चे को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पड़ सकती है, लेकिन आप ऐसा जरूर करें।
4) घरेलू काम :
हर बच्चे को उससे जुड़े घरेलू काम करना अवश्य सिखाएं जैसे - उसके कमरे की सफाई, उसके रोजमर्रा के कपड़ों की धुलाई और उसके झूठे बर्तनों को साफ करना। उससे इस तरह उसके ही छोटे-छोटे काम करवाएं, ताकि वह निपुण हो सकें। इस तरह के काम करने के बाद उसे अपने ही काम के लिए किसी और का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा। घर से बाहर रहने पर उसे ज्यादा समस्या भी नहीं होगी।
5) समस्या सुलझाने का कौशल सिखाना :
हर बच्चे को पता होना चाहिये कि अब वह अपनी उम्र के हिसाब से कैसा निर्णय ले सकता है और समस्याओं का हल किस प्रकार बिना परेशान हुए कर सकता है। अपने बच्चे के अंदर ये स्कील्स जरूर डेवलेप करें। बच्चे को सबसे पहले समझाएं कि वह अपनी दिक्कत समझें, उसके बाद उस दिक्कत की वजह समझने को बोलें और उसे सही तरीके से सॉल्व करने की तरकीब पूछें। यह जीवन की सबसे बड़ी सीख होगी, जिसकी जरूरत उम्र के दौर में आपके बच्चे को होने वाली है।
6) खुद से खुश रहना :
अपने बच्चे को स्वतंत्र रहना सिखाएं, उसे ज्यादा बंदिश में न रखें। उसे अकेले ही बिना किसी सहारे के खुश रहना और खुशियां बांटना सिखाएं। कई बार बच्चे अकेले खुश रह लेते है लेकिन वह अपनी खुशियां शेयर नहीं कर पाते है, ऐसी आदत न होने दें। अपने बच्चे को प्राईवेसी दें, उसे अपने सर्कल के साथ टाइम स्पेंड करने दें। उन्हे इमोशनली सर्पोट करें, ताकि वह हर बात आपके साथ शेयर कर सकें।
7) दया :
बच्चे को हिम्मती बनाएं पर उसे दयावान भी बनाएं। अपने बच्चे को सही-गलत में भेद करना बताएं। उसे लोगों की मदद करना बताएं। दया की भावना हर बच्चे में होना, वरना दयाहीन होना उसके भविष्य के लिए अच्छा नहीं होगा।