For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

मम्‍मी-पापा के झगड़ों का क्‍या असर होता है बच्‍चे पर?

By Super
|

बच्‍चों पर क्‍या बीतती होगी जब उनके मां-बाप आपस में झगड़ते होंगे? जो माता-पिता अक्‍सर अपने बच्‍चों के सामने एक-दूसरे से झगड़ा करते रहते हैं उन्‍हें अपने रवैये के बारे में जरूर सोचना चाहिए। बोल्‍डस्‍काई के इस आर्टिकल में हम इसी बारे में बात करेंगे। हाल ही में इस बारे में की गई कुछ रिसर्च से यह बात निकलकर सामने आई है कि बच्‍चों के व्‍यवहार में 90 प्रतिशत असर, उनके अभिभावकों के व्‍यवहार का ही होता है। उनके माता-पिता का जैसा व्‍यवहार होगा, वैसा ही बच्‍चा भी सीखेगा। अगर अभिभावक आपस में सही से व्‍यवहार नहीं करते हैं तो बच्‍चे में कई प्रकार की समस्‍याएं भी उत्‍पन्‍न हो सकती हैं। बच्‍चे को बचपन में ही तनाव व अवसाद होने का सबसे बड़ा कारण उसके माता-पिता का आपसी व्‍यवहार होता है।

आपने अक्‍सर समझदार लोगों को कहते सुना होगा कि बच्‍चों के सामने झगड़ा नहीं करना चाहिए। आपकी कोई बात है तो उसे आपस में बंद कमरे में ही निपटा लें। क्‍योंकि बच्‍चों पर इसका बुरा असर पड़ता है। वो एक हद से ज्‍यादा बैलेंस होने के चक्‍कर में अपना बचपन खो देते हैं और अक्‍सर मानसिक रूप से बीमार हो जाते हैं। आइए जानते हैं माता-पिता के आपसी झगड़े का बच्‍चे पर क्‍या असर पड़ता है:

1. अवसाद यानि डिप्रेशन हो जाना:

1. अवसाद यानि डिप्रेशन हो जाना:

जो बच्‍चे, झगड़ालू माता-पिता के बीच पलते हैं उनमें अक्‍सर डिप्रेशन की समस्‍या हो जाती है क्‍योंकि उन्‍हें खुशहाल माहौल नहीं मिलता है। उन्‍हें बहुत प्‍यार और खुशियों की आवश्‍यकता होती है।

2. भय में जीना:

2. भय में जीना:

बच्‍चों के सामने एक-दूसरे से लड़ते और गाली-गलौज करते हुए माता-पिता भूल जाते हैं कि उनकी इन हरकतों की वजह से उनके बच्‍चों को हमेशा डर के साये में जीना पड़ता है।

3. मानसिक रूप से परेशान होना:

3. मानसिक रूप से परेशान होना:

बहुत ज्‍यादा तंग माहौल में रहने से बच्‍चों को मानसिक समस्‍या हो जाती है। उनका भोलापन कहीं खो जाता है और वो हमेशा चिंता और रोते-धोते माहौल में रहते हैं। ऐसा सिर्फ उनके माता-पिता की गल्तियों के कारण होता है।

4. जिन्‍दगी में बहुत कुछ खो देना-

4. जिन्‍दगी में बहुत कुछ खो देना-

जिन बच्‍चों के घर में हमेशा कलह रहती है उनका मानसिक विकास भी अच्‍छे से नहीं हो पाता है और वो बचपन की काफी मस्तियों को खो देते हैं। उन्‍हें बाकी कुछ भी नहीं मिल पाता है जो अन्‍य बच्‍चों को अपने मां बाप से मिलता है। वो सिर्फ झगड़े ही देख पाते हैं।

5. एक समस्‍या समझने लगते हैं:

5. एक समस्‍या समझने लगते हैं:

जब झगड़े हर बात पर होने लगते हैं तो बच्‍चों को लगता है कि वहीं इसकी जड़ हैं और उन्‍हें सिर्फ बच्‍चे की वजह से दिक्‍कत है। बच्‍चे का खुद को ब्‍लेम करना ही उसके लिए सबसे घातक होता है।

6. कभी भरोसा न कर पाना:

6. कभी भरोसा न कर पाना:

झगडालू मां बाप के साथ पलने वाले बच्‍चे जिंदगी में इतना नीरस हो जाते हैं कि वो फिर कभी किसी पर भरोसा नहीं कर पाते हैं। कोई उन्‍हें प्‍यार देता है तो उसमें भी उन्‍हें फरेब दिखता है।

7. गुस्‍सैल होना:

7. गुस्‍सैल होना:

झगड़ने वाले अभिभावकों की परवरिश में बच्‍चा हमेशा गुस्‍सैल हो जाता है। उसके व्‍यवहार का असर, उसकी जीवनशैली और अन्‍य बातों पर भी पड़ता है।

English summary

मम्‍मी-पापा के झगड़ों का क्‍या असर होता है बच्‍चे पर?

Children who are constantly exposed to their parents fighting go into a sort of a depression. They resent the need to smile and to be happy.
Story first published: Wednesday, April 13, 2016, 9:52 [IST]
Desktop Bottom Promotion