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सामान्य प्रसव के बाद होने वाली आम समस्याएं
किसी भी महिला की जिन्दगी में प्रसव के बाद एक अद्भुत परिवर्तन आता है। उसके शरीर में कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक परिवर्तन आते है गर्भावस्था के दौरान, आप पूरे नौमहीने तक भरपूर आराम करती है और अच्छी खुराक लेती है ताकि आप सही तरीके से प्रसव कर पाएं।
लेकिन सिर्फ इतना करने से ही कोई महिला मां नहीं बन जाती। प्रसव के बाद भी महिलाओं को कई प्रकार की समस्याएं होती है। अगर आपका प्रसव ऑपरेशन से न होकर, साधारण और प्राकृतिक तरीके से हुआ है तो भी आपको कई दिक्कतें होती हैं। प्रसव के बाद होने वाली समस्याओं में महिला को अपना विशेष ध्यान रखना पड़ता है।
बिटिया
का
कान
छिदवाना
है
तो
पढे
ये
टिप्स
प्राकृतिक प्रसव होने के बाद महिलाओं को होने वाली समस्याएं निम्म प्रकार हैं :
योनि का छिलना : सामान्य प्रसव के बाद योनि छील जाना स्वाभाविक होता है क्योंकि बच्चे का आकार बड़ा होता है और उसे बाहर निकलने की प्रक्रिया में ऐसा हो जाता है। योनि की यह दशा कुछ दिनों में अपने आप सही हो जाती है, आप चाहें तो अपने डॉक्टर से इस बारे परामर्श अवश्य लें। गुनगुने पानी से हर बार पेशाब के बाद धुलाई करें और साफ अंडरगारमेंट पहनें। इससे जल्दी आराम मिलेगा।
संक्रमण : नॉमर्ल डिलीवरी के बाद संक्रमण होना सामान्य है। प्रसव के दौरान वेजिना से बहने वाले पानी से संक्रमण कई स्त्रियों को हो जाता है। इसके लिए साफ - सफाई रखें और डॉक्टरी परामर्श ले लें। वैसे, इस तरह के संक्रमण में एंटी - बायोटिक दवा असरदार होती है।
रक्तस्त्राव : प्रसव के बाद स्त्री को ज्यादा मात्रा में ब्लड़ निकलता है। अगर प्रसव के दौरान ब्लड़ नहीं निकलता है तो वह वेजिना में थक्के के रूप में जमा हो जाता है जो नुकसानदायक होता है।
रि - सुटुरिंग : यह वेजिनल टीयर से भी ज्यादा दिक्कत भरा होता है। कुस केस में, डॉक्टरों को इसके लिए स्पेशल ट्रीटमेंट देना पड़ता है।
सरवाइकल इनसफीसेंयसी : डिलीवरी के बाद, फीमेल को सरवाइकल इनसफीसेंयसी की समस्या हो सकती है, क्योंकि लेबर के दौरान सेरविक्स को क्षति पहुंचती है और सप्ताह भर के बाद सब कुछ नॉर्मल हो जाता है। ऐसा हर प्रसव में होने की संभावना होती है। इस कंडीशन को इनसफीसियेंट सेरविक्स भी कहते है।
पेशाब में दिक्कत : नेचुरल डिलीवरी के बाद महिला को पेशाब करने में बहुत जलन होती है क्योंकि उस दौरान सारे टिश्यु छील जाते है और वह एरिया काफी घायल होता है। प्रसव के तुंरत बाद पेशाब करना बहुत मुश्किल होता है।
फायेसल इनकॉन्टीनेंस : नॉमर्ल डिलीवरी के बाद फायेसल इनकॉन्टीनेंस की समस्या काफी ज्यादा रहती है। इसे भ्रूण में होने वाली समस्या बोला जाता है जो बच्चे के पेट में स्थिति सही न होने पर होती है। नेचुरल डिलीवरी के बाद महिला को कब्ज की शिकायत हो जाती है और सही तरीके से पॉटी नहीं आती है। जिन महिलाओं को लम्बे समय तक प्रसव का दर्द उठता है उन्हे ऐसी समस्या ज्यादा होती है।
भ्रूण में अंदरूनी चोट लगना : पेट में अगर बच्चा उल्टा होता है या उसकी स्थिति सामान्य से हटकर होती है तो बच्चे को भी कई प्रकार की दिक्कतें होती है।