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एक स्‍वस्‍थ बच्‍चे को जन्‍म देने के 8 तरीके

By Aditi Pathak
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आयुर्वेद के अनुसार, अगर पीरियड्स के दस से 15 दिनों के बाद शारीरिक सम्‍बंध बनाएं जाएं तो फीमेल के शरीर में बच्‍चे के जन्‍म की संभावनाएं ज्‍यादा होती है और ऐसे में जन्‍म लेने वाला बच्‍चा स्‍वस्‍थ होता है।

कपल्‍स को पीरियड्स के दौरान सम्‍बंध बनाने से बचना चाहिए, क्‍योंकि ऐसे समय में संभोग करने से पैदा होने वाला बच्‍चा, शारीरिक और मानसिक रूप से अस्‍वस्‍थ हो सकता है। एक स्‍वस्‍थ बच्‍चे को जन्‍म देने के 8 तरीके होते हैं, जो निम्‍म प्रकार है : -

8 Ways to Give Birth to a Healthy Child

एक स्‍वस्‍थ बच्‍चे को जन्‍म देने के 8 तरीके

1) अगर किसी भी महिला को पीरियड्स में समस्‍या हो, तो वह अपने हाथों की कलाईयों को अच्‍छे से रगड़ें और उन पर प्रेशर दें, इससे पीरियड्स के दौरान होने वाली दिक्‍कतें ( जल्‍दी होना, अनियमितता, कम होना, दर्द होना, बहुत ज्‍यादा ब्‍लीडिंग ) भी कम हो जाती है और ल्‍यूकोरिया जैसी बीमारी भी दूर हो जाती है।

2) पहली गर्भावस्‍था के दौरान फीमेल अक्‍सर ड़री हुई रहती है और उसे बहुत चिंता होती है। इससे लेबर पेन बढ़ता है और महिलाएं, शरीर से नहीं बल्कि दिमागी रूप से परेशान हो जाती है। डिलीवरी या सिजेरियन ऑपरेशन के टाइम, फोरसेप्‍स के इस्‍तेमाल से बच्‍चे और मां के शरीर को हानि पहुंच सकती है।

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3) दर्दरहित प्रसव के लिए महिला को पीठ पर लगभग 15 मिनट तक हाथ के सपोर्ट से उचकाकर रखने या लकड़ी के रोलर से सपोर्ट देना चाहिए। अगर रोलर न हो, तो हथेली को रगडें, हाथों के नाखूनों को प्रेशर दें और ऐसा 5 से 10 मिनट कर करें। इससे प्रसव के दौरान दर्द कम होगा और बच्‍चा आसानी से पैदा हो जाएगा। प्रसव के दौरान जीभ को दांतों के पीछे रखना चाहिए। ऐसा कई बार करने से दर्द में राहत मिलती है।

4) प्रसव के दौरान, हार्ड लेबर से बचने के लिए एड़ी की तरफ दो मिनट के लिए दबाब बनाएं। दबाब बनाएं, छोड़ दें, फिर दबाब बनाएं, छोड़ दें। ऐसा ही दर्द स्‍तनों में बच्‍चे को पहली बार ब्रेस्‍ट फीडिंग कराने के दौरान भी होता है, तब भी आप ऐसे ही करें। कमर के बीच के हिस्‍से में भी दबाने से दर्द में आराम मिलता है।

5) प्रसव के बाद पीरियड्स होने से महिलाओं के सेक्‍स ग्‍लैंड में परिवर्तन आ जाते है। इसके लिए दुबारा से शादी - शुदा जिन्‍दगी में वही चार्म लाने के लिए हथेलियों को प्रेस करें ताकि महिला का फीगर भी मेंटेन रहे और उसे अपने पार्टनर को लेकर किसी भी प्रकार की उदासीनता न हो।

6) हथेलियों पर प्रेशर दें, इससे शरीर में बच्‍चे को पिलाने के लिए पर्याप्‍त मिल्‍क पैदा होगा। इस तरीके से महिला की प्रजनन क्षमता बढ़ती है और पुरूषों की नपुंसकता का इलाज भी होता है। अगर कोई महिला या पुरूष, इरोटिक ड्रीम्‍स से परेशान है और रात में ही अपने आप डिस्‍चार्ज हो जाता है तो इस तरीके से लाभ मिलता है।

English summary

8 Ways to Give Birth to a Healthy Child

According to Ayurveda, if the intercourse is made during the later dates 10th to 15th the day on which the menses is seen, is to be counted as the first day, there is better possibility of conceiving and the child to be born (if conceived) will be healthy.
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