Just In
- 11 min ago Real Vs Fake Shampoo : आपका शैंपू असली है या नकली, इन ट्रिक्स से पता करें अंतर
- 1 hr ago Eggs Freeze कराएंगी मृणाल ठाकुर, कौन और कब करवा सकता है एग फ्रीज जानें यहां
- 2 hrs ago प्रेग्नेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज होना नॉर्मल है या मिसकैरेज की तरफ इशारा, जानें यहां
- 3 hrs ago सफेद कपड़ों पर पड़ गए है पीले दाग, तो लांड्री में बेकिंग सोडा का यूं करें इस्तेमाल
Don't Miss
- News रांची में पैसे के बिना फंसे धोनी, फैन से मांगे 600 रुपये! जानिए क्या है इस वायरल पोस्ट की सच्चाई
- Movies Haryanvi Dance Video: सपना चौधरी का पुराना वीडियो हुआ वायरल, पतली कमर देख लोग हुए दीवाने
- Finance Bengaluru Lok Sabha Election 2024: फ्री Rapido,बीयर.! वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए वोटर्स को दिए जा रहे ऑफर्स
- Technology Nothing Phone 1 में मिलेगा AI सपोर्ट, ChatGPT का इस्तेमाल होगा आसान
- Travel 5 दिनों तक पर्यटकों के लिए बंद रहेगा शिमला का 'द रिट्रीट', क्या है यह और क्यों रहेगा बंद?
- Automobiles करोड़ों की संपत्ति का मालिक, लग्जरी कारों का कलेक्शन, फिर भी Maruti की इस कार में चलते दिखे Rohit Sharma
- Education CCS यूनिवर्सिटी ने जारी की जून सेमेस्टर के LLB और LLM की डेटशीट 2024, 18 मई से होंगे एग्जाम
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क से तेज होती है मां की स्मृति
(आईएएनएस)| महिलाओं के साथ गर्भावस्था के आखिरी तीन महीनों में या बच्चे के जन्म के तुरंत बाद के दिनों में अक्सर यह समस्या आती है कि वे भुलक्कड़पन से जूझ रही होती हैं या चीजें ठीक से याद नहीं रख पाती हैं। इस स्थिति को 'बेबी ब्रेन' कहते हैं। एक शोध में पता चला है कि 'बेबी ब्रेन' की यह स्थिति स्थाई नहीं होती और कालांतर में इसका प्रभाव महिलाओं के पक्ष में होता है। समय के साथ साथ महिलाओं की यादाश्त तेज करने में सहायक होता है, जो एक अच्छी खबर है।
बच्चे के जन्म के छह महीने बाद मां का दिमाग अपने वास्तविक आकार को प्राप्त कर लेता है।
अध्ययन में पता चला है कि मां बन चुकी महिलाएं, बिना बाल बच्चे वाली महिलाओं की अपेक्षा यादाश्त परीक्षण और दूसरे कार्यो में बेहतर प्रदर्शन करती हैं। प्रसव पीड़ा के दौरान महिला से न कहें ये 5 बातें
कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया में न्यूरोसाइंटिस्ट लीजा गेलिया ने कहा, "गर्भावस्था और बच्चे के जन्म के बाद के दिनों में मां के मस्तिष्क में काफी सारे बदलाव आते हैं। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान दिमाग पर भी प्रभाव पड़ता है और इससे शारीरिक क्रिया विज्ञान में कई सारे नाटकीय परिवर्तन होते हैं।"
गेलिया ने कहा कि एक महिला का मस्तिष्क गर्भावस्था के दौरान चार से आठ प्रतिशत तक सिकुड़ जाता है और ऐसा गर्भवती महिला के शरीर में नौ महीनों के दौरान स्रावित होने वाले हार्मोनों के कारण होता है।
शोध के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान यादाश्त और दिमाग से जुड़ी दूसरी छोटी मोटी मुश्किलों का कारण मस्तिष्क में होने वाला परिवर्तन है, जो आने वाले बच्चे के लिए तैयार हो रहा होता है।