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प्रेगनेंसी के दौरान त्वचा की समस्याओं के प्राकृतिक उपचार
प्रेगनेंसी के दौरान शरीर बड़े बदलाव से गुजरता है। खासकर त्वचा, बाल और नाखुन की स्थिति काफी खराब हो जाती है। अगर आपकी त्वचा तैलीय है तो आपको मुहांसे की समस्या से भी जूझना पड़ेगा। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान मेल सेक्स हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो बड़ी मात्रा में तेल का स्राव करता है।
कई महिलाओं के चेहरे पर काली धारियां भी निकल आती हैं। ये काली धारियां नाक के पास स्थित गाल की हड्डी और ऊपरी होठ के हिस्से में होती है। हालांकि यह प्रेगनेंसी के कुछ महीने बाद अपने-अपने गायब भी हो जाती है। प्रसव से पहले त्वचा से जुड़ी समस्या से निजात पाने के लिए आपको शरीर में हुए नए बदलाव के लिए थोड़ा समय देना पड़ेगा।
गर्भावस्था के दौरान विटामिन की अधिक मात्रा के साइड इफेक्ट
साथ
ही
पेट
पर
स्ट्रेच
के
निशान
भी
पड़
जाते
हैं।
गर्भावस्था
के
दौरान
पेट
की
त्वचा
खिंच
जाती
है,
जिससे
पेट
पर
सिल्वर
लाइन
बन
जाती
है।
साथ
ही
आप
पेट
का
आकार
बढऩे
के
अलावा
पेट
के
निचले
हिस्से
में
खुजलाहट
भी
महसूस
करेंगी।
एक्सरसाइज :
हर दिन एक्सरसाइज करें। अगर आप प्रेगनेंट हैं तो खुद को आलसी न बनाएं। एक्सरसाइज करने से पसीना निकलता है। यह आपके लिए बेहद जरूरी है।
आहार :
जहां तक हो सके मसालेदार भोजन न खाएं। मसाले से न सिर्फ मुहांसे को बढ़ावा मिलता है, बल्कि एसिडिटी की समस्या भी होती है।
पानी :
जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके पानी पीएं। प्रेगनेंसी के दौरान खून का बहाव तेजी से होता है। पानी शरीर के विभिन्न अंगों की कार्यप्रणाली को दुरुस्त रखेगा। नारियल पानी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। जिस दिन आपको पता चले कि आप प्रेगनेंट है, उस दिन से नारियल पानी पीना शुरू कर दें। नारियल पानी में ऐसे पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, जो आपके शरीर को ठंडा रखेगा। साथ ही इसमें कुछ ऐसे भी तत्व होते हैं जिसमें बड़ी मात्रा में एंटी-एजिंग इफैक्ट होता है। नारियल का पानी चूंकि ठंडा होता है, इसलिए यह मुहांसों को भी रोकता है। और तौ और, यह गर्भाशय को भी मजबूत बनाता है।
मास्क :
केमिकल मास्क या क्रीम आपकी त्वचा द्वारा अवशोषित हो सकती है, जो आपके होने वाले बच्चे के लिए कतई अच्छा नहीं होगा। इसलिए जहां तक हो सके नेचुरल रहें। चेहरे की काली धारियों को हटाने के लिए उन पर नीम का पेस्ट लगाएं।