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गर्भावस्था के सातवें महीने का आहार - क्या खाएं क्या न खाएं?
आयरन और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ: रेड मीट, बीन्स, अंडे, सीड्स और चांवल का सेवन करके आप आयरन और प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा कर सकती हैं।
गर्भावस्था के तीसरे ट्राईमिस्टर में आपका आहार आने वाले बच्चे के स्वास्थ्य पर केंद्रित होना चाहिए। आपको ऐसा आहार लेना चाहिए जिससे आपको प्रतिदिन 450 अतिरिक्त कैलोरीज़ मिलें।
जानें, गर्भावस्था के दूसरे महीने में क्या खाएं और क्या नहीं?
कहने का तात्पर्य है कि सीमित मात्रा में खाएं! एक बार में बहुत ज़्यादा खाने से अच्छा है कि पूरे दिन में थोड़ी थोड़ी देर में थोडा थोडा खाएं ताकि आपके बच्चे के विकास के लिए उसे पूरा पोषण मिल सके।
गर्भावस्था की इस स्थिति में आपको इन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए:
1. आयरन और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ:
गर्भावस्था के तीसरे चरण में अतिरिक्त आयरन की आवश्यकता होती है ताकि प्रसव के दौरान एनीमिया, हेमरेज की समस्या न हो। आपको प्रतिदिन 27 मिग्रा. आयरन की आवश्यकता होती है। रेड मीट, बीन्स, अंडे, सीड्स और चांवल का सेवन करके आप आयरन और प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा कर सकती हैं। प्रोटीन से मिलने वाले एमिनो एसिड बच्चे के तीव्र विकास में सहायक होते हैं।
2. कैल्शियम युक्त आहार:
पूरी गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम बहुत महत्वपूर्ण होता है; हालाँकि गर्भावस्था के तीसरे चरण में यह अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि कैल्शियम अब बच्चे के शरीर में जाने लगता है। विशेषज्ञों के अनुसार आपको प्रतिदिन 1,000 मिग्रा. कैल्शियम की आवश्यकता होती है। डेयरी उत्पाद जैसे दूध, योगर्ट और खाद्य उत्पाद जैसे ओटमील और सालमोन में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
3. मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ:
मैग्नीशियम आपके द्वारा सेवन किये गए कैल्शियम के पाचन में सहायक होता है और आपको पैरीं की ऐंठन से आराम दिलाता है, मांसपेशियों को आराम देता है और समयपूर्व होने वाली प्रसव पीड़ा को रोकता है। आपको प्रतिदिन कम से कम 350 से 400 मिग्रा. मैग्नीशियम का सेवन करना चाहिए। बादाम, ओटब्रान, ब्लैक बीन्स (काली सेम), जौ, चुकंदर, कद्दू के बीज आदि मैग्नीशियम के अच्छे स्त्रोत हैं।
4. डीएचए युक्त खाद्य पदार्थ:
डीएचए एक फैटी एसिड है जो आपके बच्चे के मस्तिष्क के उचित विकास में सहायक होता है। विशेषज्ञों के अनुसार प्रतिदिन इसकी 200 मिग्रा. मात्रा का सेवन करना चाहिए। दूध, अंडे और जूस से आपको डीएचए मिलता है।
5. फोलिक एसिड:
प्रतेक गर्भवती महिला के लिए गर्भावस्था के पहले और गर्भावस्था के दौरान फोलिक एसिड का सेवन करना बहुत आवश्यक होता है। तीसरे ट्राईमिस्टर के दौरान फोलिक एसिड आपके बच्चे के न्यूरल ट्यूब के दोष के खतरे को कम करने में सहायक होता है। ओटमील, पत्तागोभी या हरी पत्तेदार सब्जियां तथा फल जैसे स्ट्रॉबेरीज़ और संतरे आदि में फोलिक एसिड पाया जाता है। आपको प्रतिदिन इसकी 600-800 मिग्रा. मात्रा का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए।
6. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ:
गर्भावस्था के तीसरे ट्राईमिस्टर में अक्सर कब्ज़ की समस्या हो जाती है। इससे बचने के लिए आपको फाइबर युक्त आहार का अधिक सेवन करना चाहिए। आपको अपने आहार में सब्जियां, फल, दालें और साबुत अनाज शामिल करना चाहिए। इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि आपके पाचन के रास्ते का पानी फाइबर द्वारा बहुत जल्दी सोख लिया जाता है अत: शरीर में होने वाली इस कमी को पूरा करने के लिए बहुत सारा पानी और अन्य तरल पदार्थ का सेवन करें।
7. विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ:
इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कि आप जिस आयरन का सेवन कर रहे हैं वह आपके शरीर द्वारा अवशोषित किया जा रहा है अथवा नहीं, आपको विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थं का सेवन करना चाहिए। विटामिन सी में खट्टे फल जैसे मेलोन्स, नीबू और संतरे तथा हरी मिर्च और ब्रोकोली आदि शामिल है।
7 वें महीने में क्या न खाएं?
गर्भावस्था के तीसरे ट्राईमिस्टर में हार्टबर्न, हाथों और पैरों में सूजन आना, थकान और कब्ज़ आदि समस्याएं हो सकती हैं। इन लक्षणों से बचने के लिए अपने आहार से कुछ पदार्थों को हटा दें। इससे आपकी असुविधा कम होगी और आपके बच्चे को उचित पोषण भी मिलेगा... गर्भावस्था के सातवें महीने के दौरान इन खाद्य पदार्थों का सेवन न करें:
1. हाई फैट और मसालेदार खाद्य पदार्थ:
हार्टबर्न की समस्या से बचने के लिए आपको तले हुए खाद्य पदार्थ जिनमें फैट बहुत अधिक होता है, से दूर रहना चाहिए। आपको मसालेदार खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए जिनके कारण हार्टबर्न की समस्या हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार आपको रात को एकदम हल्का खाना खाना चाहिए।
2. सोडियम युक्त खाद्य पदार्थ:
तरल पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करके पेट फूलना और सूजन जैसी समस्याओं से बचा जा सकता था। आपको तरल पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए। सोडियम की कम मात्रा का सेवन करना बहुत महत्वपूर्ण है अत: अधिक नमक युक्त पदार्थ जैसे चिप्स, कैचप, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, अचार और सॉस आदि से दूर रहें।
3. कैफीन, अल्कोहल और तंबाकू:
यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि पूरी गर्भावस्था के दौरान इन सभी पदार्थों का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए। कैफीन युक्त पेय पदार्थों से कब्ज़ की समस्या हो सकती है जिससे आपको असुविधा महसूस हो सकती है, विशेष रूप से गर्भावस्था के इस चरण में, अत: इन सभी पदार्थों से दूर रहे। अल्कोहल और तंबाकू आपके बच्चे की सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होते हैं अत: हो सके तो इसे छोड़ दें।
4. जंक फ़ूड:
इच्छा होने पर जंक फ़ूड की थोड़ी मात्रा का सेवन करना ठीक है हालाँकि इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इसे अधिक न खाएं। प्रोसेस्ड फ़ूड में पोषक तत्व नहीं होते। अच्छा होगा कि आप घर पर ही हेल्दी स्नैक्स जैसे कैरेट स्टिक्स, साबुत अनाज से बने सैंडविच आदि बनायें। इस तरह आपका पेट भी भरेगा और आपके बच्चे को पोषक तत्व भी मिलेंगे तथा उसका विकास भी स्वस्थ होगा।