Just In
- 42 min ago Good Friday 2024 Quotes Messages: गुड फ्राइडे के मौके पर शेयर करें यीशु के विचार
- 7 hrs ago Mukhtar Ansari Networth : मुख्तार अंसारी का निधन, जानें कितनी बेशुमार दौलत के थे मालिक?
- 8 hrs ago कौन थे पंजाबी रॉकस्टार अमरसिंह चमकीला? जिनकी मौत के 35 साल बाद भी नहीं सुलझी गुत्थी
- 9 hrs ago ड्राई स्किन और डार्क सर्कल के लिए कंसीलर खरीदते हुए न करें ये गलतियां, परफेक्ट लुक के लिए ऐसे करें अप्लाई
Don't Miss
- News करनाल: सीएम सैनी बोले- हरियाणा कांग्रेस में मोदी की गारंटी से भगदड़ मची हुई है
- Movies Crew Review: चोर के घर चोरी करती नजर आईं तबू, करीना और कृति, बेबो ने लूट ली सारी लाइमलाइट, कृति पड़ीं फीकी
- Education MHT CET 2024 Exam Dates: एमएचटी सीईटी 2024 परीक्षा की तारीखें फिर से संशोधित की गई, नोटिस देखें
- Finance Gaming का बिजनेस भारत में पसार रहा पांव, आने वाले सालों में 6 अरब डॉलर तक का होगा कारोबार
- Automobiles अब Toll प्लाजा और Fastag से नहीं, इस खास सिस्टम से होगा Toll Collection! नितिन गडकरी ने दिया बड़ा अपडेट
- Technology Oppo F25 Pro भारत में नए Coral Purple कलर में उपलब्ध, जानिए, स्पेक्स और उपलब्धता
- Travel Good Friday की छुट्टियों में गोवा जाएं तो वहां चल रहे इन फेस्टिवल्स में भी जरूर हो शामिल
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
Tarpan Mantra in Hindi: पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण देते हुए इन मंत्रों का करें जाप
पितृ पक्ष साल के ऐसे विशेष पन्द्रह दिन होते हैं जब पितर दूसरे लोक से धरती पर अपने परिवार के पास आते हैं। इस दौरान हमारे पूर्वज हमसे मिलने के लिए किसी भी रूप में आ सकते हैं। लोगों का ये फर्ज होता है कि वो अपने पूर्वजों की खुशी और मान-सम्मान का पूरा ख्याल रखें। जिन परिवारों पर पितरों की कृपा बनी रहती है वहां खुशियों का वास होता है। पितृपक्ष में तर्पण का खास महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष की अवधि में परलोक सिधार चुके पूर्वजों की आत्मा मुक्त रहती है और वो धरती पर तर्पण ग्रहण करने आते हैं। पितरों को जल देने की प्रक्रिया को तर्पण कहा जाता है। इस लेख में हम उन मंत्रों का जिक्र करने जा रहे हैं जिनका जाप तर्पण के दौरान करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है।
पिता को तर्पण देने का मंत्र
पिता को तर्पण देते समय आप पहले गंगा जल में दूध, तिल और जौ मिला लें। इसके बाद तीन बार पिता को जलांजलि दें। जल देते समय मन ही मन ध्यान करें कि वसु रूप में मेरे पिताजी जल ग्रहण करें और वो तृप्त हों। इसके पश्चात् अपने गोत्र का नाम लेकर कहें, "गोत्रे अस्मतपिता (पिता जी का नाम) शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः।"
माता को तर्पण देने का मंत्र
मां को तर्पण देते वक्त अपने गोत्र का नाम (माता का नाम) "देवी वसुरूपास्त् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जल वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः" मंत्र का जाप करें।
दादा जी को तर्पण देने का मंत्र
अपने दादा जी को तर्पण देते वक्त अपने गोत्र का नाम लें और कहें, गोत्रे अस्मत्पितामह (दादा जी का नाम) शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः।"
दादी को तर्पण देने का मंत्र
अपनी दादी को तर्पण देते समय गोत्र का नाम लें और कहें "गोत्रे पितामां (दादी का नाम) देवी वसुरूपास्त् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जल वा तस्मै स्वधा नमः,तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः।"