Just In
- 4 min ago Rash Under Breast: ब्रेस्ट के नीचे रैशेज ने कर दिया हाल बुरा, इन घरेलू इलाज से छुटकारा पाए
- 1 hr ago Mahavir Jayanti 2024: कब मनाया जाएगा जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व महावीर जयंती, जानें इसका इतिहास
- 2 hrs ago LokSabha Chunav 2024 : सही करो मतदान तो, हो उत्तम सरकार... इन संदेशों से लोगों को वोटिंग के लिए करें प्रेरित
- 3 hrs ago नारियल पानी Vs नींबू पानी, गर्मियों में हाइड्रेड रहने के लिए क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?
Don't Miss
- News Lok Sabha Election: बस्तर में मतदान केंद्र से 500 मीटर दूर ब्लास्ट में जवान घायल, सीएम विष्णुदेव ने जताया दुख
- Education पीएसईबी 10वीं रिजल्ट 2024 लिंक pseb.ac.in सक्रिय, कैसे डाउनलोड करें पंजाब बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट मार्कशीट
- Finance Gold Rate Today: सोने के दाम पर लोकसभा चुनाव के दौरान कैसा रहा असर, क्या किमतों में मिली राहत
- Technology बच कर रहें कहीं REMOTLY कोई फोन न हैक कर लें
- Movies किसी आलीशान होटल में नहीं बल्कि इस मंदिर में शादी करेंगी गोविंदा की भांजी आरती, वेडिंग कार्ड की झलक आई सामने
- Travel दुनिया के सबसे व्यस्त और Best एयरपोर्ट्स की लिस्ट में दिल्ली का IGI एयरपोर्ट भी शामिल, देखें पूरी लिस्ट
- Automobiles नई Land Rover Defender के साथ नजर आयी बॉलीवुड सिंगर Neha Kakkar, कीमत जान होश उड़ जाएंगे!
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
Shri Ram Aarti: हर संकट से 'राम' नाम ही लगाएगा बेड़ा पार, इस राम स्तुति से बजरंगबली का भी मिलेगा आशीर्वाद
प्रभु श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। उनका मर्यादित और आदर्श जीवन आज भी लोगों को प्रेरित करता है। उनका जन्म भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप में अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ।
प्रभु श्री राम के परम भक्त के रूप में बजरंगबली को ही याद किया जाता है। पवनसुत हनुमान केवल जय श्री राम का जप कर लंका का नाश कर आए थे।
भगवान राम का आशीर्वाद जिस जातक को मिलता है उसके जीवन की समस्याएं भी स्वाहा होते देर नहीं लगती हैं। आज हम भगवान श्री राम को प्रसन्न करने के लिए उनकी आरती लेकर आए हैं। इस स्तुति से भगवान राम के साथ उनके भक्त हनुमान जी भी प्रसन्न होते हैं। प्रभु श्री राम की विधि विधान से पूजा के बाद ये आरती जरूर पढ़ें।
श्री राम जी की आरती
श्री
राम
चंद्र
कृपालु
भजमन
हरण
भाव
भय
दारुणम्।
नवकंज
लोचन
कंज
मुखकर,
कंज
पद
कन्जारुणम्।।
कंदर्प
अगणित
अमित
छवी
नव
नील
नीरज
सुन्दरम्।
पट्पीत
मानहु
तडित
रूचि
शुचि
नौमी
जनक
सुतावरम्।।
भजु
दीन
बंधु
दिनेश
दानव
दैत्य
वंश
निकंदनम्।
रघुनंद
आनंद
कंद
कौशल
चंद
दशरथ
नन्दनम्।।
सिर
मुकुट
कुण्डल
तिलक
चारु
उदारू
अंग
विभूषणं।
आजानु
भुज
शर
चाप
धर
संग्राम
जित
खर-धूषणं।।
इति
वदति
तुलसीदास
शंकर
शेष
मुनि
मन
रंजनम्।
मम
ह्रदय
कुंज
निवास
कुरु
कामादी
खल
दल
गंजनम्।।
मनु
जाहिं
राचेऊ
मिलिहि
सो
बरु
सहज
सुंदर
सावरों।
करुना
निधान
सुजान
सिलू
सनेहू
जानत
रावरो।।
एही
भांती
गौरी
असीस
सुनी
सिय
सहित
हिय
हरषी
अली।
तुलसी
भवानी
पूजि
पूनी
पूनी
मुदित
मन
मंदिर
चली।।
जानि
गौरी
अनुकूल
सिय
हिय
हरषु
न
जाइ
कहि।
मंजुल
मंगल
मूल
वाम
अंग
फरकन
लगे।।