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वैक्सिंग क्यूं, कैसे और कब करें?
अनचाहे बालों को हटाने के लिये वैक्सिंग अस्थाई और सबसे लोकप्रिय तरीका है। यह तरीका आधुनिक नहीं है बल्कि प्राचीन मिस्र की महिलायें बदसूरत बालों को हटाने के लिये शर्करा युक्त मोम का प्रयोग करती थीं। शेव करने के विपरीत वैक्स किये हुये बाल तीन से आठ हफ्तों बाद ही फिर से उगते हैं, जबकि अन्य तरीकों में ऐसा नहीं होता।
आज कल हर लड़की शेविंग की जगह पर वैक्सिंग का ही रूख करती है, इसके कर्इ कारण हो सकते हैं। आइये जानते हैं कि वैक्सिंग कैसे की जाती है, इसको करते समय क्या क्या सवधानियां बरतनी चाहिये और यह शेविंग या हेयर रिमूवल क्रीम से किस प्रकार से अलग और अच्छी होती है।
मोम के प्रकार के आधार पर वैक्सिंग
-गुनगुना या गर्म वैक्सिंग - यह सबसे लोकप्रिय तरीका है, मोम में शर्करा होती है जो बाल को हटाना आसान बनाती है। यह तरीका ठंडी वैक्सिंग की तुलना में ज्यादा कारगर है और अधिकतर पार्लर में प्रयोग की जाती है।
-ठंडी वैक्सिंग - वैक्सिंग वाली मोम किसी भी दवा की दुकान पर आसानी से मिल जाती है। यह तरीका अधिकतर लोगों द्वारा घर पर अपनाया जाता है।
वैक्सिंग का सामान्य तरीका
वैक्सिंग करने के लिये अनचाहे बालों वाले क्षेत्र में उनकी वृद्धि की दिशा में मोम की पतली परत लगाई जाती है। एक कपड़े या कागज की पट्टी को मोम के ऊपर दबाकर बालों की वृद्धि की दिशा के विपरीत तेजी से हटाया जाता है। इससे मोम के साथ-साथ बाल भी हट जाते हैं और चिकनी कोमल त्वचा रह जाती है।
वैक्सिंग के चरण
निम्नलिखित चरण हाथों, पैरों और पेट तीनों की वैक्सिंग के लिये समान हैं।
• अपनी त्वचा के अनुकूल सही प्रकार का मोम खरीदें। लेबल पर लिखे दिशा निर्देशों पर ध्यान दें।
• निर्देशों के अनुसार मोम को गर्म करें (ध्यान रहे मोम बहुत गर्म न होने पाये अन्यथा जलने का खतरा रहेगा)
• मोम लगाने से पहले अपने पैरों को साफ करके सुखा लें।
• इसके बाद मोम को ठंडा होने से पहले लगायें (मोम गुनगुनी होनी चाहिये), इसे बालों की वृद्धि की दिशा में लगायें।
वैक्सिंग के चरण
• अब सूती कपड़े या कागज की पट्टी को मोम के ऊपर दबायें और मोम को थोड़ा ठंडा होने दें।
• बाद में वैक्सिंग वाले कपड़े या पट्टी को बालों की वृद्धि की विपरीत दिशा में तेजी से खींचें। इसे ऊपर की दिशा में न खींचे क्योंकि इससे ज्यादा दर्द होगा।
• वैक्स किये क्षेत्र को आराम पहुँचाने के लिये उसके ऊपर नम कपड़ा रखें।
• मोम लगाने से लेकर नम कपड़ा रखने तक की प्रक्रिया को तब तक दोहराते रहें जब तक कि आपके पैर, पेट या हाँथ के बाल हट न जायें।
• बाल हटाने के बाद त्वचा को आराम पहुँचाने वाली क्रीम या मॉश्चराइज़र लगायें।
चेहरे और भँवों की वैक्सिंग पेशेवर लोग ही बैहतर कर पाते हैं। घर पर प्रयास करना खतरनाक हो सकता है।
चेतावनी
• मधुमेह या खराब रक्त परिसंचरण से ग्रस्त लोगों को इस प्रक्रिया को अपनाने की सलाह नहीं दी जाती है।
• वे लोग जो रेटिन-ए, रेटिनोवा, डिफरिन या आइसोट्रेटिनोइन ले रहें हों उन्हें भी यह प्रक्रिया नहीं अपनानी चाहिये।
• मोम को छालों, मुहासों, मस्सों, खुजली या सूर्य किरणों से प्रभावित स्थानों पर नहीं लगाना चाहिये।
• मोम को कटी-फटी त्वचा या स्फीत नसों पर नहीं लगाना चाहिये।
लाभ
अन्य तरीकों के विपरीत वैक्सिंग के बाद बालों को वापस उगने में तीन से आठ हफ्तों का समय लगता है और नये बाल मुलायम होते हैं।
• शेविंग जैसे अन्य तरीकों की तुलना में वैक्सिंग में कोई घाव नहीं होता।
• अनचाहे बालों को हटाकर त्वचा को मुलायम बनाता है, यह त्वचा से मृत कोशिकाओं को हटाने में भी सहायक होता है।
• नियमित अन्तराल पर वैक्सिंग करने से बालों की वृद्धि कम हो जाती है।
कमियाँ
• यह बालों को हटाने का स्थाई तरीका न होकर अस्थाई तरीका है।
• सूती पट्टी को त्वचा से हटाते समय दर्द होता है।
• शेविंग जैसे अन्य तरीकों की तुलना में वैक्सिंग मँहगी प्रक्रिया है।