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डायबिटीज के मरीजों के लिए कितना फायदेमंद है एक्यूपंक्चर
एक्यूपंक्चर से कई बीमारियों जैसे कि तेज दर्द, नपुसंकता, सिरदर्द आदि का इलाज किया जा सकता है। वैसे तो शोधकर्ता अभी भी एक्यूपंक्चर के प्रभाव को लेकर अध्ययन कर रहे हैं लेकिन कई सेहत विशेषज्ञों का कहना है कि ये पारंपरिक चीनी थेरेपी भी टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में मदद कर सकती है। विशेष सुईयों से ट्रिगर वाले हिस्सों को टारगेट कर के विशेष बिंदुओं को उत्तेजित किया जा सकता है।
एक्यूपंक्चर बीमारी के लक्षणों को जड़ से खत्म करने पर काम करता है। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो एंडोक्राइन सिस्टम में हार्मोनल असंतुलन के कारण पैदा होती है और इसकी वजह से दर्द महसूस होता है। एक्यूपंक्चर की सुईंया इसी एंडोर्फिंस को उत्तेजित कर ऊर्जा प्रदान करती हैं और दर्द में कमी लाती हैं। कुछ चिकित्सकों के अनुसार एक्यूपंक्चर डायबिटीज से होने वाले कई जोखिमों और साइड इफेक्ट्स को भी कम कर सकती है। ये पैंक्रियाज के कार्य को नियंत्रित और इंसुलिन लेवल को सामान्य बनाए रखती है। लंबे समय तक एक्यूपंक्चर उपचार लेने से मोटापे से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
डॉक्टर कहते हैं कि एक्यूपंक्चर मुख्य रूप से शरीर के निम्न पांच कार्यों पर असर करती है:
संतुलित वजन बनाए रखने में
डायबिटीज के मरीज में ब्लड ग्लूकोज के स्तर में सुधार
अग्नाश्य को सुरक्षा देकर और इंसुलिन उत्पादन को बढ़ने से रोकना
इंसुलिन रेसिस्टेंस में सुधार
शरीर में महत्वपूर्ण हार्मोंस के उत्पादन को नियंत्रित और बेहतर करना जैसे कि मेलाटोनिन इंसुलिन, ग्लूकोकोर्टिकोइड, एपिनेफ्राइन।
कैसे करता है काम
पारंपरिक चिकित्सकों का मानना है कि जब लो इंटेंसिटी तरंगें शरीर में आती हैं तब एक्यूपंक्चर सबसे बढ़िया काम करता है। आमतौर पर डायबिटीज के लिए एक्यूपंक्चर लेने में 20 से 30 मिनट का समय लगता है जो कि हर हफ्ते में कम से कम दो बार लेनी होती हैं। मरीज की स्थिति और बीमारी के बढ़ने की गति के आधार पर चिकित्सक आपको ज्यादा सिटिंग लेने की सलाह दे सकते हैं। अधिकतर चिकित्सक डायबिटीज को नियंत्रित करने और इस समस्या को बढ़ने से रोकने के लिए दो प्रकार के एक्यूपंक्चर का इस्तेमाल करते हैं जो कि शरीर के निम्न कार्यों पर असर करती हैं:
इलेक्ट्रोएक्यूपंक्चर
ये एक्यूपंक्चर का सबसे सामान्य प्रकार है जिसमें प्रभावित बिंदुओं पर सुईंया लगाई जाती हैं और फिर एक सुईं से दूसरी सुईं तक धीमी गति वाली इलेक्ट्रिकल वेरिएशन भेजी जाती हैं। ये इंसुलिन रेसिस्टेंस और सेंसिटिविटी से लड़ने में मदद करती है।
रिस्ट एंकल ट्रीटमेंट
ये अन्य प्रकार का एक्यूपंक्चर है जिसमें ट्रिगर प्वाइंट के अंदर गहराई में जाकर उसे उत्तेजित किया जाता है। ये शुगर लेवल को कम करने और डायबिटीज के मरीज के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में मददगार है।
हर्बल एक्यूपंक्चर
ये चिकित्सा हाल ही में एक्यूपंक्चर में आई है। इसमें विशेष जड़ी बूटियों को सीधा एक्यूपंक्चर बिंदुओं में सुईं के जरिए डाला जाता है।
नियमित इस्तेमाल से एक्यूपंक्चर शरीर में हार्मोनल स्राव को ट्रिगर करता है जिससे शरीर के उन हिस्सों को राहत मिलती है जहां पर शुगर का स्तर गड़बड़ा गया था। इससे कोई साइड इफेक्ट भी सामने नहीं आते। अत: एक्यूपंक्चर का इस्तेमाल नियमित दवाओं के साथ किया जा सकता है।