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डायबिटीज होने पर बढ़ जाता है यूटीआई का खतरा, कुछ इस तरह संक्रमण से करें बचाव
मधुमेह एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जिससे अधिकतर लोग इस समय जूझ रहे हैं। मधुमेह होने पर कुछ लोगों को लगातार इंसुलिन भी लेना पड़ता है। आमतौर पर, यह माना जाता है कि मधुमेह केवल रक्त में बढ़ी हुई शुगर या वजन कम होने की वजह बन सकता है। लेकिन समस्या सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। मधुमेह अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप, गर्भधारण में समस्या, नर्व्स डैमेज, गुर्दे की समस्या, मोटापा, आदि के जोखम को बढ़ा सकता है। इन्हीं स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है यूटीआई। यूटीआई जिसे मूत्र मार्ग का संक्रमण भी कहा जाता है, एक ऐसी समस्या है, जिससे महिलाएं अधिक प्रभावित होती हैं। हालांकि, मधुमेह रोगियों में भी मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई) होने की संभावना अधिक रहती है। तो चलिए जानते हैं कि मधुमेह और यूटीआई का आपस में क्या कनेक्शन है और इस संक्रमण से खुद को सुरक्षित रखने के लिए आप बचाव के लिए क्या उपाय अपना सकते हैं-
क्या कहती है स्टडी
नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज, काठमांडू, नेपाल ने मधुमेह रोगियों में यूटीआई के प्रसार का पता लगाने के लिए एक अध्ययन किया। इस अध्ययन में पाया गया कि कुल 1470 मधुमेह रोगियों (847 महिलाओं और 623 पुरुषों) में से लगभग 10.5 प्रतिशत टाइप 2 और 12.8 प्रतिशत टाइप 1 मधुमेह रोगियों में यूटीआई था।
वहीं, एक अन्य स्टडी, जो हिंदवी पत्रिका में प्रकाशित हुई थी, में वैज्ञानिकों ने 772 रोगियों के मूत्र के नमूनों का विश्लेषण किया और पाया कि अनियंत्रित मधुमेह वाली महिलाओं और वृद्ध वयस्कों में मूत्र पथ के संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है।
मधुमेह रोगियों को बार-बार यूटीआई क्यों होता है?
अध्ययन कहीं ना कहीं यह दर्शाता है कि मधुमेह का उच्च स्तर यूटीआई संक्रमण की संभावना को बढ़ाता है। लेकिन ऐसा क्यों होता है? इसे आप कुछ इस तरह समझ सकते हैं। दरअसल, मधुमेह में व्यक्ति के शरीर में ब्लड शुगर का लेवल काफी अधिक होता है, जो बैक्टीरिया के बढ़ने और उसे किडनी तक पहुंचाने का एक अच्छा माध्यम साबित होता है। जिससे संक्रमण होने की संभावना काफी अधिक रहती है।
यूटीआई के लक्षण क्या हैं?
हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि मधुमेह पीड़ित सभी महिलाओं को यूटीआई संक्रमण हो। यह समस्या उन महिलाओं में देखी जाती है, जिनका ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित होता है। यूटीआई को उसके लक्षणों के आधार पर पहचाना जा सकता है। जो कुछ इस प्रकार है-
• कभी-कभी खून के साथ दर्दनाक पेशाब आना
• पेशाब करने की इच्छा बढ़ जाना
• ऐंठन या योनि में जलन
• दर्दनाक संभोग
• पेट के निचले हिस्से या श्रोणि में दर्द
• योनि में खुजली
• दुर्गंधयुक्त पेशाब
• पेशाब करते समय जलन महसूस होना
• पेशाब के रंग में परिवर्तन
यहां आपको यह भी जानना चाहिए कि यूटीआई किडनी में भी फैल सकता है और उसके ये लक्षण हैं-
• बुखार
• ठंड लगना
• पीठ में पसलियों के ठीक नीचे दर्द
• दिन भर मतली और उल्टी
• पेट में दर्द
मधुमेह पीड़ित होने पर यूटीआई से बचाव के उपाय
अगर आप मधुमेह पीड़ित हैं और स्वयं को यूटीआई संक्रमण से बचाना चाहते हैं तो इसके लिए कुछ आसान उपाय अपना सकते हैं। जैसे-
• यूटीआई से निपटने के लिए एक अच्छा तरल पदार्थ का सेवन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इसलिए, अपने वाटर इनटेक पर विशेष रूप से ध्यान दें। आप हाइड्रेटेड रहकर और ढेर सारा पानी पीकर अपनी सेहत का ख्याल रख सकते हैं।
• मधुमेह वाले लोगों को अपने पेशाब को अधिक समय तक रोक कर रखने से बचना चाहिए। ऐसा करने से वे यूटीआई के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं।
• आपके द्वारा किया जाने वाले अंडरवियर का चयन भी काफी महत्वपूर्ण है। आपको हमेशा त्वचा के अनुकूल अंडरगारमेंट्स को चुनना चाहिए। इसलिए, सूती अंडरवियर पहनना सुनिश्चित करें और यूटीआई से दूर रहें। कभी भी सिंथेटिक अंडरवियर को ना पहनें।
• असामान्य रक्त शर्करा का स्तर यूटीआई होने की संभावना को बढ़ा सकता है। इसलिए, अपनी रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने का प्रयास करें। इसके लिए आप डॉक्टर की सलाह पर कुछ आसान तरीकों की मदद ले सकते हैं।
• योनि की स्वच्छता भी मूत्र मार्ग संक्रमण को रोकने में अहम् भूमिका निभाती है। इसलिए, योनि क्षेत्र को हमेशा साफ और सूखा रखें। ऐसे किसी भी प्रोडक्ट का उपयोग से बचें जिसमें रसायन होते हैं क्योंकि वे आपके पीएच स्तर को बिगाड़ सकते हैं, जिससे संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है।
• अपनी डाइट में विटामिन सी की मात्रा को बढ़ाने का प्रयास करें। यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाकर और आपके पीएच संतुलन को बनाए रखकर संक्रमण को रोक सकती है। अमरूद, आंवला, पालक, केल, नींबू और अंगूर विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं और मधुमेह रोगी आसानी से इनका सेवन कर सकते हैं।