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जानिये व्रत में खाये जाने वाले साबुदाने की कहानी
नवरात्रि में नौ दिनों के लिए माता का व्रत रखा जाता है। लेकिन व्रत के इन दिनों में खाने की जरुरत तो पड़ती ही है। व्रत में सिर्फ फलाहार ही खातें हैं। सबके घर में अपनी अपनी तरह का फलाहार बनाया जाता है, जैसे कुछ लोग हरी मिर्च को फलाहार मानते है तो कुछ लोग लाल मिर्च को। ऐसा ही कुछ सब्जियों के साथ भी है कुछ परिवार आलू, लौकी और शकरकंद को ही फलाहार मानते है तो वहीं कुछ अरबी को भी व्रत का खाना मानते हैं, खैर ये सब तो हर परिवार की श्रद्धा और परंपरा के अनुसार व्रत रखें जाते हैं।
लेकिन इन सब के बीच साबूदाना एक ऐसा भोजन है जो हर परिवार खाता है और इससे काफी तरह के व्यंजन भी बन जाते हैं। साबूदाने को दक्षिण भारत में सागो के नाम से भी पहचाना जाता है। यह पूरी तरह शाकाहारी होता है। साबूदाना छोटे-छोटे मोती की तरह सफ़ेद और गोल होता है। यह सैगो पाम नामक पेड़ के तने के गूदे में पाए जाने वाला स्टार्च है। सैगो, ताड़ की तरह का एक पौधा होता है।
साबुदाना शरीर को ठंडक पहुंचाता है और वे लोग जिन्हें पित्त की शिकायत होती है उनके लिये यह रामबाण है। साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है और इसमें कुछ मात्रा में कैल्शियम व विटामिन सी होता है। यह हमारे पाचन तंत्र के लिए भी काफी अच्छा होता है।
कैसे
बनायें
साबूदाना?
साबूदाना
में
पहले
से
काफी
मात्रा
में
स्टार्च
होता
है,
इसलिए
इसे
6-8
घंटो
के
लिये
जरुर
भिगोना
चाहिये।
साबूदाना
बनायें
तो
पहले
उसे
अच्छे
से
धो
ले।
इसे
बहते
हुए
पानी
से
धोएं
और
हाथ
न
लगायें।
साबूदाना
कैसे
खरीदें?
साबूदाना
खरीदते
वक़्त
ध्यान
रखे
की
वह
सफ़ेद
और
अच्छे
आकार
के
हों।
इसेके
दाने
पूरे
होने
चाहिए
न
की
टूटे
हुए।
अगर
बड़े
दाने
हो
तो
उससे
खिचड़ी
या
वडे़
बनाएं
और
अगर
दाने
छोटे
हो
तो
उसकी
खीर
और
पायसम
बनायें।
साबूदाना
में
पायें
जाने
वाले
पोषण
तत्व
100
ग्राम
साबूदाना
में
351
किलो
कैलोरी,
87
ग्राम
कार्बोहाइड्रेट,
0.2
ग्राम
फैट
और
0.2
ग्राम
प्रोटीन
पाया
जाता
है।
इसमें
विटामिन,
कैल्शियम,
आयरन,
मिनरल
और
फाइबर
की
कम
मात्रा
होती
है।
हालांकि,
इन
सब
के
बावजूद
इसका
पोषक
तत्व
दूध,
सब्जियों
और
मूंगफली
मिला
कर
बढ़ाया
जा
सकता
है।