For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

गठिया का दर्द दूर भगाने वाले योग आसन

|

गठिया का दर्द बड़ा ही जानलेवा होता है और सबसे बुरी बात तो यह है कि इसके दर्द का कोई परमानेन्‍ट इलाज नहीं है। गठिया रोग को आमवात, संधिवात आदि नामों से भी जाना जाता है। इस रोग में सबसे पहले शरीर में निर्बलता और भारीपन के लक्षण दिखाई देते हैं। शरीर के तमाम जोड़ों में इतना दर्द होता है कि उन्हें हिलाने पर ही चीख निकल जाए, खासकर सुबह के समय। इसके अलावा शरीर गर्म हो जाता है, लाल चकत्ते पड़ जाते हैं और जलन की शिकायत भी होती है।

जोड़ों में जहां-जहां दर्द होता है, वहां सूजन आना भी इस बीमारी में आम है। जोड़ों के इर्द-गिर्द सख्त गोलाकार गांठें जैसी उभर आती हैं, जो हाथ पैर हिलाने पर चटकती भी हैं। शरीर के किसी भी अंग को हिलाने पर दर्द, जलन और सूजन की तकलीफ झेलनी पड़ती है। यदि आप अपने शरीर को हिलाना-डुलाना बंद कर देगे तो गठिया रोग आपको खा जाएगा। इसलिये यह बहुत जरुरी है कि आप कुछ योगा आसन करें और गठिया दर्द से राहत पाएं।

 सूर्य नमस्‍कार

सूर्य नमस्‍कार

सूर्य नमस्‍कार शरीर के समग्र लचीलेपन के लिए अच्छा है। इस बहुमुखी योग आसन से शरीर की सभी मांसपेशियों को ढीला कर देता है जिसके बाद आपको व्‍यायाम शुरु करना चाहिये। यह घुटनों के लिए विशेष रूप से अच्छा है।

वज्रासन

वज्रासन

वज्रासन सबसे सरल आसन है। बस पैरों को घुटनों से मोड़कर बैठना है। पैरों के अँगूठे एक-दूसरे के ऊपर रहेंगे, एड़ियों को बाहर की ओर फैलाकर बैठने के लिए जगह बना लेंगे। हाथों को घुटनों पर रखेंगे। इसको करने से घुटनों का दर्द कम होता है। यही एक ऐसा आसन है, जिसे खाना खाने के बाद भी किया ज सकता है।

 ताड़ आसन

ताड़ आसन

ताड़ एक पेड़ का नाम है। ताड़ की तरह पूरे शरीर को ऊपर की ओर खींचना ही ताड़ासन कहलाता है। इससे पीठ पर जोर पड़ता है और दर्द गायब होता है। पैरों की अंगुलियों के साथ-साथ टखने भी मज़बूत बनते हैं। ये आसन रीढ़ की हड्डी में भी खिंचाव लाता है. फलस्वरूप शरीर का क़द बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है तथा स्लिप डिस्क की संभावना नहीं रहती। कंधों के जोड़ मज़बूत बनते हैं और गहरी सांस लेने-छोड़ने की प्रक्रिया में सुधार होता है।

सेतुबंध आसन

सेतुबंध आसन

सेतुबंध आसन रीढ़ की सभी कशेरुकाओं को अपने सही स्थान पर स्थापित करने में सहायक है। ये आसन कमर दर्द को दूर करने में भी सहायक है। पेट के सभी अंग जैसे लीवर, पेनक्रियाज और आँतों में खिंचाव आता है। कब्ज की समस्या दूर होती है और भूख भी खुलकर लगती है।

सुखआसन

सुखआसन

इसको करने से घुटने 90 डिग्री मुडते हैं, जिससे उन्‍हें दर्द से आराम मिलता है। यह आसान प्रणायाम करने से पहले किया जाता है।

वीरभद्र आसन

वीरभद्र आसन

इस योग का अभ्यास खड़े होकर किया जाता है। इस योग में मूल रूप से पैर, टखना, कंधा और बाजू मूल रूप से भाग लेते हैं। छाती के लिए भी यह अच्छा व्यायाम होता है। अभ्यास के दौरान कमर को सीधा रखना चाहिए। पिछले पैर के हिप्स आगे की ओर नहीं घुमे इसका ख्याल रखना चाहिए। बाजू, कंधा, हिप्स और पैर एक सीध में होने चाहिए।

गोमुखासन

गोमुखासन

इससे हाथ-पैर की मांसपेशियां चुस्त और मजबूत बनती है। तनाव दूर होता है। कंधे और गर्दन की अकड़न को दूरकर कमर, पीठ दर्द आदि में भी लाभदायक। छाती को चौड़ा कर फेफड़ों की शक्ति को बढ़ाता है जिससे श्वास संबंधी रोग में लाभ मिलता है।

बालासन

बालासन

इस आसन को करने से सिर नीचे झुक जाता है जिससे गर्दन को बहुत आराम मिलता है।

विपरीतकर्णी आसन

विपरीतकर्णी आसन

इससे उदर, लीवर, किडनी, पैनक्रियाज, अग्नाशय, मूत्राशय और बेरिकेस वेंस रोगों में लाभ मिलता है। इससे रक्त की शुद्धता बढ़ती है और सभी अंग सुचारु रूप से कार्य करते है।

English summary

Yoga Poses To Relieve Arthritis Pain | गठिया का दर्द दूर भगाने वाले योग आसन

One of the best way ahead for arthritis patients is to try yoga poses. Yoga asanas have the cumulative wisdom of generations. The Vedic brilliance of yogas poses can relieve arthritis pain to a great extent.
Desktop Bottom Promotion