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पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाने के लिए ये 10 टिप्स आजमाएं
सुस्त पाचन की वजह से आपका दिन कितना बेकार हो सकता है, ये आप उन लोगों से बेहतर जान सकते हैं जिन्हें गैस, कब्ज या दस्त जैसी परेशानियां रहती है।
आपका पाचन तंत्र भोजन को छोटे- छोटे रुपों में जैसे ग्लूकोज, एमिनो एसिड और फैटी एसिड में तोड़ता है। जिसके बाद ये पोषक तत्व आपकी छोटी आंत के जरिए आपके रक्त प्रवाह में अवशोषित होते हैं और शरीर के विभिन्न भागों तक इसे पहुंचाते हैं। पाचन प्रक्रिया में शरीर कई अंगों से होकर गुजरता है।
पाचन की प्रक्रिया मुंह से शुरु होती है, जहां आपके दांत भोजन को पीसते हैं और लार में मौजूद एंजाइम्स इसे तोड़ना शुरू कर देते हैं। जिसके बाद यह अदपचा भोजन हमारी छोटी आंत में आ जाता है।
इसके बाद यहां से भोजन को बडी आंत में भेज दिया जाता है और इससे उपयोगी पदार्थों को शरीर द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है. और बाकि भोजन को त्याग के लिए बडी आंत से बाहर निकाल दिया जाता है। बड़ी आंत आपके पाचन तंत्र को सुचारु रुप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
जहां आपका पाचन तंत्र इतना जटिल है, ये आपकी जिम्मेदारी है कि कैसे इसे स्वस्थ रखा जाए। आइए जानते हैं कि इसे सुचारु रुप से चलाने के लिए किन- किन चीजों का सेवन करना चाहिेए-
सही तरीके से खाएं :
हमेशा समय पर भोजन करें। इसके टाइम में बदलाव नहीं करना चाहिए। खाना धीरे- धीरे खाएं। और हां ये ध्यान रहे कि पाचन की शुरुआत मुंह से होती है, इसलिए चबा- चबाकर भोजन करें। यदि आप अक्सर पेट में गड़बड़ी या अपच से पीड़ित होते हैं, तो अपने खाने के समय को थोड़ा पहले कर दें। सोने से 3 से 4 घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए।
फाइबर युक्त भोजन करें
फाइबर आपके पाचन तंत्र के लिए बहुत अच्छा है। घुलनशील फाइबर पानी को अवशोषित करता है और आपके मल को सही करता है। जो आपकी आंतों के जरिए आसानी से बाहर निकल जाती है। खाने में फाइबर कम होने से कब्ज, इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम, डायवर्टीकुलिटिस और कोलन कैंसर जैसे पाचन तंत्र से संबंधित कई विकारों हो सकते हैं।
पानी पिएं :
महिलाओं को एक दिन में 2.1 लीटर तरल पदार्थ और पुरुषों को 2.6 लीटर पानी पीने की आवश्यकता होती है। हालांकि, आपको इससे भी अधिक पानी पीने की जरुरत पड़ सकती है अगर मौसम अधिक गर्म हो गया हो या फिर एक्सरसाइज की वजह से आपके पसीने ज्यादा आ रहे हों।
प्रो बायोटिक्स का सेवन करें :
प्रो बायोटिक्स एक ऐसा बैक्टीरिया है, जो आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। ये डायरिया और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी स्थितियों में काफी मददगार साबित हो सकता है। ऐसे बैक्टीरिया आपके आंत की अम्लता को बढ़ाकर और हानिकारक जीवाणुओं के विकास को रोकने में मदद करते हैं। दही प्रोबायोटिक्स होता है, इसलिए आप इसे अपने खाने में प्राथमिकता दे सकते हैं।
खट्टे फल का सेवन :
जब आप पाचन में सुधार के बारे में सोचते हैं तो खट्टे फल आपके दिमाग में नहीं आते। लेकिन नींबू का रस पारंपरिक रूप से पाचन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। नींबू का गंध और स्वाद दोनों ही अधिक लार का उत्पादन करने में मदद कर सकता है। नींबू और संतरे दोनों ही अग्नाशयी स्राव को उत्तेजित कर सकते हैं जो पाचन में मदद करते हैं। तो इन खट्टे फल को अपने दैनिक आहार का एक हिस्सा बनाएं।
हर्ब और मसाले का इस्तेमाल :
हर्ब और मसाले आपके भोजन में ना सिर्फ स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि ये आपके पाचन में भी मदद करते हैं। इनके स्वाद और गंध दोनों ही गैस्ट्रिक और लार बनने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, धनिया, अदरक, जीरा, मिर्च, काली मिर्च, और हल्दी आपके पित्त अम्ल को बढ़ाकर कार्बोहाइड्रेट और वसा को पचाने में मदद कर सकता है।
धूम्रपान छोड़े
धूम्रपान करने से ये आपके खाद्य नली के नीचे मांसपेशियों को कमजोर करता है। जिससे आपके पेट में एसिड बनने की प्रक्रिया को रोकने में काफी दिक्कतें आती है।
शराब कम पीना
एक सीमा के अंदर शराब पीना शरीर के लिए हानिकारक नहीं होता। लेकिन शराब का ज्यादा सेवन करने से ये आपके पेट में एसिड का उत्पादन बढ़ा सकता है। और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को भी बुलावा दे सकता है।
आप क्या पी रहे हैं
कॉफी, चाय और कोल्ड ड्रिंक में कैफीन होता है, जो आपके पेट में एसिड को बढ़ा सकता है। इसकी वजह से आपके ह्दय में सूजन जैसी दिक्कतें भी आ सकती है। अगर आपका पेट बहुत संवेदनशील है तो ऐसी चीजों से परहेज करें।
ज्यादा वसा वाले चीजों से परहेज करें
ज्यादा वसा वाले भोजन पचने में काफी समय लेते हैं, जिसकी वजह से आपके पेट का बोझ बढ़ जाता है। उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों के बदलें मछली और लीन मीट जैसे वसा वाले पदार्थों से कम करने की कोशिश करें। चली हुई चीजों से भी परहेज करना चाहिेए।