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50 फीसदी लड़के और लड़कियां नहीं करते ब्रेकफास्ट- स्टडी
न्यूट्रीशन एंड हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, 50 प्रतिशत किशोर लड़के और लड़कियां उचित नाश्ता नहीं करते हैं। यह अध्ययन तेलंगाना राज्य के 500 किशोरों के सर्वेक्षण पर आधारित है।
अध्ययन के मुताबिक, 50 फीसदी बच्चे सप्ताह के पांच दिन नाश्ते में चाय और बेकरी के सामान जैसे बिस्कुट या रोटी का सेवन करते हैं। वो उचित भोजन केवल वीकेंड में ही करते हैं।
जानें, डायबिटीज है तो क्या खाएं नाश्ते में
शोधकर्ताओं उषा लक्षमी और डॉक्टर राजेंद्र राव ने पाया कि सुबह के नाश्ते का ऊर्जा स्तर पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। जो छात्र उचित नाश्ता नहीं करते हैं, वे आसानी से थक जाते हैं और ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ हैं।
डॉ राव ने कहा, '30 फीसदी छात्रों को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है। उनमें खाने क गलत आदतें हैं। वो कार्बोहाइड्रेट, फैट और जंक फूड ज्यादा खाते हैं। इसका परिणाम सूक्ष्म पोषक तत्वों और आयरन की कमी के रूप में नजर आता है।
अधिकांश किशोरावस्था दो प्रकार के नाश्ते का ही उपयोग करती हैं, या तो बेकरी के सामान और पेय या पारंपरिक खाद्य पदार्थ। उससे उन्हें 50 कैलोरी तो मिल जाती है। लेकिन पूरे दिन के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों, प्रोटीन और आयरन नहीं मिल पाता है, इससे एनीमिया और ऊर्जा की कमी होती है।
लक्ष्मी ने कहा, 'आहार में कमी आगे चलकर पोषक तत्वों की कमी का कारण बनता है। अधिकांश किशोरों को उन खाद्य पदार्थों के बारे में मालूम नहीं है जिन्हें वे उच्च ऊर्जा के स्तर और पोषण की शिकायत के लिए खा रहे हैं।