Just In
- 56 min ago क्रॉच एरिया के फंगल इंफेक्शन की वजह हो सकता है आपका गंदा अंडरवियर, Jock Itching से बचने के लिए करें ये काम
- 3 hrs ago Save Earth Rangoli Design : इन रंगोली डिजाइन से दें पृथ्वी बचाओ का संदेश, यहां से लें आइडिया
- 5 hrs ago Pickle in Diabetes : डायबिटीज में आम का अचार खा सकते है या नहीं? इस सवाल का जवाब जानें
- 5 hrs ago गर्मी में बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर किसी को पसंद आएगी मैंगो स्टफ्ड मलाई कुल्फी, यह रही रेसिपी
Don't Miss
- Movies 'तारक मेहता...' के 'टप्पू' ने सालों बाद शो छोड़ने पर तोड़ी चुप्पी, बोले- वहां मुझे ग्रोथ नहीं...
- News UP Board 12th Result 2024: यूपी बोर्ड 12वीं में लड़कियों ने मारी बाजी, 82.60% रहा रिजल्ट, ऐसे चेक करे मार्कशीट
- Education UP Board 12th Result 2024 Declared: यूपी बोर्ड कक्षा 12वीं रिजल्ट जारी, 82.60% छात्र पास, कैसे चेक करें रिजल्ट
- Technology एलन मस्क ने क्यों स्थगित किया भारत दौरा
- Finance फिक्स डिपॉजिट में सीनियर सिटीजन को 5 वर्षों में मिलेगा जबरदस्त रिटर्न, जानिए कितना होगा फायदा
- Automobiles Bajaj Chetak इलेक्ट्रिक स्कूटर का किफायती वेरिएंट जल्द होगा लॉन्च, जानिए कितनी होगी कीमत?
- Travel 5 शहर जो जुझ रहे हैं अत्यधिक भीड़ की समस्या से, अभी ड्रॉप कर दें यहां घूमने जाने का प्लान
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
पीठ दर्द हो तो लें आयुर्वेद के अनुसार आहार
आयुर्वेद पीठ दर्द के उपचार में बहुत प्रभावी होता है। वात प्रकृति के लोग कुछ विशेष प्रकार की जीवनशैली और गतिविधि अपनाकर कमर के दर्द को आश्चर्यजनक तरीके से कम कर सकते हैं।
आयुर का अर्थ है जीवन। वेद का अर्थ है ज्ञान। भारत में आयुर्वेद की परंपरा लगभग 2000 वर्ष पुरानी है। वात, पित्त और कफ़ शरीर के तीन दोष होते हैं। जब ये तीन सामान्य स्तर पर होते हैं तो व्यक्ति का स्वास्थ्य सामान्य होता है जबकि बीमारी के समय इनमें से किसी का स्तर असामान्य हो जाता है। कमर या पीठ का दर्द एक आम और व्यापक स्वास्थ्य समस्या है। आयुर्वेद के अनुसार पीठ का दर्द वात के कारण होता है।
पीठ दर्द के आम कारणों में वजन अधिक होना, ओस्टोपोरसिस, ओस्टोआर्थराइटिस, शारीरिक गतिविधि में कमी, वायरल संक्रमण, ट्यूमर आदि शामिल हैं। संतुलित और नियंत्रित आहार के द्वारा पीठ के दर्द से बचा जा सकता है। इस लेख को पढने के बाद आप जान जायेंगे कि आयुर्वेद के अनुसार किस पारकर का आहार लेकर आप पीठ दर्द को रोक सकते हैं।
आयुर्वेद पीठ दर्द के उपचार में बहुत प्रभावी होता है। वात प्रकृति के लोग कुछ विशेष प्रकार की जीवनशैली और गतिविधि अपनाकर कमर के दर्द को आश्चर्यजनक तरीके से कम कर सकते हैं। कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से दर्द बढ़ जाता है जबकि कुछ पदार्थों के सेवन से दर्द से आराम मिलता है। वात को शांत करने वाले आहार से पीठ दर्द से आराम मिलता है। एक महीने तक गरम, हल्का मसालेदार, पोषक आहार लें और फर्क देखें। पीठ दर्द को रोकने के लिए आयुर्वेद के अनुसार आहार:
हल्दी
हल्दी अपने एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों के लिए जानी जाती है। हल्दी में कर्कुमिन नामक तत्व पाया जाता है जो उतकों को नष्ट होने और सूजन आदि बचाता है और इससे मांसपेशियां उचित तरीके से काम करती हैं। सलाद पर हल्दी छिडकें या इसे सब्जी में मिलाएं।
फाइबर युक्त आहार
हल्का और आसानी से पचने वाला आहार लें। कब्ज़, गैस्ट्रिक समस्याएं और पीठ का दर्द आपस में संबंधित है। ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें जिनसे कब्ज़ की समस्या हो। इसके अलावा फाइबर युक्त आहार लें। कब्ज़ से बचने के लिए 5 ग्राम बृहत् त्रिफला पाउडर को पानी में मिलाकर लें।
मसाला चाय
आयुर्वेद के जानकारों के अनुसार बिशप घास के बीज की चाय दर्द और कब्ज़ से आराम दिलाने में बहुत सहायक है। इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता है जो दर्द को कम करता है। वेलेरियन, कैमोमाइल, स्कल कैप, कृष्ण कमल का फूल और जटामासी भी ऐसा ही असर करते हैं।
लहसुन
लहसुन में दर्द निवारक गुण होता है। लहसुन की 10 कलियों को नारियल के तेल में सुनहरा होने तक तलें। इस तेल का उपयोग मालिश करने के लिए करें क्योंकि इससे रक्त प्रवाह में सुधार आता है, मांसपेशियों की जकड़न कम होती है और दर्द से आराम मिलता है।
दुग्ध उत्पाद
कैल्शियम और विटामिन डी के द्वारा अपनी रीढ़ की हड्डी को मज़बूत करें। डेयरी उत्पाद कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत हैं। कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों को मज़बूत बनाते हैं। आमतौर पर पीठ दर्द का मुख्य कारण कैल्शियम की कमी होता है। यह विशेष रूप से स्तनपान करवाने वाली महिलाओं में होता है।
अदरक
अदरक के एंटी इंफ्लेमेटरी और पेट को ठीक करने का गुण होता है। यही कारण है कि अदरक पीठ दर्द से आराम दिलाता है। अदरक की चाय पीयें या इसे कद्दूकस करके अपने वेजिटेबल जूस में मिलाएं।
इन खाद्य पदार्थों का सेवन न करें:
आयुर्वेद के अनुसार पीठ के दर्द को रोकने के लिए उपरोक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने अलावा आपको ऐसे खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए जो पीठ दर्द को बढ़ाते हैं। अनाज और चीनी का सेवन कम करें। इससे लेप्टिन और इन्सुलिन का स्तर बढ़ आजाता है जिससे सूजन और दर्द बढ़ता है। इसके अलावा राजमा, उड़द दाल, भिन्डी और कढी का सेवन न करें। टेल हुए पदार्थ न खाएं।