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क्या बिना उबाले डिब्बाबंद दूध फायदेमंद है?
दूध हमारे भोजन का एक जरूरी हिस्सा माना जाता है। प्राचीन समय से ही लोग नियमित दूध का सेवन करते आ रहे हैं। दूध में उच्च मात्रा में कैल्शियम होता है जो हड्डियों एवं दांतों को मजबूत रखने में सहायक होता है।
दूध मांसपेशियों को बढ़ाने, मांसपेशियों को मजबूत करने और मसल्स कोशिकाओं की मरम्मत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। कई फायदों से युक्त होने के कारण भारत के हर घरों में भोजन में दूध शामिल करने का चलन है।
वैसे तो कच्चे दूध में अधिक मात्रा में पोषक तत्व पाये जाते हैं लेकिन इसमें कुछ हानिकारक बैक्टीरिया भी मौजूद होते हैं जो गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं। इसलिए कच्चे दूध को गर्म करने या उबालने के बाद ही इसका सेवन करना बेहतर होता है।
मौजूदा समय में डिब्बाबंद और पाश्चरीकृत दूध का उपयोग अधिक किया जा रहा है। दूध के पाश्चरीकरण के कारण ही कुछ अवधि तक खराब नहीं होता है। अल्ट्रा हीट ट्रीटमेंट के माध्यम से दूध को पाश्चरीकृत किया जाता है। इसका तापमान कुछ सेकंड के लिए 135 डिग्री सेल्सियस से ऊपर या 20 से 30 सेकंड के लिए 71 डिग्री सेल्सियस से अधिक रखा जाता है।
ये
दोनों
हीट
ट्रीटमेंट
की
सहायता
से
पैकेजिंग
और
इस्तेमाल
से
पहले
दूध
में
मौजूद
हानिकारक
बैक्टीरिया
को
नष्ट
किया
जाता
है।
अब
सवाल
यह
उठता
है
कि
डिब्बाबंद
या
पाश्चरीकृत
दूध
को
उबालना
जरूरी
है
या
कच्चे
दूध
का
सेवन
करना
स्वास्थ्यवर्धक
है।
आपको
बता
दें
कि
पाश्चरीकरण
के
बाद
भी
दूध
में
रोगजनक
जीवाणु
जिंदा
रह
जाते
हैं।
यह
हीट
ट्रीटमेंट
के
लेवल
पर
निर्भर
करता
है,
हालांकि
दूध
के
पाश्चरीकरण
से
दूध
में
मौजूद
हानिकारक
बैक्टीरिया
मर
जाते
हैं
लेकिन
यह
पूरी
तरह
से
नहीं
मर
पाते
हैं।
इसलिए
डिब्बाबंद
दूध
को
गर्म
किए
बिना
ही
इसका
सेवन
करने
से
कई
बीमारियां
उत्पन्न
हो
सकती
हैं।
दूध
से
बैक्टीरिया
को
खत्म
करने
के
लिए
इन्हें
उबालना
जरूरी
है।
अब यह भी सवाल उठता है कि दूध को बार-बार गर्म करने से या उबालने से दूध में मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, तो क्या दूध को अधिक उबालना ठीक है।
वास्तव में यह इस बात पर निर्भर करता है कि दूध को किस तरह से उबाला जाता है। दूध कैल्शियम, विटामिन ए, डी, बी1, बी12 और विटामिन के जैसे पोषक तत्वों को बढिया स्रोत है और इसमें प्रोटीन भी पर्याप्त मात्रा में पायी जाती है। इसलिए डिब्बाबंद दूध को उबालने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
1. बार-बार दूध को उबालने से बचें क्योंकि अधिक एवं बार-बार दूध उबालने से इसमें मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो सकत है।
2. यह बेहतर रहेगा कि आप दूध उबालते समय बीच-बीच में उसे चलाते रहें।
3. दूध को कम आंच पर ही उबालें या गर्म करें क्योंकि अधिक तापमान पर इसमें मौजूद पोषक तत्व प्रभावित हो सकते हैं।
4. एक बार जब दूध उबल जाए और ठंडा हो जाए तो इसे अधिक देर तक बाहर न रखें, संभव हो तो ठंडा होने के तुरंत बाद इसे फ्रिज में रख दें और जब तक इस्तेमाल न करना हो, बाहर न निकालें। इससे यह देर तक खराब नहीं होता है।
5.
दूध
को
माइक्रोवेब
ओवन
में
गर्म
करने
की
बजाय
आग
पर
गर्म
करें।
ये
कुछ
बेहतर
तरीके
हैं
जिनके
माध्यम
से
डिब्बाबंद
दूध
को
उबालने
के
बाद
उनके
पोषक
तत्वों
को
बचाया
जा
सकता
है।
इससे
दूध
का
सेवन
करने
पर
आपको
संपूर्ण
पोषक
तत्व
प्राप्त
हो
जाएंगें
और
स्वाद
भी
बना
रहेगा।
कच्चे
दूध
की
बजाय
गर्म
दूध
अधिक
मात्रा
में
इस्तेमाल
किया
जाता
है
और
बीमारियों
एवं
हानिकारक
जीवाणुओं
से
बचने
के
लिए
दूध
को
उबालकर
ही
पीएं।