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आर्मी ऑफिसर की तरह चाहिए फिटनेस? रकिंग वर्कआउट से घटाएं वजन
सेना में सैनिक कितने चुस्त और दुरुस्त होते है, उनकी फिटनेस का कोई जवाब नहीं होता है। सैनिक फिट रहने के लिए कई तरह की एक्सरसाइज और वर्कआउट करते है जो हर आम इंसान की बस की बात नहीं होती है। उनकी ट्रेनिंग के दौरान उन्हें रफ एंड टफ बनाने के लिए कई तरह की एक्सरसाइज करवाई जाती है। उनमें से एक होती है रकिंग एक्सरसाइज जो उनकी बेसिक ट्रेनिंग का हिस्सा होता है। मिलिट्री की ये ट्रेनिंग पिछले कुछ समय से फिटनेस फ्रीक्स के बीच ट्रेंड बन चुका है। जंग के मैदान में क्या डाइट होती है हमारे आर्मी जवानों की?
इस एक्सरसाइज से न सिर्फ कम समय में फिट हो सकते है बल्कि आप इसे बिना किसी ट्रेनर और इक्विपमेंट के कर सकते है। इसे आप कहीं भी कभी भी कर सकते है।
आइए जानते है कि आखिर रकिंग एक्सरसाइज क्या होती है जो बहुत ही कम समय में आपको आपके द्वारा निर्धारित फिटनेस लक्ष्य तक पहुंचा सकती है।
पीठ पर वजन लादकर भागना
रकिंग एक्सरसाइज में पीठ पर वजन लादकर चलना या दौड़ना होता है। मिलिट्री में सैनिकों के बैकपैक को रक सैक कहते हैं, इसी के नाम पर इस एक्सरसाइज का नाम रकिंग पड़ा है। रकिंग के दौरान सैनिकों को बैक पैक में 90 किलो वजन लादकर रोजाना 40 किलोमीटर तक चलना पड़ता है। फिटनेस फ्रीक इस एक्सरसाइज को करते वक्त अपनी क्षमतानुसार वजन बैग में रखकर उसे पीठ पर टांगकर चलने से इसकी शुरुआत कर रहे हैं।
रनिंग से बेहतर
30 मिनट की साधारण वॉक से औसतन 125 कैलोरीज बर्न होती हैं, वहीं रकिंग से इतने ही समय में 325 कैलोरीज बर्न होती है। यानी हर हफ्ते 30 मिनट रकिंग और सालभर में 31200 कैलोरीज बर्न।
ऐसे
करें
रकिंग
एक्सरसाइज
इस एक्सरसाइज के लिए सबसे पहले अपने शरीर के वजन के 10 प्रतिशत तक के वजन का बैग-पैक तैयार करें। उदाहरण के लिए जैसे आपका वजन अगर 70 किलो है तो बैग-पैक में करीब 7 किलोग्राम वजन रखें। इसके बाद वजन रख लेने के बाद बैग को पीठ पर टांगें और वॉक या चढ़ाई पर निकल जाएं। शुरुआत में लंबा रास्ता तय न करें। क्षमता के मुताबिक धीरे-धीरे दूरी बढ़ाएं। कुछ दिन चलने के बाद जॉगिंग भी शुरू की जा सकती है।
बाजार से मजबूत बैग-पैक खरीदें जो वजन बढ़ाने पर भी फटे नहीं। वजन के लिए डंबल्स या वेट प्लेट्स इस्तेमाल कर सकते हैं। वेट को स्थाई रखने के लिए टॉवल या बबल रैप भी इस्तेमाल किया जा सकता है। धीरे धीरे इस एक्सरसाइज की आदत होने के बाद स्टेमिना बढ़ाने के साथ बैग में धीरे-धीरे वजन बढ़ा सकते हैं। शुरु में इसे 30 मिनट के रकिंग एक्सरसाइज की आदत डाले फिर धीरे धीरे क्षमता के अनुसार समय सीमा बढ़ाएं।
कितना
है
इफेक्टिव?
बॉडी पॉश्चर में सुधार होता है और जिन लोगों को बैक पेन की शिकायत है उन्हें दर्द से राहत मिलती है। रकिंग में पीछे लदे वजन की वजह से शरीर आगे नहीं झुकता और पीठ दर्द की शिकायत नहीं होती। शरीर को सही पोश्चर देने में भी ये मददगार है। जॉगिंग की तुलना में इसमें चोट लगने की आशंका कम होती है, इसलिए ये ज्यादा सुरक्षित भी है। इसे करने से सहनशक्ति बढ़ती है जो देर तक वर्कआउट करने में मदद करती है। इस एक्सरसाइज के लिए आपको किसी तरह की ट्रेनर और उपकरणों की जरुरत नहीं है। आप इसे कहीं भी कर सकते है।
दिल
को
रखता
है
तंदरुस्त
जॉगिंग की तुलना में रकिंग एक्सरसाइज से आपके हद्धय गति में सुधार होता है। (इसलिए यह कार्डियो के रूप में गिना जाता है।) इस एक्सरसाइज से आपके स्टेमिना के साथआपके सहनशक्ति में भी सुधार करता है। इसके अलावा ये आपके फिटनेस को मूल रुप से मजबूत बनाता है। ये एक्सरसाइज उनके लिए काफी फायदेमंद है जो लोग कॉर्डियों में दिलचस्पी नहीं लेते है लेकिन फिटनेस उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।