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अकेलेपन से मरते हैं बुजुर्ग

By Jaya Nigam
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लंदन। भारत में संयुक्त परिवार एक ऐसा सामाजिक ढांचा हैं जो बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर किसी को बढ़िया सुरक्षा और बेहतर माहौल देता है। लेकिन धीरे-धीरे भारत में भी एकल परिवारों का चलन बढ़ रहा है और लोग अकेले रहने के आदी हो चले हैं। जिनेहे अकेले रहने की आदत है, उनके लिए बुरी खबर है। वैसे तो अकेलापन सभी उम्र के लोगों के लिए खतरनाक है लेकिन बुजुर्गों के लिए अकेलापन जानलेवा साबित हो रहा है।

ब्रिटेन के समाचार पत्र 'डेली मेल' में प्रकाशित एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि 10 में से एक बुजुर्ग 'जबरदस्त' एकाकीपन से ग्रसित है। इससे उसमें अवसाद घर करता है। साथ ही साथ उनकी कसरत करने और खाने-पीने की आदतें धीरे-धीरे खत्म होती चली जाती हैं। यह बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए उतना ही खतरनाक है जितना मोटापा या फिर धूम्रपान है।

अब तो डॉक्टर्स भी मानते हैं कि खराब स्वास्थ्य और एकाकीपन का करीबी रिश्ता है। 2200 लोगों पर कराए गए एक सर्वेक्षण के दौरान 5 में से एक व्यक्ति ने यह माना है कि एकाकीपन से स्वास्थ्य खराब होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) एकाकीपन को स्वास्थ्य खराब होने के बड़े कारणों में से मानता है। शोधकर्ता मानते हैं कि सामाजिक सक्रियता के अभाव में लोगों में रोग घर कर लेते हैं। ऐसे रोगों में अल्जाइमर प्रमुख है।

English summary

Loneliness plays a big role in death of Old people | अकेलेपन से मरते हैं बुजुर्ग

Loneliness is dangerous for health as Smoking or obesity, a survey reveals. Old people are most affected with loneliness.
Story first published: Wednesday, February 2, 2011, 18:02 [IST]
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