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अध्ययन के अनुसार मजे -मजे में ई-सिगरेट का शौक पाल रहे हैं युवा
किशोरावस्था के लोगों को सिगरेट छोडने में मदद करने के बजाय ई-स्मोकिंग युवाओं को निकोटिन की लत ज्यादा लगा रही है। इसमें युवाओं को “मजा, मस्ती और कुछ नया करने को मिलता है” ऐसा एक रिसर्च से पता चला है।
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टोरेंटों हॉस्पिटल ऑफ सिक चिल्ड्रन के रिसर्चर माइकल खौरय के अनुसार ई-सिगरेट्स को युवा सिगरेट छोडने के लिए इस्तेमाल करते हैं लेकिन वे ई-सिगरेट के मजेदार नए फीचर्स से ज्यादा प्रभावित होते हैं और इसकी आदत को गले लगाते हैं।
सिगरेट की तरह दिखने वाली ई-सिगरेट बैटरी से चलती है जिसमें वाष्पित तरल होता है और मुख्यतः इसमें निकोटिन होता है। पिछली स्टडीज़ में पता चला कि ई-सिगरेट का ज्यादा इस्तेमाल यू.एस. और कनाडा के युवा करते हैं और कुछ में पाया गया कि ई-सिगरेट का सेवन युवा ज़र्दे के कारण करते हैं।
रिसर्च के अनुसार कनाडा में किशोरों द्वारा ई-सिगरेट का सेवन सिगरेट से ज्यादा किया जाता है। शोधकर्ताओं को किशोरों के ई-सिगरेट की तरफ बढ़ना, कितनी बार सेवन करते हैं ये सब बातें पता चली, ये किशोर दिल की बीमारियों के खतरे से संबन्धित स्कूलों पर आधारित कार्यक्रम का हिस्सा थे।
इस स्टडी में 14-15 साल के 2,367 छात्रों ने भाग लिया जिन्होंने कनाडा के नियाग्रा रीज़न ऑफ ओंटारों में कक्षा 9 में प्रवेश लिया था। 2,367 किशोरों ने स्मोकिंग सेक्शन के कम से कम 1 प्रश्न का उत्तर जरूर दिया, उनमें से 70 प्रतिशत ने ई-सिगरेट के बारे में सुना था और 10 प्रतिशत से ज्यादा ने इसका इस्तेमाल किया था।
सीएमएजे (केनेडियन मेडिकल एसोशिएशन जर्नल) में छपी स्टडी के अनुसार किशोरों में ई-सिगरेट की तरफ बढ़ने का कारण इसका नयापन है। ई-सिगरेट को ऐसे पुरुष युवा ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जो कि पहले से सिगरेट या अन्य ज़र्दा उत्पाद इस्तेमाल कर रहे हैं, और जिनके परिवार वाले या दोस्त स्मोकिंग करते हैं। रिसर्च में पता चला कि ई-स्मोकिंग को स्मोकिंग की लत छोडने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।
ई-सिगरेट का इस्तेमाल ऐसे लोग कर रहे हैं जिन्हें खुद के स्वास्थ्य के लेवल के बारे में पता ही नहीं हैं, ये लोग तनाव ग्रसित हैं और साथ ही इनके परिवार की कुल अनुमानित आय भी कम ही है, जिससे पता चलता है कि ई-सिगरेट किशारावस्था के युवकों में कहीं ना कहीं स्वास्थ्य का खतरा बढ़ा रही है। (आईएएनएस के अनुसार)