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ऐसी चीज़ें जो सायटिका से पीड़ित लोग ही समझेंगे
सायटिका नितम्ब सम्बन्धित दर्द है जो आजकल काफी आम बात है। यह एक लम्बी नस होती है जो पीठ के नीचले हिस्से से लेकर पैर के नीचे तक जाती है।
इस दर्द के कई कारण हो सकते हैं जैसे भारी सामान उठाना, मोटापा, शुगर, तनाव, डीजेनेरेटिव डिस्क रोग, हर्निया से सम्बन्धित डिस्क की गड़बड़ी, पेल्विस फ्रैक्चर, स्लिप डिस्क, स्पाइनल स्टेनोसिस, ट्यूमर या पिरिफोर्मिस सिंड्रोम।
कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान भी सायटिका हो सकता है क्यूंकि भ्रूण के बढ़ने से पीछे की नस पर दबाव पड़ता है।
सायटिका का दर्द नितम्ब, दोनों पैरों के पिछले हिस्से या पांव के अंगूठे या निचले हिस्से में हो सकता है। इस दर्द में आपको ऐसा लगेगा कि आपको कुछ समय के लिए बिजली का शॉक दिया जा रहा है।
यह हल्का और गम्भीर दोनों तरीके का हो सकता है। यह दर्द कभी कभी बर्दाश्त के बाहर चला जाता है। कुछ लोगों का शरीर इस दर्द में सुन्न पड़ जाता है और उन्हें सिहरन भी होती है।
सायटिका के दर्द से परेशान लोग ज़्यादा देर तक बैठ नहीं सकते। दर्द इतना तेज़ होता है कि ज़्यादा देर तक बैठना संभव नहीं होता। ऐसा ही नहीं घर में चलने और आरामदायक अवस्था में सोना भी मुश्किल हो जाता है।
सायटिका के दर्द से मुक्ति पाने का एक आसान उपाय है शारीरिक उपचार। शारीरिक चिकित्सक आपके लिए एक ट्रीटमेंट प्लान बनाएगा जिसमें स्ट्रेचिंग और योगा शामिल होंगे। यह उपचार महंगा हो सकता है और ज़्यादा समय भी ले सकता है क्यूंकि आपको चिकित्सक के पास लगातार जाना पड़ेगा।
हालांकि आप सोचते होंगे कि सायटिका के दर्द के साथ एक्सरसाइज़ करना मुश्किल होगा, पर यह सायटिका के दर्द से निजात पाने के लिये काफी कारगर उपाय है। एक्सरसाइज़ से मांसपेशियों का तनाव ढ़ीला पड़ता है जो सीऐटिक नस को घेर कर रहता है। मूवमेंट से प्रवाह बढ़ता है जिससे ताज़ा ऑक्सीजन युक्त खून घायल क्षेत्र में जाता है और दर्द से राहत मिलती है।
कई लोग एस्प्रिन या टायलेनोल जैसी दवाइयां भी लेते हैं। इससे दर्द से मुक्ति मिल सकती है पर यह असल में इसका उपचार नहीं है और सिर्फ कुछ देर के लिए ही यह परेशानी को टालती है।
एक्यूप्रेसर भी एक विकल्प है। यह एक प्राचीन इलाज है जिसकी तुलना एक्यूपंकचर से की जा सकती है पर इसमें सूई का इस्तमाल नहीं होता है। इसमें विशेष जगह पर प्रेसर लगाया जाता है जिससे खून का प्रवाह सही होता है, मांसपेशियों के तनाव से मुक्ति मिलती है और शरीर के प्राकृतिक उपचार सम्बन्धी योग्यता सक्रिय होती है।
क्यूरोप्रेक्टी एक दूसरा इलाज का तरीका है जो सायटिका के दर्द से मुक्ति दिला सकता है। इस उपचार में रीढ़ से सम्बन्धित मोडूलेशन होता है जो दर्द से राहत दिलाता है। जब दर्द हद से ज़्यादा बढ़ जाता है और कुछ काम नहीं आता तो सरजरी ही एक उपाय बच जाता है।