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विश्व एड्स दिवस: जानिये एचआईवी और एड्स में क्या अंतर है
बहुत से लोंगो को एचआईवी (HIV) और एड्स (AIDS) के बीच का अंतर समझ में नहीं आता। हम में से अगर किसी को एचआईवी हुआ है तो लोग उसे एड्स समझ लेते हैं, जो कि गलत है। आज हम एचआईवी और एड्स के बारे में जानेंगे।
एच आई वी क्या है?
एच आई वी एक वायरस है जो इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा तंत्र) पर धीरे धीरे हमला करता है| प्रतिरक्षा तंत्र बीमारियों से रक्षा करता है| यदि कोई व्यक्ति एच आई वी से संक्रमित हो जाता है तो वह संक्रमणों और बीमारियों से नहीं लड़ पाता|
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यह वायरस एक प्रकार की सफेद रक्त कणिकाओं जिन्हें टी- हेल्पर सेल्स कहा जाता है, को नष्ट कर देता है और उनके अन्दर स्वयं की प्रतिकृति बना लेता है| टी-हेल्पर सेल्स को सीडी4 सेल्स.1 भी कहा जाता है|
एचआई वी के कई उपभेद (प्रकार) हैं - इससे संक्रमित व्यक्ति के शरीर में इसके कई प्रकार हो सकते हैं| इन्हें कई प्रकारों में बांटा गया है जिन्हें अन्य कई समूहों और उपप्रकारों में बांटा गया है| दो मुख्य प्रकार हैं:
एचआईवी-1:
विश्व
में
पाया
जाने
वाला
सबसे
सामान्य
प्रकार
है
एचआईवी-2:
यह
मुख्य
रूप
से
पश्चिमी
अफ्रीका
में
पाया
जाता
है|
इसके
अलावा
कुछ
मामले
भारत
और
यूरोप
में
भी
पाए
जाते
हैं|
एचआईवी
के
बारे
में
मूलभूत
तथ्य
1. एचआईवी से तात्पर्य ह्युमन इम्यूनो डिफीशियन्सी वायरस है|
2. यदि इसका उपचार नहीं किया गया तो एड्स होने में 10 से 15 साल लगते हैं और तब एचआईवी इम्यून सिस्टम को गंभीर रूप से नुक्सान पहुंचाता है| शीघ्र निदान और प्रभावी एंटीरेट्रोवायरल उपचार से एचआईवी से ग्रसित व्यक्ति एक सामान्य, स्वस्थ जीवन जी सकता है|
3. एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थों में होता है: वीर्य, रक्त, योनि और गुदा से निकलने वाले तरल पदार्थ और ब्रेस्ट मिल्क आदि|
4. एचआईवी पसीने, लार और मूत्र से संचरित नहीं होता|
5. यू. के. के आंकड़ों के अनुसार किसी भी व्यक्ति के एचआईवी से संक्रमित होने का सबसे आम कारण बिना कंडोम के एनल या वजाइनल सेक्स करना है|
2. इसके अलावा संक्रमित सुई, सिरिंज या दवाई लेने के अन्य उपकरणों से भी आप को संक्रमण हो सकता है या संक्रमित मां से गर्भावस्था के दौरान, बच्चे के जन्म के समय या स्तनपान करते समय बच्चा संक्रमित हो सकता है|
3 एड्स क्या है?
एड्स एचआईवी वायरस के कारण होने वाली एक बीमारी है| 4 यह तब होता है जब व्यक्ति का इम्यून सिस्टम इंफेक्शन से लड़ने में कमज़ोर पड़ जाता है और तब विकसित होता है जब एचआईवी इंफेक्शन बहुत अधिक बढ़ जाता है| यह एचआईवी इंफेक्शन का अंतिम चरण होता है जब शरीर स्वयं की रक्षा नहीं कर पाता और शरीर में कई प्रकार की बीमारियाँ, संक्रमण हो जाते हैं जिनका उपचार न होने पर मृत्यु तक हो सकती है|
अभी
तक
एचआईवी
या
एड्स
के
लिए
कोई
उपचार
उपलब्ध
नहीं
है|
हालाँकि
सही
उपचार
और
सहयोग
से
एचआईवी
से
ग्रसित
व्यक्ति
लम्बा
और
स्वस्थ
जीवन
जी
सकता
है|
ऐसा
करने
के
लिए
आवश्यक
है
कि
उचित
उपचार
लिया
जाए
और
किसी
भी
संभावित
दुष्परिणाम
से
निपटा
जाए|
एड्स
के
बारे
में
तथ्य
- एड्स से तात्पर्य एक्वायर्ड इम्यून डिफीशियंसी सिंड्रोम है|
- एड्स को एडवांस्ड एचआईवी इंफेक्शन या लास्ट स्टेज एचआईवी भी कहा जाता है|
- एड्स से संक्रमित व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे: निमोनिया, थ्रश, फंगल इंफेक्शन, टीबी, टोक्सोप्लाज्मोसिस और साइटोमेगालोवायरस|
- इसके अलावा जीवन के लिए घातक अन्य स्थितियां जैसे कैंसर और ब्रेन से संबंधित बीमारियाँ भी हो सकती हैं|
- सीडी4 काउंट से तात्पर्य रक्त के प्रति क्यूबिक मिलीलीटर में टी-हेल्पर सेल्स की संख्या से है| जब किसी व्यक्ति के ब्लड में सीडी4 की संख्या 200 सेल्स प्रतिमिलीलीटर से कम हो जाती है तो कहा जाता है कि उसे एड्स हुआ है|