Just In
- 1 hr ago चेहरे का आकार बता सकता है कैसे इंसान हैं आप, यकीन नहीं होता तो ये टेस्ट आजमाकर देख लें
- 1 hr ago Boyfriend को दिनभर में करती थी 100 बार फोन, पता चला Love brain बीमारी से जूझ रही हैं गर्लफ्रेंड
- 2 hrs ago तपती गर्मी में झटपट इस तरह बनाएं वाटरमेलन जूस, यह रही रेसिपी
- 3 hrs ago Vastu Tips: कर्ज के जंजाल में बुरी तरह फंस चुके हैं आप, तो इन वास्तु उपायों की जल्द लें मदद
Don't Miss
- News Indore News: तलाकशुदा महिला को प्रेम जाल में फंसाया, शादी का झांसा देकर गलत काम किया
- Technology iQOO ने Z9 सीरीज के तहत 3 नए स्मार्टफोन किए लॉन्च, जानें कीमत व फीचर्स
- Automobiles नई Aston Martin Vantage धांसू स्पोर्ट्स कार लॉन्च, 325 किमी प्रति घंटा की स्पीड, जानें कीमत और फीचर्स
- Movies Irrfan Khan के बेटे ने जिंदगी से मान ली हार? कहा- 'मन कर रहा है बाबा के पास चला जाऊं'
- Finance Pradhan Mantri Awas Yojana घर बनाने का ख्वाब होगा पूरा, जानिए क्या है ये स्कीम
- Education JEE Advanced 2024 के लिए 2.50 लाख छात्र हुए क्वालिफाई, देखें श्रेणी-वार उम्मीदवारों की सूची
- Travel DGCA ने पेरेंट्स के साथ सफर कर रहे 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बदला नियम, जाने यहां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
क्या रात में ठीक से नींद नहीं आती? तो हो सकती है ये बीमारी
जिस तरह से ऊर्जा लेने के लिए आपको रोजाना खाने की जरूरत होती है, उसी तरह रात को अच्छी नींद लेना भी महत्वपूर्ण है।
एक नए अध्ययन में पाया गया है कि नींद की कमी के कारण डेफिसिट सर्कैडियन डिसऑर्डर (एडीएचडी) का खतरा हो सकता है, जो लगभग 75 प्रतिशत बच्चों और वयस्कों को प्रभावित करता है।
पढ़ें- क्या आप दिन-रात एसी रूम में रहते हैं? आपको हो सकती हैं ये गंभीर समस्याएं
एडीएचडी नींद से जुड़े कई विकारों के साथ जुड़ा हुआ है, जिसमें रेस्टलेस-लेग सिंड्रोम, स्लीप एपनिया, सर्कैडियन रीदम डिस्टर्बेंस और डिलेड फेज सिंड्रोम आदि शामिल हैं।
नीदरलैंड में वीयू यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के एसोसिएट प्रोफेसर सैंड्रा कुईज के अनुसार, 'शोध में यह पता चलता है कि एडीएचडी से पीड़ित लोग नींद की समस्यायों से पीड़ित हो सकते हैं।'
एडीएचडी के 75 फीसदी रोगियों में साइकोलोजिकल स्लीप फेज में साइकोलोजिकल संकेत स्लीप हार्मोन 'मेलेटनिन' के लेवल में परिवर्तन से जुड़े हैं। इसके अलावा नींद से संबंधित आंदोलन में 1.5 घंटे तक की कमी हो सकती है।
कुईज के अनुसार, शाम को मेलेटोनिन लेने या सुबह के समय ब्राइट लाइट थेरेपी से कई पीड़ित रोगियों का लाभ होता है, जो सर्कैडियन रीदम को रीसेट करने में मदद कर सकते हैं।
पढ़ें- हैवी डिनर के बाद तुरंत सो जाने से हो सकती हैं ये 5 बीमारियां
शोधकर्ता विटामिन डी लेवल, ब्लड ग्लूकोज, कोर्टिसोल लेवल, 24 घंटे का ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट जैसे बायोमार्कर ढूंढकर इस शारीरिक-मानसिक संबंध की पुष्टि करने के लिए काम कर रहे हैं, जो एडीएचडी को गैर-औषधीय तरीकों से इलाज करने में मदद कर सकते हैं।
कुईज ने कहा, 'हालांकि हम यह नहीं कहते हैं कि सभी एडीएचडी समस्याएं इन सर्कैडियन पैटर्न से जुड़ी हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि यह एक महत्वपूर्ण कारक है।'