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किसी बात पर चिंता या तनाव हो रहा है तो ऐसे पहचान सकते हैं उसके लक्षण
आज के समय में लोंगो के अंदर तनाव होना आम हो गया है। समय के साथ चलना और हर चीज़ में अव्वल आने की चाह ने लोगों के अन्दर चिंता को जन्म दे दिया हैं। जिसके चलते लोग तनाव में जा रहें हैं। तनाव आज सिर्फ जवान या बुज़ुर्ग में ही नहीं बल्कि बच्चों में को भी हो रहा है। यह किसी भी कारण से हो सकता है। कोई शोर गुल से तनावग्रस्त है, तो कोई ट्रैफिक में फंस जाने के कारण तनावग्रस्त है। कोई बेरोजगारी से तनावग्रस्त है, तो कोई बच्चों के बिगड़ने से चिंतित है। इन्ही सब कारणों से हर कोई तनावग्रस्त है।
अन्य बिमारियों की तरह से मानसिक तनाव भी तन और मन दोनों पर बुरा असर डालता है। जिससे अनेक शारीरिक और मानसिक बीमारियां जन्म ले लेती है। जैसे डायबिटीज, पेप्टिक अल्सर, सिर दर्द, माइग्रेन, डिप्रेशन, और हिस्टीरिया प्रमुख हैं। नकारात्मक सोच तनाव का सबसे बड़े कारणों में से एक है। इसी तरह ऐसे कई कारण जो तनाव लेने से शरीर पर होने लगते हैं।
1. सिरदर्द
सिरदर्द का सबसे मुख्य कारण तनाव या मांसपेशियों में सिकुड़न के कारण सिरदर्द है। ऐसे दर्द अक्सर लंबे समय से लिए गए तनाव के कारण होता है। तनाव के कारण सिरदर्द अक्सर स्थिर और धीमा होता है और यह सिर के अगले हिस्से, माथे या गरदन के पिछले हिस्से में महसूस होता है।
2. मासिक धर्म में दर्द
कई महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान दर्द होता है लेकिन अगर आपको पहले दर्द नहीं होता था और अब दर्द अचानक से होने लगा है तो इसका मतलब है की आप भरी तनाव से गुज़र रहीं हैं। क्योंकि अक्सर देखा गया है कि तनाव लेने से शरीर के हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं। जिससे मासिक धर्म में ज्यादा दर्द होने लगता है।
3. जबड़े में दर्द
जबड़ों में दर्द तब होता है जब आप अपने चहरे की मांसपेशियों पर ज्यादा दबाव डालते हैं। और यह आपके लगातार तनाव लेने से होता है। जिससे चहरे और जबड़े की मांसपेशियां खींचती है और दर्द होने लगता है।
4. मसूढ़े से खून आना
तनावग्रस्त रहने से मसूड़ों से खून आने जैसी दिक्कतें आती है। विटामिन सी शरीर में तनावरोधी हार्मोन बनाने में मदद करता है। इसलिए इस समस्या से बचने के लिए अपनी डाइट में विटामिन सी युक्त आहार को शामिल करें।
5. मुँहासे
मुंहासे होने का कारण गलत खानपान और चेहरे पर मेकअप होता हैं। और अगर आपका खान पान सही है और फिर भी आपके मुँहासे हो रहें हैं तो इसका कारण हैं तनाव या ङिप्रशन, जिससे शरीर के हार्मोन का डिस्बेलेंस होजाते हैं।
6. चीनी खाने की इच्छा हो
जब दिमाग तनाव में होता है तो ग्लूकोकॉर्टिकोयड्स (जीसी) नामक हार्मोन सक्रिय हो जाते हैं। यह स्वाद की कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं जिससे मीठा खाने की तीव्र इच्छा उठती है।
7. त्वचा की खुजली
अगर आपकी त्वचा में लाल लाल बड़े दाने पड़ रहे हैं तो ऐसे समय में तनाव आपके लिए बहुत नुकसानदेह है। चेहरे पर लाल लाल चकत्ते वाली यह बीमारी त्वचा की कोशिकाओं को इकठ्ठा कर चकत्ते बना देती है। कई बार इसमें जलन होती है जो तनाव की वजह से बढ़ जाती है। तनाव त्वचा में खुजली को भी बढ़ाने वाला होता है। इससे नाक, गले और ठोंढ़ी के पास लाल रंग के चकत्तें बढ़ जाते है। जिसमें खूब खुजली होती है।
8. सांस की बीमारी
तनाव के कारन अक्सर लोगों में सुखी खांसी, ब्लॉक्ड साइनस, नाक में खुजली जैसी बीमारी होती है। और अगर आपको सांस लेने में मुश्किल हो सकती है या फिर श्वसन तंत्र पर दबाव पड़ सकता है। तो यह तनाव के दीर्घकालिक प्रभावों में से एक है।
9. पेट की समस्याएं
तनाव के कारण एसिड के अधिक बनने से पेट की समस्याएं होने लगती है। तनाव से उपजी पेट की समस्या कई अन्य प्रकार की पेट की समस्याओं जैसे सूजन, दर्द, खिंचाव, गैस और पेट की खराबी को जन्म दे सकती है।