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आखिर महिलाओं को ही क्यूं होता है सबसे ज्यादा माइग्रेन
अक्सर ऐसा देखने में अता है कि महिलाओं की पुरूषों की अपेक्षा अधिक सिरदर्द की शिकायत रहती है जो बाद में धीरे-धीरे बढ़कर माईग्रेन का रूप ले लेती है।
अक्सर ऐसा देखने में अता है कि महिलाओं की पुरूषों की अपेक्षा अधिक सिरदर्द की शिकायत रहती है जो बाद में धीरे-धीरे बढ़कर माईग्रेन का रूप ले लेती है।
माईग्रेन होने के पीछे सबसे बड़ा कारण मास्ट कोशिकाओं में पाया जाने वाला अंतर होता है जो एक प्रकार की श्वेत रूधिर कोशिकाएं होती हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा भी होती हैं।
मास्ट
सेल्स,
इम्यून
कोशिकाओं
की
महत्वपूर्ण
श्रेणी
होती
हैं
क्योंकि
ये
तनाव
मुक्तजीवन
सम्बंधी
इश्यू
में
महत्वपूर्ण
भूमिका
अदा
करती
हैं
लेकिन
महिलाओं
में
इनकी
कमी
पाई
जाती
है।
महिलाओं
में
पुरूषों
की
अपेक्षा
इन
कोशिकाओं
में
लगभग
8000
अंतर
देखे
गए
जो
कि
माईग्रेन
के
लिए
जिम्मेदार
हो
सकते
हैं।
इस
अध्ययन
को
यूएस
की
मिशिगेन
यूनिवर्सिटी
में
सहायक
प्रोफेसर
एडम
मोइसर
ने
किया
था।
इन्होंने
इस
अध्ययन
में
निष्कर्ष
निकाला
है
कि
महिला
और
पुरूषों
की
मास्ट
सेल्स,
उनके
क्रोमोसोम्स
पर
जीन्स
के
समान
सेट
के
रूप
में
होती
हैं।
इसलिए
उनमें
जन्म
के
पहले
सही
अंतर
हो
जाता
है।
इसी का गहराई से अध्ययन करने पर कइ्र अन्य बातें भी खुलकर सामने आईं, जिनके अनुसार, महिलाओं की दैनिक गतिविधियों और कार्यों पर भी इनकी वजह से असर पड़ता है क्योंकि ये लिंग के अनुसार अलग-अलग होती है और उसी हिसाब से शरीर का संचालन करती हैं।
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शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, प्रतिरोधक क्षमता आदि भी इनसे कुछ हद तक प्रभावित होती हैं। महिलाओं के शरीर में ये पदार्थ, ज्यादा आक्रामक होते हैं और उन्हें रोगी बना देते हैं क्योंकि उनका निर्धारण क्रोमोसोम के अनुसार होता है।
इस प्रकार निर्धारण होता है कि महिलाओं में कुछ बीमारियां पुरूषों की अपेक्षा ज्यादा और कुछ कम क्यूँ होती हैं। मोसेर की जीन्स को लेकर महिलाओं और पुरूषों पर किया गया अध्ययन काफी कारगर साबित हुआ है जिसे लिंग आधारित उपचार और निदान में भी काम लाया जाएगा और बीमारी से मुक्ति दिलाई जाएगी।
स्त्रोत- आईएएनएस