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रेडिएशन से ज्यादा खतरनाक है मोटापा और धूम्रपान- स्टडी
बदलती जीवनशैली से मानव आबादी के रेडिएशन (विकिरण) की जद में आने की रफ्तार भी बढ़ रही है। दवाओं, एक्सरे, परमाणु उद्योगों, सेना द्वारा प्रयोग किए जा रहे गोलाबारूद से विकिरण का दायरा बढ़ रहा है।
सिगरेट छोड़ने का इससे बेहतर उपाय कुछ नहीं हो सकता है!
कुछ ऐसी चीजें भी हैं,जो इससे भी ज्यादा नुकसानदायक हैं। ये हैं मोटापा, धूमपान और वायु प्रदूषण। ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष पेश किया है।
शोधकर्ताओं
के
मुताबिक,
अगर
100
व्यक्ति
अपने
जीवनकाल
में
100
एमएसवी
(मिलीसिवर्ट,
विकिरण
के
स्तर
मानक)
के
संपर्क
में
आते
हैं
तो
उनमें
से
केवल
एक
व्यक्ति
को
कैंसर
होने
का
खतरा
है,
जबकि
42
व्यक्ति
अन्य
कारणों
से
कैंसर
की
गिरफ्त
में
आ
सकते
हैं।
इनमें
मोटापा,
धूमपान,
बढ़ता
वायु
प्रदूषण
आदि
प्रमुख
कारण
हैं,
जो
आधुनिक
दौर
में
कैंसर
के
बड़े
कारण
बन
रहे
हैं।
इस बेशकीमती औषधि का सेवन करने से धूम्रपान करे वालों के फेफड़े होंगे स्वच्छ
प्रोसीडिंग्स ऑफ रॉयल सोसाइटी जर्नल में प्रकाशित शोधपत्र के अनुसार, विकिरण के स्तर को 100 एमएसवी इसलिए रखा क्योंकि यह विकिरण का बहुत कम डोज है। सीटी स्कैन में एक पूरे चक्कर के दौरान व्यक्ति 10 एमएसवी विकिरण के संपर्क में आता है, वहीं ब्रिटेन में पर्यावरण के कारण हर व्यक्ति सालाना 2.3 एमएववी विकिरण के संपर्क में आता है।
ऑक्सफोर्ड विवि की प्रोफेसर एंजेला मैक्लीन के मुताबिक, परमाणु बमों, हादसों मरीजों पर दवाओं के असर, परमाणु उद्योग के कर्मियों के कारण होने वाले निम्न स्तरीय विकिरण के मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव से हम भलीभांति परिचित हैं। अध्ययनों से स्पष्ट है कि उच्च विकिरण के संपर्क में आने पर कई प्रकार के कैंसर का भी खतरा पैदा होता है।