Just In
- 27 min ago प्रेग्नेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज होना नॉर्मल है या मिसकैरेज की तरफ इशारा, जानें यहां
- 1 hr ago सफेद कपड़ों पर पड़ गए है पीले दाग, तो लांड्री में बेकिंग सोडा का यूं करें इस्तेमाल
- 2 hrs ago DIY Mosquito Repellent : मच्छरों के काटने से बच्चे का हो गया बुरा हाल, बचाने के लिए करें ये काम
- 2 hrs ago चेहरे का आकार बता सकता है कैसे इंसान हैं आप, यकीन नहीं होता तो ये टेस्ट आजमाकर देख लें
Don't Miss
- Movies 45 साल पहले रिलीज़ हुई फ़िल्म, 1 करोड़ में बनकर कमाई 7 करोड़, डायरेक्टर के बंगले में हुई थी शूट
- News Rajasthan Voting: दूसरे चरण की वोटिंग में भी खुल सकेगा कांग्रेस का खाता, BJP का मिशन-25 फेल
- Finance Bank holiday for Lok Sabha Election 2024: क्या 26 अप्रैल को इन राज्यों में बंद रहेंगे बैंक? देखें ये लिस्ट
- Technology Infnix Note 40 Pro 5G पर शुरू हुई सेल, भारी छूट के साथ घर ले आए फोन
- Automobiles भारत में लॉन्च हुई 2024 Jeep Wrangler Facelift, शानदार डिजाइन और धांसू फीचर्स से है लैस, जानें कीमत?
- Education MP Board Sehore Toppers List 2024: सीहोर जिले के 10वीं, 12वीं के टॉपर छात्रों की सूची
- Travel DGCA ने पेरेंट्स के साथ सफर कर रहे 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बदला नियम, जाने यहां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
आयुर्वेद के इन नुस्खों से आंखों को बनाएं तेज और दुरुस्त
गर्मियों के दिनों में कई बार आंखों में जलन होने लगती है, ऐसा बाहरी तापमान के बढ़ने से शरीर में गर्मी बढ़ने के कारण होता है। आंखें शरीर का सबसे संवदेनशील हिस्सा होती है जिनसे हम सारी दुनिया को देखते हैं। इसलिए आंखों की देखभाल और उनकी सुरक्षा बहुत जरूरी होती है। आंखों को सबसे ज्यादा किसी भी प्रकार के संक्रमण, प्रदूषण और एलर्जी से बचाना चाहिए।
इस बारे में डॉक्टर वसंत लेड ने अपनी किताब 'द कम्पलीट बुक ऑफ आयुर्वेदिक होमरेमेडी’ में लिखा है। उन्होंने आंखों में होने वाले दर्द और जलन के बारे में भी लिखा है कि इससे किस प्रकार छुटकारा पाया जा सकता है। कई बार लगातार स्क्रीन देखने या तेज रोशनी में भी आंखों में दर्द होने लगता है।
आयुर्वेद की भाषा में समझें आंखों का स्वास्थ्य
सबसे पहले आयुर्वेद में आंखों में होने वाली जलन का कारण समझिए। कई बार आंखों में कन्जेक्टिवाईटिस के कारण जलन और लालपन आ जाता है जो कि एक प्रकार का संक्रामक होता है। लेकिन कई बार कंजक्टिवा के कारण भी आंखें ड्राई हो जाती हैं जोकि वात दोष की वजह से होता है।
आंखों में होने वाली जलन शरीर में अम्ल की मात्रा बढ़ने के कारण होती है जोकि पेट में पित्त दोष के परिणामस्वरूप होता है। आपको बता दें कि आयुर्वेद ही नहीं बल्कि मेडीकल जगत में स्पष्ट है कि लिवर और आंखें आपस में लिंक होती हैं। यदि एक में समस्या होती है तो दूसरे पर प्रभाव पड़ता है। लीवर में होने वाली छोटी से छोटी दिक्कत का प्रभाव आंखों के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
'द कम्पलीट बुक ऑफ आयुर्वेदिक होम रेमेडी’ नामक किताब में आंखों के स्वास्थ्य के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है।
• आंखों के स्वास्थ्य के लिए गुलाब जल बहुत सही रहता है। आप एक आई ड्रॉपर में गुलाब जल भर लें जो कि सामान्य तापमान वाला होना चाहिए। ये न ज्यादा ठंडा और न ज्यादा गर्म होना चाहिए। इसे डालने से आंखों की जलन और खुजली दूर हो जाती है।
• आंखों में एक बूंद अरंडी का तेल या क्लस्टर ऑयल डालने से भी जलन दूर हो जाती है। सोने से पहले इसे डालना ज्यादा लाभदायक होता है। लेकिन आपको सुनिश्चित करना होगा कि इस तेल में कोई प्रिर्ज्वेटिव न मिला हुआ हो।
• डा. पी.एस. फाडके के द्वारा लिखी गई किताब, 'होम डॉक्टर’ में आंखों में होने वाले दर्द, सूजन और खुजली के बारे में बताया गया है और इसके घरेलू उपायों का भी वर्णन किया गया है। उन्होंने बताया है कि हल्दी आंखों के लिए वरदान होती है। एक चम्मच हल्दी लें और इसमें दो कप पानी में अच्छे से उबाल लें। जब एक कप पानी रह जाएं, तब इसे उबालना बंद कर दें। अब एक मलमल का कपड़ा लें और इस पानी को तीन से चार बार छान लें। ताकि कोई कण न रहें। इसके बाद इस पानी को आप आईड्रॉप की तरह इस्तेमाल करें। इसे दिन में तीन से चार बार डालने पर आंखें अच्छी हो जाती है।
• धनिया और मेंथी के दानों को भिगोकर बने पानी से आंखें धोने भी आराम मिलता है। ये आंखों लिए आई पैसीफाइर होता है।
• आंखों में जलन होने पर कोल्ड कम्प्रेस करने से आराम मिलता है और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है।
• ताजा दही या ताजा गाय का दूध आंखों पर रखने से भी आराम मिलता है। कहते हैं कि इसे लगाने मात्र से जलन शांत हो जाती है और दर्द भी गायब हो जाता है।
आंखों
की
दृष्टि
को
मजबूत
रखने
के
लिए,
राम
एन
कुमार,
जोकि
एक
आयुर्वेदिक
एक्सपर्ट
हैं
ने
सुझाव
दिये
हैं,
जोकि
निम्न
प्रकार
हैं:
• त्रिफला चूर्ण – ये विटामिन सी के बेस्ट सोर्स होते हैं जोकि मोतियाबिंद को होने से रोकता है।
• आंवला – आंवला में भी विटामिन सी होता है जोकि सबसे बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट होता है। ये इम्यूनिटी को बूस्ट करता है
• पालक – पालक एक हरी पत्तेदार सब्जी होती है जिसमें एंटीऑक्स्ीडेंट और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। साथ ही इसमें विटामिन ए और सी भी पाएं जाते हैं। इसमें आयरन और कैल्शियम की मात्रा भी भरपूर होती है।
• दूध – दूध में राइबोफ्लेमिन भरपूर मात्रा में होता है जोकि आंखों में मोतियाबिंद जैसी समस्या को होने से रोकता है। साथ ही मिल्क में सभी प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जोकि पेट को भी सही बनाएं रखते हैं।
• गाजर – गाजर में बीटा-कैरोटिन होती है जो कि विटामिन ए और डी का भंडार होता है। इसके सेवन आंखों की रोशनी दुरूस्त रहती है।
• बादाम – बादाम सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। इसमें विटामिन ई की मात्रा काफी अधिक होती है जो शरीर को मोलिक्यूल्स के अटैक से बचाता है और शरीर के ऊतकों को हेल्दी बनाता है।
• साइट्रस फ्रूट – नींबू, संतरे आदि बीटा-केरोटिन से भरपूर होते हैं और इसमें विटामिन बी-12 भी होता है जो कि आंखों की रोशनी को अच्छा बना देता है।
इन सभी आयुर्वेदिक टिप्स को अपनाने से आंखों का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।
समरी – आयुर्वेद की किताब में लिखी गई बातों का पालन करने से आंखों की दृष्टि दीर्घकाल तक बनी रहती है। इसके अलावा, अपनी आंखों को दिन में दो तीन बार साफ पानी से धुलें। इससे संक्रमण होने का खतरा नगण्य हो जाता है।