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सर्वे: 50 प्रतिशत गिरा कंडोम का यूज, अबॉर्शन और इमरजेंसी पिल्‍स की दर में आई तेजी

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पिछले 8 सालों में देश में कंडोम के इस्‍तेमाल में 52 प्रतिशत की गिरावट आई है, वहीं नसबंदी कराने के मामले में 75 प्रतिशत तक कमी आई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुषों में गर्भनिरोधक उपायो में दिलचस्‍पी घटी है जिसकी वजह से देशभर में अबॉर्शन और इमरजेंसी पिल्‍स के इस्‍तेमाल की दर में तेजी आई है। मंत्रालय ने यह रिपोर्ट 2008 से 2016 तक के बीच किए गए सर्वे के आधार पर तैयार की है।

विश्‍व स्‍वास्‍थय संगठन की माने तो अगर इसी दर के साथ हमारे देश की जनसंख्‍या बढ़ती रही तो 2014 तक हम 1.7 बिल‍ियन आबादी के साथ चीन को पछाड़कर दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएंगे। इसकी एक वजह सामने है कि क्‍योंकि हमारे देश में आज भी अधिकांश पुरुष गर्भनिरोधक उपाय के इस्‍तेमाल में पीछे है।

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कंडोम ही नहीं नसबंदी को लेकर गिरावट आई है जबकि फैमिली प्‍लानिंग के नाम पर महिलाओं की संख्‍या जस की तस है। आइए जानते है कि इस सर्वे में और क्‍या क्‍या बातें सामने आई है।

केरला में कम, बिहार में ज्‍यादा

इस शोध में सामने आया है कि उच्‍च वर्ग, निम्‍न वर्ग यहां तक की पढ़े लिखे युवा आखिरी मिनट में इस्‍तेमाल किए जाने वाले गर्भनिरोध का इस्‍तेमाल कर रहे है। स्‍वास्‍थय मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश के सबसे साक्षर राज्‍य केरल में 42 प्रतिशत तक कंडोम के उपयोग में गिरावट आई है जबकि सबसे कम साक्षर राज्‍य बिहार के पुरुषों में चार गुना कंडोम के उपयोग को लेकर सर्तकता बढ़ी है।


फैमिली प्‍लानिंग महिलाओं की जिम्‍मेदारी

पुरुषों द्वारा गर्भनिरोधक उपायों का इस्तेमाल न करने का नतीजा यह है कि महिलाओं को इसकी जिम्मेदारी उठानी पड़ती है और उन्हें IUD या फिर गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करना पड़ता है जिसका कई बार महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इस सर्वे के अनुसार 2008-09 में अनचाहे गर्भ से बचने के लिए लगभग 5.5 मिलियन इंट्रायूटरिन गर्भ निरोधक उपकरण का सहारा लिया है।


इमरजेंसी पिल्स का इस्तेमाल बढ़ा

एक तरफ जहां पिछले 8 सालों में पुरुषों में कंडोम और दूसरेगर्भनिरोधकों के इस्तेमाल में कमी आई है वहीं इमरजेंसी कॉन्ट्रसेप्टिव पिल्स के इस्तेमाल में 100 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लेकिन जैसा कि नाम से पता चल रहा है इमरजेंसी पिल्स का इस्तेमाल सिर्फ इमरजेंसी के वक्त ही करना चाहिए और उसे नियमित गर्भनिरोधक गोलियों की जगह इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इन इमरजेंसी पिल्स के कई साइड इफेक्ट्स होते हैं जिसमें इन्फर्टिलिटी, पीरियड्स साइकल में गड़बड़ी और पीरियड्स के दौरान जरूरत से ज्यादा ब्लीडिंग जैसी समस्याएं शामिल हैं।

दो गुनी हुई गर्भपात की समस्‍या

पुरुषों के कंडोम और नसबंदी जैसे पारंपारिक गर्भनिरोधक उपायों में आई कमी की वजह से सिर्फ इमरजेंसी पिल्स ही नहीं बल्कि पिछले 8 सालों में देशभर में अबॉर्शन्स की संख्या भी दोगुनी हो गई है। बहुत से मामलों में तो महिलाएं डॉक्‍टर्स के पास जाने के बजाय खुद ही दवाइयां खाकर अनचाहे गर्भ को खत्म करने की कोशिश करती हैं, जिसकी वजह से कई ब्‍लीडिंग, सर्विक्‍स डैमेज और इंफेक्‍शन जैसे बार घातक परिणाम देखने को मिलते है।

English summary

Condom use Declines by 50%, Abortion and Emergency Pills Rate is Increased

According to the research by the ministry of health, the use of contraceptives at large declined by 35 per cent in these eight years.
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