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EXAM के नाम से बच्चे के अंदर हो रही है घबराहत तो ऐसे करे दूर
साल भर पढ़ने के बाद जब परीक्षा का समय आता है तब काफी सारे बच्चे एक दम से घबरा जाते हैं। उन्हें एक तो अपने एग्जाम में अच्छे नंबर लाने का प्रेशर होता है वहीं दूसरी ओर अपने माता-पिता की उम्मीदों पर खरा ना उतर पाने का डर भी होता है।
ऐसे में बच्चा काफी ज्यादा तनाव में आ जाता है, जिसके चलते उसके अंदर कुछ शारीरिक लक्षण जैसे लगातार सिर दर्द, बदन दर्द, पाचन शक्ति कमजोर होना, साँस लेने में तकलीफ, बार-बार अस्थमा के अटैक पड़ना, तनाव में बेचैन रहना आदि दिखाई देने लगते हैं। यही नहीं बच्चे इतना प्रेशर में आ जाते हैं कि वह उन्हें ना तो कुछ याद हो पाता है और ना ही वो एग्जाम में कुछ लिख पाते हैं।
परीक्षा का तनाव अगर छात्रों को परेशान कर रहा है तो उनसे बात करें। डॉक्टरों का कहना है कि इन दिनों विद्यार्थी स्कूल से ज्यादा घर में रहता है। परीक्षा का दबाव भी होता है। ऐसे में कई बार वह इसे बोल कर जाहिर नहीं कर पाता है। लेकिन अगर कोई शारीरिक परेशानी हो रही है तो पैरेंट्स को उस पर ध्यान देना चाहिए।
मां बाप को समझना चाहिये कि वह अपने बच्चों पर इतना प्रेशर ना डालें कि बाद में उन्हें डॉक्टर के पास ले जाना पड़े। उन्हें घर पर भी ऐसा माहौल बना कर नहीं रखना चाहिये जिससे बच्चे को लगे कि पढ़ाई में अच्छे नंबर नहीं आएंगे तो उसकी जिंदगी खतरे में है।
एग्जाम समय में सबसे ज्यादा जरूरी है कि घर में सकारात्मक वातावरण बना कर रखें और उन पर अनावश्यक दबाव न बनाए। दूसरी जरूरी बात कि पढ़ाई के साथ ही युवाओं की शारीरिक गतिविधियाँ भी लगातार जारी रहनी चाहिए। साथ ही खाने-पीने पर विशेष ध्यान दें।
बेहतर खान-पान
वैसे तो बच्चों को हमेशा ही ढंग का हेल्दी फूड खाना चाहिये मगर परीक्षा के दिनों में यह और भी जरुरी हो जाता है। हेल्दी खाने के साथ साथ पर्याप्त मात्रा में पानी भी जरूर पीना चाहिए इससे दिमाग तर रहता है।
ताजा, हल्का और घर का बना खाना बच्चों का एनर्जी लेवल और एकाग्रता बढ़ाता है। आप चाहें तो बच्चे को ओट मील बना कर खिला सकती हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है, जिससे हमारा शरीर सेरोटिन प्रोड्यूस करता है। सेरोटिन मूड अच्छा करने का काम करता है और मन को शांति और आराम का एहसास कराता है।
योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई
परीक्षा के दौरान तनाव को कम करने और सफलता के लिए जरूरी है कि पढ़ाई योजनाबद्ध तरीके से की जाए। विषयों और समय को सही तरीके से बांटकर नियमित अध्ययन करना, लाभदायक होता है।
प्राणायाम या एक्सरसाइज करें
योग या प्राणायाम करने से दिमाग से तनाव चला जाएगा और आप अच्छा महसूस करेंगे। इसमें धीमी, गहरी सांस लेने से रक्तचाप कम करने में भी मदद मिलती है। ब्रेक के दौरान आप कभी भी इसे कर सकते हैं। इसके अलावा थोड़ी बहुत एक्सरसाइज करनी भी काफी जरुरी है, जिससे आपका मन खुश रहेगा।
ब्रेक लीजिये
अगर आप माता पिता के डर से घंटों कुर्सी पर चिपक कर बैठे रहते हैं तो ऐसा ना करें क्योंकि इससे तनाव हो सकता है। बीच-बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लेते रहें। इससे आप तरोताजा तो रहेगें ही साथ ही रिविजन भी अच्छा होगा।
हमेशा पॉजिटिव सोंचे
चाहे कैसी भी स्थितियां आये। अपनी सोच सकारात्मक रखे। अगर आपकी सोच नकारात्मक हो गयी तो आप किसी भी समस्या का समाधान नहीं कर सकते। साथ में आपको इससे केवल परेशानी ही होगी जबकि पॉजिटिव थिंकिंग के बल पर आप बड़ी से बड़ी समस्या का हल आसानी से निकाल सकते है।
गहरी और अच्छी नींद लें
गहरी नींद लेना तनाव दूर करने का सबसे उपयुक्त तरीका होता है। आप खुद इसे आजमा के देख ले। जब हम गहरी नींद लेते है तो तब हमें काफी रिलैक्स मिलता है और हम बेहतर महसूस करते है। आप जब भी तनाव महसूस हो आप एक अच्छी सी नींद ले। वैसे एक दिन में हर व्यक्ति को 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए।