Just In
- 27 min ago प्रेग्नेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज होना नॉर्मल है या मिसकैरेज की तरफ इशारा, जानें यहां
- 1 hr ago सफेद कपड़ों पर पड़ गए है पीले दाग, तो लांड्री में बेकिंग सोडा का यूं करें इस्तेमाल
- 2 hrs ago DIY Mosquito Repellent : मच्छरों के काटने से बच्चे का हो गया बुरा हाल, बचाने के लिए करें ये काम
- 2 hrs ago चेहरे का आकार बता सकता है कैसे इंसान हैं आप, यकीन नहीं होता तो ये टेस्ट आजमाकर देख लें
Don't Miss
- Movies 45 साल पहले रिलीज़ हुई फ़िल्म, 1 करोड़ में बनकर कमाई 7 करोड़, डायरेक्टर के बंगले में हुई थी शूट
- News Rajasthan Voting: दूसरे चरण की वोटिंग में भी खुल सकेगा कांग्रेस का खाता, BJP का मिशन-25 फेल
- Finance Bank holiday for Lok Sabha Election 2024: क्या 26 अप्रैल को इन राज्यों में बंद रहेंगे बैंक? देखें ये लिस्ट
- Technology Infnix Note 40 Pro 5G पर शुरू हुई सेल, भारी छूट के साथ घर ले आए फोन
- Automobiles भारत में लॉन्च हुई 2024 Jeep Wrangler Facelift, शानदार डिजाइन और धांसू फीचर्स से है लैस, जानें कीमत?
- Education MP Board Sehore Toppers List 2024: सीहोर जिले के 10वीं, 12वीं के टॉपर छात्रों की सूची
- Travel DGCA ने पेरेंट्स के साथ सफर कर रहे 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बदला नियम, जाने यहां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
स्मार्टफोन भी बना सकता है आपको अंधा, जानिए कैसे?
आजकल स्मार्टफोन ने हमारे जीवन में प्रवेश कर लिया है इसलिये हमारा सोने का तरीका भी बदल गया है। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि बिस्तर पर लेटकर नोटिफिकेशन की जांच करने से हमारी आंखों को नुकसान पहुंचता है।
टोलेडो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना है कि स्मार्टफोन स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी अंधेपन का कारण बन सकती है। हां, आपने सही पढ़ा है। अध्ययन में पाया गया है कि नीली रोशनी हमारी आंख की रेटिना में ज़हरीली प्रतिक्रियाओं को जन्म देती है, जो रोशनी को समझती है और मस्तिष्क को संकेत देती है। नतीजतन, ज़हरीले रासायनिक प्रतिक्रियाएं आंखों में फोटोरिसेप्टर्स को मारने लगती हैं, जिनको एक बार खराब होने के बाद दुबारा सही नहीं किया जा सकता है।
मोबाइल स्क्रीन से आंखों की रक्षा कैसे करें?
जर्नल, वैज्ञानिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि इससे मैकुलर अपघटन होता है, जो आंख की एक बीमारी है, जो अंधेपन का कारण बनती है। मैकुलर अपघटन को आयु से संबंधित मैकुलर अपघटन के रूप में भी जाना जाता है और वे दो प्रकार के होते हैं- शुष्क मैकुलर अपघटन, नम मैकुलर अपघटन।
जब रेटिना के नीचे छेददार रक्त वाहिकाओं का विकास होता है, तो इसे नम मैकुलर अपघटन कहा जाता है और शुष्क मैकुलर अपघटन तब होता है जब रेटिना का केंद्र खराब हो जाता है।
शोधकर्ता भी इस पर अध्ययन कर रहे हैं कि टीवी, स्मार्टफोन और टैबलेट से आने वाली ब्लू लाइट हमारे स्वास्थ्य के लिये कितनी हानिकारक है।
स्मार्टफोन लाइट की चमक से अपनी आंखों को बचाने के कुछ आसान तरीके यहां दिए गए हैं:
1.
थोड़ी
देर
के
लिए
अपनी
आंखों
को
आराम
दें
2.
अकसर
अपनी
पलकों
को
झपकाते
रहें
3.
अपने
स्मार्टफोन
की
ब्राइटनेस
को
कम
रखें
4.
अपने
स्मार्टफ़ोन
को
दूर
से
पकड़ें
5.
सोने
से
पहले
अपने
फोन
को
स्विच
ऑफ
कर
दें
6.
स्क्रीन
की
चमक
और
कंट्रास्ट
को
एडजस्ट
करें
7.
पानी
के
साथ
अपनी
आंखें
झपकाएं
1. थोड़ी देर के लिये अपनी आंखों को आराम दें
हर 20 मिनट के बाद, 20 सेकंड के लिए अपनी स्क्रीन को देखने से ब्रेक लें और फिर 20 फीट दूर देखें। ऐसा करने से थोड़ी देर के लिए आपकी आंख की मांसपेशियों को आराम मिलेगा और आपकी आंखें कुछ आराम कर सकेंगी।
2. अकसर अपनी आंखों को झपकाते रहें
जब आप अपने स्मार्टफोन पर ध्यान केंद्रित कर रहे होते हैं तो आप अपनी पलकों को झपकाना भूल जाते हैं यानि उनके ब्लिंक करने की दर कम हो जाती है। इस वजह से आंसू आपकी आंखों की सतह से सूख जाते हैं और आंखों में जलन, लालिमा, दर्द और धुंधली दृष्टि की समस्या पैदा हो जाती है।
अधिक बार झपकाने से आपकी आंखें गीली बनी रहेंगी और जलन-सूखापन कम हो जाएगा। तो, सुनिश्चित करें कि आप अपनी आंखों को हर 20 मिनट में 10 बार झपकाएं।
3. अपने स्मार्टफोन की ब्राइटनेस को कम कर दें
स्मार्टफोन की ब्राइटनेस आपकी आंखों को जल्दी थका सकती है, इसलिये सुनिश्चित करें कि आपका फोन एंटी-ग्लेयर ग्लास से तैयार किया गया हो। यह ब्राइटनेस से आपकी आंखों की रक्षा करेगा। आप अपने डिवाइस पर नीली रोशनी को कम करने के लिए ब्राइटनेस कम करने वाला ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं।
4. अपने स्मार्टफोन को दूर से पकड़ें
आमतौर पर, ज़्यादातर लोग बेहतर या नज़दीक देखने के लिए अपने चेहरे से केवल 8 इंच की दूरी पर अपने स्मार्टफोन को पकड़ते हैं। यह आपकी आंखों के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि नीली रोशनी आपकी आंखों को प्रभावित कर सकती है। अपनी आंखों से कम से कम 16 से 18 इंच दूर करके अपने स्मार्टफोन को पकड़ने का प्रयास करें। जब आप ऐसा पहली बार करते हैं तो यह अजीब लग सकता है, लेकिन धीरे-धीरे आपको इसकी आदत पड़ जाएगी।
5. सोने से पहले अपने फोन को बंद कर दें
नेशनल स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक, नीली रोशनी हार्मोन मेलाटोनिन के उत्पादन को रोकती है जिससे आपकी नींद भी प्रभावित हो सकती है। मेलाटोनिन नींद चक्रों के विनियमन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसका उत्पादन आपके स्मार्टफ़ोन की नीली रोशनी के कारण होता है। इसलिये, सोने से कम से कम 30 मिनट पहले अपने फोन को स्विच ऑफ कर दें।
6. स्क्रीन की चमक और कॉन्ट्रास्ट को एडजस्ट करें
आपके तनाव और आंखों की रक्षा करने के तरीकों में से एक है, स्मार्टफोन की चमक और उसके कॉन्ट्रेस्ट को समायोजित करना। बहुत अधिक या बहुत कम स्क्रीन की चमक होने से आपकी आंखों में तनाव पैदा हो सकता है और आपकी आंखें आराम नहीं कर पाएंगी। इसलिये, एक निश्चित हद तक आंखों के तनाव को कम करने के लिए चमक और कॉन्ट्रास्ट सेटिंग्स को समायोजित करें।
7. पानी के साथ अपनी आंखों को झपकाएं
स्मार्टफोन की निरंतर चमक से अपनी आंखों को बचाने का एक और तरीका है। अपनी आंखों पर पानी से अकसर छिड़काव करना चाहिए। पानी के साथ अपनी आंखों को झपकाने से आंखों का सूखापन कम होगा और आंखों से जुड़ी समस्याएं भी खत्म हो जाएंगी। यह धुंधली दृष्टि जैसी समस्याओं को कम करेगा और आपकी आंखों को बेहतर ध्यान केंद्रित करने में सहायता करेगा।
वैसे तो स्मार्टफोन आंखों के लिये नुकसानदायक है, लेकिन आप इन आसान चीज़ों को लागू करके अपनी आंखों के नुकसान को कम कर सकते हैं।