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मडुआ का आटा नहीं है किसी देसी दवा से कम, ब्रेस्‍ट मिल्‍क बढ़ाने से लेकर चेहरा न‍िखारे

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मडुआ और रागी को कई अलग-अलग स्‍थानीय नामों से जाना जाता है। जहां उत्तराखंड के कुमांऊ में क्षेत्र में इसे मडुआ के नाम से जाना जाता है तो वहीं तेलगु और कन्‍नड़ भाषा में इसे रागी के नाम से जाना जाता है। रागी या मडुआ के आटा पोष्टिक तत्‍वों से भरपूर अनाज की एक किस्‍म है जिसका इस्‍तेमाल रोटी, सूप, जूस, उपमा, डोसा, केक, चॉकलेट, बिस्किटस, चिप्स, और आर्युवेदिक दवा के रूप में होता है।

कई घरो में मडुए के आटे को गेंहू के आटे के साथ मिलाकर रोटी बनाकर खाई जाती है। ये शरीर को कई बीमार‍ियों से न‍िजात द‍िलाता है। मडुआ के आटे में केल्शियम, प्रोटीन, ट्रिपटोफैन, आयरन, मिथियोनिन, रेशे, लेशिथिन जैसे पौष्टिक तत्‍व पाएं जाते हैं। आइए जानते है इससे होने वाले फायदों के बारे में।

हड्डियों को रखे मजबूत

हड्डियों को रखे मजबूत

मडुआ या रागी के आटे में 80 प्रतिशत कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है। रागी या मडुआ का आटा हड्डियों में ऑस्टियोपोरोसिस होने से बचाने में सहायक है।

चेहरे को रखें जवां

चेहरे को रखें जवां

मडुआ का आटा खाने से स्किन हमेशा जवां बनी रहती है। इसमें मौजूद एमिनो एसिड की मदद से स्किन टिश्‍यू झुकते नहीं है जिससे झुर्रियां नहीं पड़ती हैं। इसके अलावा रागी या मडुआ विटामिन डी का भी अच्छा सोर्स है। रागी की रोटी खाने से और रागी त्वचा को खूबसूरत बनाने में सहायक होता है। इससे न‍िर्मित रागी फेस पैक, फेस मास्क त्वचा से दाग, धब्बे मिटाने में खास सहायक है।

एनिमिया में फायदेमंद

एनिमिया में फायदेमंद

मडुआ का आटा आयरन का मुख्‍य स्‍त्रोत है। एनिमिया से जूझ रहे और कम हिमोग्लोबिन वाले मरीजों के लिए यह लाभदायक है। खासकर महिलाओं को तो इसका सेवन करना चाह‍िए। अगर रागी को अंकुरित करके खाया जाए तो विटामिन सी का लेवल और बढ़ जाता है और आयरन शरीर में आसानी से पच जाता है और खून में आसानी से मिल जाता है।

 कब्‍ज से छुट्टी

कब्‍ज से छुट्टी

मडुआ खाने से पेट की गैस कब्ज की समस्या कम होती है और पाचन शक्ति सुचारू होती है। रागी या मडुआ एक ऐसा अनाज है जो जल्दी पच जाता है।

स्‍ट्रेस से उबारे

स्‍ट्रेस से उबारे

मडुआ के आटे में एमिनो एसिड, एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो प्राकृतिक तरीके से आपको तनाव मुक्त रखतें हैं। माइग्रेन की बीमारी में भी रागी बेहद फायदेमंद है। ये आपको स्‍ट्रेस फ्री भी रखता है।

वजन नहीं बढ़ने देता

वजन नहीं बढ़ने देता

मडुआ के आटे में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसे खाने के बाद पेट अधिक समय तक भरा-भरा रहता है, इससे भूख कम लगती है और वजन कम होने में मदद भी मिलती है। इसके अलावा मडुआ के आटा ब्लड शुगर लेवल को भी कम करती है।

ब्रेस्‍ट मिल्‍क में बढ़ावा

ब्रेस्‍ट मिल्‍क में बढ़ावा

जो माएं कम ब्रेस्‍टमिल्‍क के उत्‍पादन की समस्‍या से जूझ रही हैं। उन महिलाओं को रोजाना मडुआ की रोटी का सेवन करना चाह‍िए। इसमें पाया जाने वाला फोलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, विटामिंस से महिलाओं को पूरा मिनरल्‍स की पूर्ति आसानी होती है और ब्रेस्‍टमिल्‍क का उत्‍पादन होता है।

English summary

Seven reasons why eating Madua flour is a great idea

Finger Millet is considered one of the most nutritious cereals. It has different names in local languages. It is known as Ragi in Telugu and Kannada and Madua in Hindi. know the reason why you should add ragi or madua in ur diet.
Story first published: Tuesday, September 18, 2018, 11:34 [IST]
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